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राहुल गांधी की सज़ा पर रोक,संसद सदस्यता बहाली का रास्ता साफ़ 

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में राहत देते हुए उनकी सज़ा पर रोक लगा दी है। कांग्रेस ने इसे नफ़रत के ख़िलाफ़ मोहब्बत की जीत बताया है। 
rahul gandhi

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी उपनाम से जुड़ी टिप्पणी को लेकर 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। इसी के साथ नियम के अनुसार उनकी संसद सदस्यता बहाली का रास्ता भी साफ़ हो गया है। साथ ही वे अगला चुनाव लड़ने के योग्य भी हो गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आज उनकी सज़ा पर रोक लगाते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फ़ैसले पर भी सवाल उठाए और कई टिप्पणियां कीं। 

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है।
पीठ ने कहा, “निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।”

शीर्ष अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। 

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि “सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?”
आज सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए राहुल गांधी के वकील ने कहा कि गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है, क्योंकि वह मोढ़ वणिक समाज से आते हैं।

पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। राहुल गांधी ने सभा में टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे है?

कांग्रेस नेता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ से कहा कि उनका मुवक्किल कोई कुख्यात अपराधी नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए जाने के बावजूद उन्हें किसी भी मामले में कोई सजा नहीं हुई है।

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर कांग्रेस में खुशी का माहौल है। कांग्रेस ने इस फ़ैसले को नफ़रत के ख़िलाफ़ मोहब्बत की जीत बताया।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘‘हम राहुल गांधी जी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने वाले माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। यह राहुल गांधी जी का दृढ़ विश्वास है। न्याय की जीत हुई है। कोई भी ताकत जनता की आवाज को दबा नहीं सकती।’’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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