प्रलेस का राज्य सम्मेलन: 'संवैधानिक जनतंत्र की रक्षा के लिए क़लमकारों को आगे आना ही होगा'
“शांति के मसीहा बुद्ध, नानक और कबीर के जरिए संजोई गयी हमारे देश की परम्परा दुनिया में सबसे पुरानी है। यह एक ऐसी साझी विरासत है, जो हमें दुनिया के समक्ष गर्व करने लायक बनाती है, उसकी रक्षा साहित्य और संस्कृति कर्मियों को एकजुट होकर करनी होगी”।
यह विचार प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. सुखदेव सिंह सिरसा के हैं। वह उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हिन्दी भवन में आयोजित प्रगतिशील लेखक संघ के बारहवें राज्य सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। विभिन्न सत्रों में बांटकर हुए इस सम्मेलन की थीम 'जनतंत्र की रक्षा में लेखक' रखी गई थी।
कार्यक्रम में प्रलेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्धा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति विभूति नारायण राय ने अपने संबोधन में कहा कि जबतक देश का संविधान है और वह सुरक्षित है, तबतक देश भी सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि मौजूदा समय में संविधान को लेकर सांप्रदायिक ताकतें खास तरह की सांप्रदायिक सोच पैदा करने में लगी हुई हैं और ऐसा करके देश को एक खास केंद्र पर लाना चाहती हैं। उनका यह कृत्य इन ताकतों की सांप्रदायिक-जातिवादी राजनीति को पुष्ट करता है, जिसे आम जनमानस समझने लगा है।
इस अवसर पर प्रलेस के प्रांतीय अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध कवि नरेश सक्सेना व इप्टा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राकेश वेदा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ आलोचक एवं हरिश्चन्द्र कालेज वाराणसी के पूर्व प्राचार्य डॉ. गया सिंह ने किया। संचालन प्रलेस के प्रांतीय महासचिव डॉ. संजय श्रीवास्तव ने किया।
संगोष्ठी के पहले सत्र में 'अभिव्यक्ति के ख़तरे उठाने ही होंगे' पर परिचर्चा हुई। इसमें देश के प्रसिद्ध साहित्यकारों ने अपने विचार प्रकट किए। इस परिचर्चा के अध्यक्ष मण्डल में वीरेंद्र यादव, चौथीराम यादव, शाहिना रिज़वी शामिल थे जबकि मुख्य वक्ता बीएचयू के प्रोफेसर और आलोचक आशीष त्रिपाठी थे। परिचर्चा में रघुवंशमणि, खान अहमद फारूक, प्रियदर्शन मालवीय, एम.पी. सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए। सत्र का संचालन आनंद शुक्ल ने किया और आभार ज्ञापन कलीमुल हक़ ने किया।
राज्य सम्मेलन में परिचर्चा का दूसरा सत्र 'विकलांग श्रद्धा का दौर' था। इसके अध्यक्ष मण्डल में प्रो. अनीता गोपेश, प्रो. आर.एन. राय, प्रो.अवधेश प्रधान रहे जबकि मुख्य वक्ता प्रो. सूरज बहादुर थापा और वक्ता सुरेंद्र राही, डॉ. बसंत त्रिपाठी, प्रो. मनोज सिंह रहे। संचालन डॉ. वंदना चौबे ने किया और आभार डॉ. नगीना जबीं द्वारा किया गया।
परिचर्चा के बाद सांगठनिक सत्र हुआ। फिर प्रेमचंद की कहानी 'पूस की रात' पर आधारित एकल अभिनय आगरा डॉ. विजय शर्मा ने किया। अंत में नरेश सक्सेना के कविता-पाठ से सम्मेलन का समापन हुआ।
आयोजन में स्वागत वक्तव्य हिंदी भवन के संरक्षक अजय कुमार ने दिया। इस मौके पर जेपी सिंह, सालिग राम पटेल, किरण शंकर रघुवंशी, डॉ. आनंद तिवारी, प्रो. धीरेंद्र पटेल, आर.पी. सोनकर, डॉ. अख़्तर सईद, प्रो. गोरखनाथ, डॉ. के.एल. सोनकर सहित बड़ी संख्या में प्रदेश भर से साहित्यकार इस सम्मेलन में शामिल हुए।
उद्घाटन सत्र के आरंभ में पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई और जनगीत प्रस्तुत किए गए।
इस मौके पर यूपी प्रलेस की नई राज्य कार्यकारिणी का भी गठन किया गया। प्रलेस के मीडिया सचिव वीरेंद्र मिश्र दीपक के अनुसार नवगठित राज्य कार्यकारिणी
इस प्रकार है—
संरक्षक मण्डल: काशीनाथ सिंह, शारिब रुदौलवी, चौथीराम यादव, हरीचरन प्रकाश, अजीत पुष्कल, महेश अश्क, अली अहमद फातमी, जवाहर लाल कौल 'व्यग्र', शाहिना रिज़वी, उपेंद्र प्रसाद, फख़रुल करीम
अध्यक्ष: नरेश सक्सेना, अध्यक्ष मण्डल : वीरेंद्र यादव, शकील सिद्दीकी, स्वप्निल श्रीवास्तव, राजकुमार,संजय कुमार, श्रीप्रकाश शुक्ल, सुरेंद्र राही, अनीता गोपेश, गया सिंह, ज्योत्स्ना रघुवंशी, सूरज बहादुर थापा
कार्यकारी अध्यक्ष: रघुवंशमणि
उपाध्यक्ष मण्डल : शिव कुमार पराग, ओम प्रकाश नदीम, खान अहमद फारूक, गोरखनाथ, नगीना जबीं, अशरफ अली बेग, संजय राय, द्वारिका सिंह
महासचिव: संजय श्रीवास्तव, उपमहासचिव: आनंद शुक्ल, संध्या नवोदिता
सचिव मण्डल: वंदना चौबे, कलीमुल हक़, नीरज खरे, मो. नईम, हसीन खान, विजय शर्मा। कोषाध्यक्ष: निश्चला शर्मा। मीडिया सचिव: वीरेंद्र मिश्र 'दीपक'।
सदस्य कार्यकारिणी: राकेश वेदा (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष-इप्टा), शहजाद रिज़वी (प्रांतीय महासचिव - इप्टा), प्रो. आशीष त्रिपाठी, डॉ. फ़िदा हुसैन, रामचन्द्र सरस, राज पप्पन, आनंद मालवीय, आनंद तिवारी, जे.पी. सिंह, भरत शर्मा, विवेक मिश्र, प्रो. मनोज सिंह, प्रो. अनुराग यादव, डॉ. ज्योति किरण, प्रो. निरंजन सहाय, प्रो. प्रभाकर सिंह, प्रो. धीरेंद्र पटेल, डॉ.नरेश कुमार, डॉ. अमरजीत राम, डॉ. वसीमुद्दीन जमाली, डॉ. ब्रजेन्द्र मिश्र, अशोक आनंद, डॉ. शशिभूषण मिश्र, डॉ.चंद्रशेखर सिंह, राजेंद्र यादव, अयोध्या तिवारी, आर.पी. सोनकर, डॉ. वी.सी. यादव, डॉ. इन्दु श्रीवास्तव, के.एम. अग्रवाल एवं प्रकर्ष मालवीय सहित प्रदेश की सभी ज़िला इकाइयों के अध्यक्ष व सचिव राज्य कार्यकारिणी के पदेन सदस्य होंगेl
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