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ज़रूरी ख़बरें: संसद का विशेष सत्र, एक राष्ट्र-एक चुनाव के लिए समिति और राहुल का हमला

सरकार ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर दिया है। उधर कांग्रेस ने कहा है कि अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने से सरकार ‘‘घबरा’’ गई है
rahul gandhi and modi

संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा के बाद सरकार ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर दिया है। उधर, संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने से सरकार ‘‘घबरा’’ गई है और विपक्षी दलों की बैठक के चलते समाचारों का प्रबंधन करने की कवायद के तहत विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की गई है।

यह पूछे जाने पर कि सरकार ने सितंबर में पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है और इससे क्या संकेत मिलता है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह कुछ घबराहट का संकेत है…उसी तरह की घबराहट तब हुई थी जब मैंने संसद भवन में भाषण दिया था, घबराहट के कारण अचानक उन्हें मेरी संसद सदस्यता रद्द करनी पड़ी थी।’’

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तो, मुझे लगता है, यह घबराहट की बात है क्योंकि ये मामले प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं और जब भी आप अडाणी मामले को छूते हैं, तो प्रधानमंत्री बहुत असहज और बहुत घबरा जाते हैं।’’

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर आरोप लगाया, ‘‘समाचारों का प्रबंधन, मोदी शैली है। आज (गुरुवार) समाचारों में ‘मोडानी घोटाले’ पर नवीनतम खुलासे छाए हुए हैं। कल (शुक्रवार) मुंबई में उभरते भारतीय दलों की बैठक होगी। कैसे प्रतिकार करें? जब मानसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे समय संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की घोषणा की गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल, जेपीसी की मांग संसद के अंदर और बाहर गूंजती रहेगी।’’

इससे पहले, खोजी पत्रकारों के वैश्विक नेटवर्क ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) ने अडाणी समूह पर गुपचुप तरीके से अपने ही कंपनियों के शेयरों में निवेश का आरोप लगाया है।

ओसीसीआरपी की रिपोर्ट मे कहा गया है कि प्रवर्तक परिवार के सहयोगियों द्वारा मॉरीशस स्थित ऐसे निवेश कोष का इस्तेमाल करके समूह की कंपनियों में गुपचुप तरीके से सैकड़ों अरब डॉलर का निवेश किया गया, जिनका कोई अता-पता नहीं है। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। इस निवेश की वजह से 2013 से 2018 के दौरान समूह की कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल आया।

संसद का विशेष सत्र 18 से 22 तक

इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमृत काल के बीच ‘संसद का विशेष सत्र’ 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है, जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है।

संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है ।’’

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘ अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं।’’

सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था।

संसद के नये भवन से जुड़े निर्माण कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके।

आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं। इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं। विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रविधान है।

हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृतकाल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं। यह भी गौरतलब है कि सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है।

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ गणेश चतुर्थी के महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान संसद का विशेष सत्र बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हिन्दुओं की भावना के खिलाफ है। इनकी तिथियों के चुनाव को लेकर आश्चर्यचकित हूं।’’

‘एक राष्ट्र,एक चुनाव’ की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में समिति गठित

सरकार ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सरकार द्वारा 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के एक दिन बाद यह कदम सामने आया है। सरकार ने हालांकि संसद के विशेष सत्र का एजेंडा घोषित नहीं किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर कई साल से जोर दे रहे हैं।

नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव हैं। सरकार के इस कदम से आम चुनाव एवं कुछ राज्यों के चुनाव को आगे बढ़ाने की संभावनाएं भी खुली हैं, जो लोकसभा चुनावों के बाद में या साथ होने हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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