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राजस्थान : कृषि बजट में योजनाओं का अंबार, लेकिन क़र्ज़माफ़ी न होने से किसान निराश

राज्य के बजटीय इतिहास में पहली बार कृषि बजट पेश कर रही गहलोत सरकार जहां इसे किसानों के हित में बता रही है वहीं विपक्ष और किसान नेता इसे खोखला और किसानों के साथ धोखा क़रार दे रहे हैं।
Ashok Gehlot

"किसान हमारी अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। प्रदेश की राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 30% कृषि संबंधित गतिविधियों से आता है और उससे भी महत्वपूर्ण है कि कृषि पर लगभग 85 लाख परिवारों का जीवन यापन निर्भर है।"

ये बातें पहली बार अलग से कृषि बजट पेश करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने भाषण में कहीं। सीएम गहलोत ने हरित क्रांति के अगुआ एम एस स्वामीनाथन को उद्धृत करते हुए कहा कि अगर देश में कृषि की स्थिति ठीक नहीं है तो किसी अन्य क्षेत्र में प्रगति संभव नहीं है। हालांकि इस बजट से कर्जमाफी और एमएसपी की उम्मीद कर रहे किसानों को निराशा ही हाथ लगी है। किसान संगठनों का कहना है कि गहलोत सरकार का यह बजट आम बजट से अलग है, लेकिन किसानों को जो चाहिए था वो देने में सरकार ने संकोच किया है।

बता दें कि राजस्थान के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 30 प्रतिशत है, लेकिन बजट 5.92 प्रतिशत यानी 78 हजार 938 करोड़ 68 लाख रुपए का ही मिला है। हालांकि यह राशि 2021-22 के संशोधित बजट अनुमानों से 11.68 प्रतिशत ज्यादा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश करते हुए कहा कि प्रदेश के 85 लाख परिवार कृषि पर निर्भर हैं, हमारी सरकार अगले 5 साल में राजस्थान को कृषि के अग्रणी प्रदेशों में लाएगी।

क्या ख़ास है कृषि बजट में?

राजस्थान के कृषि बजट में राज्य सरकार ने किसानों के लिए कई तरह की घोषणाएं की हैं। इस बजट में सिंचाई योजनाओं पर फोकस है। माइक्रो इरीगेशन पर और सब्सिडी देने की बात कही गई है। बिजली कनेक्शन और दिन में बिजली का वादा भी है, तो वहीं मुफ्त बीज, छुट्टा पशुओं के लिए गौशाला आदि की भी घोषणा है। लेकिन सबसे जरूरी कर्ज़माफी की घोषणा का इंतजार कर रहे किसानों के हाथ अभी भी खाली ही हैं।

इस बजट में कई योजनाओं पर जोर दिया गया है, तो कई का विस्तार भी हुआ है। पिछले बजट में 2 हजार करोड़ रुपए के कृषक कल्याण कोष को इस बार सरकार ने बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। योजना को 11 मिशन के रुप में क्रियान्वित किया जाएगा। इसके तहत 2700 करोड़ का राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन, 4 लाख किसानों के लिए 600 करोड़ का राजस्थान जैविक खेती मिशन, 117 करोड़ का बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन, 100 करोड़ का मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन, 400 करोड़ का संरक्षित खेती मिशन, 100 करोड़ का उद्यानिकी विकास मिशन, 100 करोड़ रुपए का फसल सुरक्षा मिशन, 25 करोड़ रुपए से भूमि उर्वरकता मिशन, 100 करोड़ का कृषि श्रमिक संबल मिशन, 390 करोड़ रुपए से कृषि तकनीकी मिशन और 50 करोड़ रुपए से खाद्य प्रसंस्करण मिशन शुरू किए जाएंगे।

कृषक कल्याण कोष के रूप में लगने वाला टैक्स घटाया गया है। कृषक कल्याण टैक्स में छूट की अवधि एक साल बढ़ाई गई है। इसके अलावा 25,000 किसानों को ग्रीन हाउस जैसी अन्य सुविधाएं मिलेंगी। मसाला फसलों का 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में विकास करवाया जाएगा। राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन शुरू होगा और 35 हजार किसानों को खेतों की तारबंदी के लिए अनुदान मिलेगा। 3 लाख पशुपालकों को हरा चारा बीज मिनी किट उपलब्ध कराए जाएंगे। तो वहीं 60 हजार किसानों को कृषि यंत्रों पर 150 करोड़ रुपये दिया जाएगा।

टिड्डी हमला रोकने के लिए 1000 ड्रोन खरीदे जाएंगे। मधुमक्खी पालन के लिए 50 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा। सोलर पंप स्थापित करने के लिए 500 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा, जिससे एक लाख किसान लाभान्वित होंगे। भंडारण व वितरण के लिए मिनी फ़ूड पार्क और एग्रो पार्क बनाये जाएंगे। ग्राम सहकारी समितियों में 100 मीट्रिक टन क्षमता के 100 गोदाम का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही प्याज भंडारण संरचना के निर्माण के लिए 44 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

तीन साल में 2 लाख 48 हजार कृषि कनेक्शन देने की बात के साथ 31 दिसंबर 2012 से 9 साल से चली आ रही पेंडिंग को आगामी दो साल में खत्म करने की घोषणा की गई है। सभी जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली अनुदान मिलेगा।

इस साल 20 हजार करोड़ के सहकारी फसली कर्ज बांटे जाएंगे, 5 लाख नए किसानों को फसली कर्ज दिए जाएंगे। राजस्थान के करीब 1 लाख अकृषि परिवारों को भी 2 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज मिलेगा। सरकार भूमिहीन कृषि मजदूरों को 5000 रुपए की सहायता देगी।

नहर परियोजना निगम का गठन किया जाएगा। 4171 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सेवा सहकारी समिति जीएसएस बनेंगी। पशुपालकों को दूध पर अनुदान राशि 2 रुपए लीटर से बढ़ाकर 5 रुपए लीटर किया जाएगा। साथ ही 5 लाख दूध उत्पादकों को 500 करोड़ रुपये मिलेंगे और 5000 नए डेयरी बूथ खोले जाएंगे।

इन घोषणाओं के अलावा भी सरकार ने किसानों के लिए सोलर पंप लगाने में 50% अनुदान देने, बकाया 3.38 लाख विद्युत कनेक्शन जारी करने, सिंचाई के लिए दिन में बिजली देने, अगले एक साल में 5 लाख नए किसानों को शामिल कर 20 हजार करोड़ रुपए के कृषि ऋण देने की घोषणाएं भी की गई हैं।

भूमिगत जल स्तर सुधारे के लिए 100 वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, एनिकट का जीर्णोद्धार के लिए 600 करोड़ रुपए की घोषणा बजट में की गई है। साथ ही पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल के साथ-साथ सिंचाई व्यवस्था के लिए 9600 करोड़ रुपए चरणबद्ध रुप से खर्च होंगे। इस योजना को ठीक से पूरा कराने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम का गठन किया गया है।

इंदिरा गांधी नहर परियोजना में भी 600 करोड़ रुपए से जीर्णोद्धार और सिंचाई संबंधी कार्य कराए जाएंगे। अगले 2 साल में 4,171 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।

51 नए मिल्क रुट की शुरुआत होगी। राज्य सरकार ने बजट में 2500 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के पंजीकरण, 500 गांवों को जोड़ने के लिए 51 मिल्क रूट चालू करने, 5 हजार नए डेयरी बूथ खोले जाएंगे। इनमें से एक हाजर बूथ महिलाओं या महिला एसएचजी को आवंटित होंगे। पशु आहार की गुणवत्ता के लिए हर जिले में टेस्टिंग लैब खोली जाएगी। इसके अलावा ऊंट पालन के लिए ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति लागू की जाएगी।

किसान संगठनों का क्या कहना है?

कृषि बजट पेश होनो के बाद किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने मीडिया से कहा कि सरकार अपनी लकीर नहीं छोड़ पाई और जो उम्मीद किसान कर रहे थे उस पर खरी नहीं उतरी। कांग्रेस ने किसान आंदोलन के वक्त पूरा समर्थन दिया था, लेकिन अपने बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुछ नहीं किया है।

उन्होंने कहा, “कृषि में स्वावलंबन और गांव में स्वायत्ततता” के आधार पर बजट की मांग की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बजट को किसानों की आय को केन्द्र में रखकर बनाया जाना था।"

किसान सभा के नेता पूर्व विधायक अमरा राम ने बजट को किसानों के साथ धोखा बताते हुए कर्जमाफी पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सरकार का सबसे बड़ा वादा था कि दस दिनों के भीतर कर्जमाफी होगी लेकिन 3 साल बाद भी किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है। वो सवाल करते हैं कि अगर किसानों के हालात नहीं बदलेंगे तो अलग से कृषि बजट का क्या मतलब ही क्या रहेगा?

पक्ष-विपक्ष का क्या कहना है?

राजस्थान के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया के मुताबिक ये बजट खेती-किसानी के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करेगा। उन्होंने मीडिया से कहा kf मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना की राशि 2.5 गुणा बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रुपए किया गया है। 2 हजार 700 करोड़ रुपए से 'सूक्ष्म सिंचाई मिशन' शुरू होने से 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों की जरुर के अनुसार ड्रिप, स्प्रिंकलर, खेत तालाब-डिग्गी निर्माण, पॉली हाउस वाली खेती (संरक्षित खेती) सौर ऊर्जा पंप पर देने से सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कृषि बजट को छलावा बताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "कहने को तो कृषि बजट है लेकिन किसानों के लिए महज छलावे से ज्यादा कुछ भी नहीं है। इन्होंने विस चुनाव में 2 लाख तक का कर्जा माफ करने का वादा तो आज तक पूरा नहीं किया।"

गौरतलब है कि राजस्थान में साल 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में अलग से पेश हुए कृषि बजट से सबसे अधिक उम्मीदें कर्जदार किसानों को थी। क्योंकि कर्ज़ का बढ़ता बोझ और उसकी वसूली के लिए बैंकों का नोटिस, जमीनों की नीलामी इस वक्त राज्य में एक बड़ा मुद्दा बना हुआ था। राजनीतिक हलकों में भी यह चर्चा थी कि सरकार कर्जमाफी के जरिये किसानों को साधने का प्रयास करेगी लेकिन सरकार ने बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की। प्रदेश के 35 लाख किसानों पर 60 हजार करोड़ का बैंक ऋण है। इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार किसानों के कर्जमाफी के लिए कोई योजना बनाएगी। विभिन्न किसान संगठन भी सरकार से कर्जमाफी की मांग कर रहे थे।

ऋण माफी तो नहीं लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार ने ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण योजना के तहत अगले एक साल में 20000 करोड़ राशि के वितरण का लक्ष्य जरूर रखा गया है। इसके लिए 650 करोड़ रुपये ब्याज अनुदान पर खर्च किये जायेंगे। फिलहाल कृषि बजट को लेकर कई तरह के मत सामने आ रहे हैं, ज्यादा साफ तस्वीर तब नजर आएगी जब ये योजनाएं और घोषणाएं जमीन पर उतरेंगी।

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