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राजस्थान: RAS मुख्य परीक्षा को लेकर उम्मीदवार परेशान, सरकार से तारीख़ आगे बढ़ाने की गुहार

उम्मीदवारों का कहना है कि मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए महज़ तीन महीने का समय दिया गया है, जो इसके विस्तृत सिलेबस की तैयारी के लिए पर्याप्त नहीं है।
RAS rajasthan

राजस्थान में सत्ता बदलने के बाद प्रशासनिक सेवाओं की सबसे बड़ी भर्ती राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस यानी RAS बीते कई दिनों से सुर्खियों में है। वजह इस भर्ती का मेन एग्जाम है, जिसमें अब महज़ 20-22 दिनों का समय बचा है। इस परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यार्थी लगातार पत्र और सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

उम्मीदवारों का कहना है कि मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए महज़ तीन महीने का समय दिया गया है, जो इसके विस्तृत सिलेबस की तैयारी के लिए पर्याप्त नहीं है। इस परीक्षा के लिए बीते सालों में दिया जाने वाला ये सबसे कम समय है और ऊपर से कई सरकारी कर्मचारियों की विधानसभा चुनाव में ड्यूटी लगाई गई थी, जो इस परीक्षा में बैठने वाले हैं, ऐसे में उनका ध्यान भी सरकार को रखना चाहिए।

बता दें कि राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन राज्य सरकार में अलग-अलग प्रशासनिक पदों जैसे पुलिस सेवा, लेखा सेवा, कारागार सेवा और पर्यटन सेवा आदि में भर्ती के लिए ये परीक्षा आयोजित करता है। बीते साल 28 जून 2023 को  नोटिफिकेशन के माध्यम से अधीनस्थ सेवा के लिए 481 वैकेंसी जारी की गई थीं। 1 अक्टूबर 2023 को इस परीक्षा का प्रीलिम्स एग्जाम भी आयोजित हुआ। जिसके नतीज़े 20 अक्टूबर 2023 को जारी हुए। प्री रिजल्ट के बाद ही मुख्य परीक्षा की तारीखों का ऐलान हुआ, जो कि लगभग तीन महीने बाद इस साल 27 और 28 जनवरी 2024 को आयोजित होनी है। अब सारा विवाद इस समय सीमा का ही है, जिसे लेकर अभ्यार्थी बेहद परेशान हैं।

क्या है पूरा मामला?

कई कैंडिडेट्स ने न्यूज़क्लिक को बताया कि बीते सालों में इस परीक्षा के लिए लगभग 10 से 11 महीने का समय दिया जाता था। सिर्फ कोरोना काल के बाद जो मेन्स परीक्षा हुई उसमें पांच महीने का समय दिया गया, जिसके खिलाफ भी छात्रों ने आवाज़ उठाई थी। उस समय बीजेपी विपक्ष में थी और तब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर सहित कई बड़े नेताओं ने छात्रों का साथ दिया था। वो कैंडिडेट्स के साथ डटकर खड़े थे, फिर अब जब उनकी सरकार ही सत्ता में है, तो उन्हें एक बार फिर छात्रों का साथ देना चाहिए।

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सोशल मीडिया पर #RAS_MAINS_स्थगित_करो कैंपेन में हिस्सा ले रहे कई अभ्यार्थियों ने लिखा है कि साल 2018 में इस परीक्षा के मेन एग्जाम के लिए 11 महीने का समय दिया गया था। उससे पहले हुई 2016 की मेन्स परीक्षा के लिए भी 7 महीने का समय था। लेकिन इस बार इतना कम समय समझ के परे है। कई छात्रों का कहना है कि RPSC भर्ती में UPSC के कैलेंडर के अनुसार भर्ती का दावा किया जाता है। लेकिन UPSC एक साल पहले प्री और मेंस की डेट बता देता है, जबकि RPSC प्री के रिजल्ट के बाद मेंस की डेट जारी करता है। ऐसे में लगभग 30 सब्जेक्ट्स की तैयारी के लिए कम समय मिलता है।

कई नेताओं का अभ्यर्थियों को मिला साथ

इन अभ्यर्थियों के पक्ष में फिलहाल राजस्थान कैबिनेट में मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा भी नज़र आए। उन्होंने इस मामले को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात भी की। उनका कहना था कि ऐसे बहुत से लोग है जिन्होंने चुनाव में भाग लिया है और वह परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाए हैं। आमतौर पर जब भी RAS की परीक्षा होती है तो करीब 5 से 6 महीने का समय दिया जाता है। लेकिन इस बार करीब 3 महीने का समय दिया गया है जो काफी कम है।

सीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज सीएम से मुलाकात हुई है जिसमें एक प्रतिनिधिमंडल RAS की परीक्षा को Postponed करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे भी मुलाकात की और उनकी मांग है कि परीक्षा पोस्टपोन हो और पूरा समय दिया जाए।"

इस मुद्दे पर खींसवर से विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी उम्मीदवारों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को त्वरित संज्ञान लेकर RPSC को निर्देशित करते हुए RAS की मुख्य परीक्षा को स्थगित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने इसे लेकर सरकार को एक पत्र भी लिखा है।

गौरतलब है कि इस परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप भी लगे हैं। कई उम्मीदवारों का दावा है कि आयोग द्वारा जारी की गई प्रीलिम्स परीक्षा की आंसर-की में गड़बड़ी है और इसको राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। ऐसे में अगर बाद में कुछ अनियमित निकलता है तो उम्मीदवारों को ही  आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए सरकार को इस परीक्षा को लेकर अभी थोड़ा और समय देना चाहिए। इस परीक्षा को लेकर छात्रों में तनाव के साथ ही भविष्य को लेकर भय का माहौल भी है। ऐसे में राज्य सरकार का फिलहाल कोई निर्देश सामने नहीं आया है, जो इन उम्मीदवारो को और परेशान कर रहा है।

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