आपराधिक मानहानि मामले में रमानी का बरी होना महिला पत्रकारों की जीत : आईडब्ल्यूपीसी

नयी दिल्ली: इंडियन वीमन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी का बरी होना यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला पत्रकारों की जीत है।
रमानी ने 2018 में ‘मी टू’ आंदोलन के दौरान अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। इसपर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।
दिल्ली की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में रमानी को बुधवार को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि किसी भी महिला को दशकों बाद भी किसी भी मंच पर अपनी शिकायत रखने का अधिकार है।
आईडब्ल्यूपीसी ने एक बयान में कहा कि वह रमानी को बरी किए जाने के अदालत के फैसले का स्वागत करती है।
इसने कहा कि यह महिला पत्रकारों की जीत है, जिन्होंने हमेशा यौन उत्पीड़न का विरोध किया है और हमेशा समाचार कक्ष में बुरी नजर से बचती रही हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘हम सभी सुरक्षित कार्यस्थल चाहते हैं...लेकिन भेड़िये अंदर ही बैठे हुए हैं।’’
संगठन ने कहा कि वह मुद्दे पर रमानी के संकल्प की प्रशंसा करता है।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।