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पुडुचेरी : बीजेपी विधायकों में पदों लिए विवाद, अभी तक नहीं हुआ कैबिनेट का गठन

पार्टी के सदस्य सत्ता के लिए पार्टी के ख़िलाफ़ ही बग़ावत कर रहे हैं, ऐसे में बीजेपी को अपनी दवा का ही स्वाद मिल रहा है।
बीजेपी
तस्वीर सौजन्य : द हिन्दू

पुडुचेरी में मंत्री पदों के लिए भारतीय जनता पार्टी के अंतर्गत विवाद बढ़ता जा रहा है। बीजेपी के अंदर का विवाद, और बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस(एआईएनआरसी) के बीच के विवाद की वजह से 7 मई को मुख्यमंत्री की शपथ के बाद से अब तक कैबिनेट का गठन नहीं हो पाया है।

पार्टी के सदस्य सत्ता के लिए पार्टी के ख़िलाफ़ ही बग़ावत कर रहे हैं, ऐसे में बीजेपी को अपनी दवा का ही स्वाद मिल रहा है। एआईएनआरसी अहम मंत्रालयों के लिए भाजपा के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर रही है जबकि भगवा पार्टी को अपने ही सदस्यों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बीजेपी विधायक ए जॉन कुमार के समर्थकों ने 19 जून को उनके लिए कमराज नगर से मंत्री पद की मांग करते हुए झंडे पोस्टर फाड़ कर पार्टी मंत्रालय पर ताला लगा दिया था। 2016 तक डीएमके के साथ रहने के बाद ए जॉन कुमार इस साल की शुरूआत में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे। 

'एक हफ़्ते में कैबिनेट का गठन'

चुनाव के नतीजे 2 मई को घोषित हुए थे, और एआईएनआरसी के नेता एन रंगस्वामी ने 7 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नतीजों के 50 दिन से ज़्यादा बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री कैबिनेट का गठन करने में असफल हैं।

कैबिनेट के शपथ ग्रहण पर इशारा किए बिना सीएम ने बीजेपी और एआईएनआरसी के बीच के झगड़े पर चुप्पी साधी हुई थी। काफ़ी झिझक के बाद उन्होंने टाइम्स नाउ को जवाब देते हुए कहा कि एक हफ़्ते के भीतर कैबिनेट गठन का काम पूरा कर लिया जाएगा।

पुडुचेरी के एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, "मुख्यमंत्री ने सिर्फ़ मीडिया के सवालों पर प्रतिक्रिया दी है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनकी भाजपा और अपने ही विधायकों को मनाने की कोई योजना है। ऐसा लगता है कि भाजपा ने बारी-बारी से सदस्यों को मंत्रियों के रूप में नियुक्त करने की योजना पर काम किया है। लेकिन हमें आधिकारिक पुष्टि का इंतज़ार करना होगा।"

बीजेपी के सभी 6 विधायक मंत्री पद चाहते हैं जिसके बाद से चीज़ें मुश्किल हो गई हैं। एआईएनआरसी के साथ हुए समझौते के अनुसार बीजेपी को 2 मंत्री पद और स्पीकर पद मिलना था।

कांग्रेस के पूर्व कद्दावर नेता, ए नामसिवयम ने कथित तौर पर उसी तरह की विशेषताओं के साथ कैबिनेट में अपना प्रवेश सुनिश्चित किया है जो उनके पास पिछले शासन के दौरान थीं।

विधायक के समर्थकों ने बीजेपी मुख्यालय पर ताला लगाया

जॉन कुमार के समर्थकों ने उनके लिए मंत्री पद की मांग करते हुए बीजेपी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। समर्थकों ने कथित तौर मंत्री पद न मिलने की वजह से 21 जून को काले झंडों के साथ भी प्रदर्शन किया।

एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया, "बीजेपी अपनी ही गंदी राजनीति का नतीजा भुगत रही है। पार्टी और जिनसे पद का वादा किया गया था, उनकी सत्ता के लिए भूख का खुलासा हो रहा है। उनकी ऐसी प्रतिक्रियाएं अपरिहार्य हैं।"

जॉन कुमार एन रामास्वामी की कैबिनेट में अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए अपने बेटे विधायक रिचर्ड जॉन कुमार के साथ पार्टी के बड़े नेताओं से मिलने दिल्ली भी गए थे।

वरिष्ठ पत्रकार ने बताया, "इस सब के दौरान, पुडुचेरी की जनता के लिए महामारी का समय बहुत तकलीफ़देह रहा है। मामले कम हो गए हैं, लेकिन कैबिनेट बनाने के लिए जनादेश के बावजूद लोगों को हमेशा एनडीए और ख़ासकर बीजेपी की अक्षमता याद रहेगी।

विधायक जॉन कुमार पर उनके कांग्रेस के दिनों में आयकर के छापे पड़े थे। पिछले साल दिसंबर में जब वह पुडुचेरी के बीजेपी प्रमुख से मिले थे, तब उनके पार्टी बदलने के कयास लगाए गए थे।

इसके बाद, उन्होंने इस साल 16 फरवरी को अपना इस्तीफ़ा दे दिया, जिससे वी नारायणस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Puducherry BJP Legislators Fight for Berths, Cabinet Formation Pending After 50 Days of Poll Results

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