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दक्षिण कोरिया : कोरोना वायरस महामारी के बीच वामपंथी गठबंधन की संसदीय चुनाव में भारी बहुमत से जीत

वर्तमान राष्ट्रपति मून जे-इन का समर्थन करने वाले गठबंधन की भारी जीत को कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को लेकर एक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।
दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली के लिए कल हुए चुनाव के अंतिम नतीजे आज यानी 16 अप्रैल को घोषित कर दिए गए। कोरोना वायरस की महामारी के बीच ये चुनाव हुए। इस चुनाव में सत्तासीन राष्ट्रपति मून जेई-इन को समर्थन करने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी और टूगेदर सिटिजन पार्टी की उदार-प्रगतिशील सत्तारूढ़ गठबंधन ने भारी बहुमत हासिल की जो कि 1987 में उदार लोकतंत्र में प्रवेश कर रहे देश में किसी भी राजनीतिक गठबंधन की तुलना में बड़ी जीत है।

कोरोना वायरस के प्रकोप के बावजूद मतदान में 8.2% की बड़ी वृद्धि दर्ज हुई। इस महामारी के चलते देश में 10,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। 66% से अधिक पंजीकृत मतदाता मतदान करने के लिए अपने घरों से बाहर निकले। इस गठबंधन ने संसद की कुल 300 सीटों में से 180 सीट पर जीत हासिल की जो कि 2016 में हुए चुनावों की तुलना में गठबंधन को 35 सीटों की वृद्धि हुई। इस गठबंधन को 2016 में मिले 25.5% मतों की तुलना में 33.4% वोट मिला है जो कि लगभग 8% अधिक है।

नवगठित राउट विंग यूनाइटेड फ्यूचर पार्टी ने केवल 84 सीटों पर जीत हासिल की जबकि इसके गठबंधन सहयोगी फ्यूचर कोरिया पार्टी 19 सीट ही जीत पाई। यूनाइटेड फ्यूचर पार्टी का गठन साएनुरी पार्टी या लिबरल कोरिया पार्टी के एक बड़े विभाजन से हुआ था, जिसका नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाइ द्वारा किया गया था। ये पूर्व सैन्य तानाशाह पार्क चुंग-ही की बेटी भी थी और इन पर महाभियाोग भी लगाया गया था।

2016 के राजनीतिक घोटाले के चलते साएनुरी के ज़्यादातर सदस्यों ने साल 2017 में अलग हो कर विभिन्न पार्टियों का गठन किया और इसी के परिणामस्वरुप रूढ़िवादी यूनाइटेड फ्यूचर पार्टी का गठन हुआ। इस दक्षिणपंथी गठबंधन को सीटों और वोटों की बहुमत थी और 2017 तक नेशनल असेंबली पर हावी रहा।

यूनाइटेड फ्यूचर के नेता ह्वांग क्यो-अन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के चुंग से-क्युन से अपनी सीट हार गए। क्युन दक्षिण कोरिया के मौजूदा प्रधानमंत्री हैं।

इस परिणाम को COVID-19 के प्रकोप के दौरान सरकार द्वारा किए गए कार्यों को लेकर एक निर्णय के रूप में देखा जाता है। दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल है जहां बुजुर्गों की बड़ी संख्या होने के बावजूद मृत्यु दर कम है। दक्षिण कोरिया में COVID -19 संक्रमण के चलते मृत्यु दर लगभग 2% है। यह उन कुछ देशों में से एक है जहां हर एक मिलियन पर 10,000 से अधिक जांच किए गए है, जिससे अधिक से अधिक संक्रमणों का पता लगाने और उसे रोकने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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