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साउथ अफ़्रीका : सरकारी ऊर्जा कंपनी के निजीकरण को रोकने के लिए यूनियन कर सकते हैं देशव्यापी हड़ताल

एस्कोम के ऐतिहासिक संकट को ख़त्म करने के लिए यूनियनों ने मांग की है कि सरकार एस्कोम की ऊर्जा उत्पादन यूनिटों पर पाबंदी और ऊर्जा को प्राइवेट कंपनियों में आउटसोर्स करने की योजनाओं को वापस ले।
south africa

नेशनल यूनियन ऑफ़ मेटलवर्कर्स ऑफ़ साउथ अफ़्रीका(नुमसा) और नेशनल यूनियन ऑफ़ माइनवर्कर्स(एनयूएम) ने ऊर्जा पैदा करने वाली सरकारी कंपनी एस्कोम को निजीकरण से बचाने के लिए एक देशव्यापी हड़ताल करने का फ़ैसला लिया है।

यह फ़ैसला कल जोहानेसबर्ग स्थित कंपनी के मेगावॉट पार्क में दोनों यूनियनों ने धरने के दौरान लिया। प्रशासन को दिये गए ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार तत्काल प्रभाव से एस्कोम की अनबंडलिंग प्रक्रिया को रोके, जिसे वह "बचाव प्लान" का नाम दे रही है। 

इस प्लान के तहत ऊर्जा उत्पादन, हस्तांतरण और वितरण करने वाली इस सरकारी कंपनी को समय के साथ 3 अलग-अलग यूनिटों में बाँट दिया जाएगा। देश की तमाम यूनियनों ने इस क़दम का विरोध किया है, और इसे निजीकरण के तहत पूर्वगामी क़दम बताया गया है।

इससे पहले सरकार ने लगातार इस कंपनी ने निवेश करने से मुकरने का काम किया है, जिसकी वजह से एस्कोम पर पिछले साल गहरा संकट छा गया था, जिसका असर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी बुरी तरह से पड़ा है। 

एस्कोम के इस संकट का फ़ायदा प्राइवेट कंपनी इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स(आईपीपी) और अन्य प्राइवेट कंपनियों के कोष को मिला है, जिन्होंने एस्कोम की कोल माइन का मालिकाना हक़ अपने पास लेने के बाद दाम बढ़ा दिये हैं।  

अपनी मांगों को मनवाने के लिए संगठन इकट्ठा हो रहे हैं और कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। मजोला कहते हैं, "कल का धरना आने वाली रैलियों और धरनों की शुरुआत था।"

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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