Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

मोदी-राज में गिरफ्तारियों का सच और इमर्जेंसी में प्रो. रघुवंश की गिरफ्तारी-रिहाई का किस्सा

सत्ता और सत्ताधारियों से असहमत होना क्या गुनाह है? अगर लोकतंत्र में यह गुनाह नहीं, लोगों का अधिकार है तो नताशा नरवाल, देवांगना, आसिफ इकबाल, उमर ख़ालिद, पत्रकार सिद्दीक कप्पन, गौतम नवलखा, लेखक आनंद तेलतुबडे, वकील सुधा भारद्वाज या प्रोफेसर हानी बाबू जैसे लोगों को यह सत्ता जेल में क्यों रखना चाहती है? वह निर्दोष छात्र-छात्राओं की कोर्ट से मिली ज़मानत तक को निष्प्रभावी बनाने की कोशिशें क्यों करती है?
आज के सत्ताधारी अपने को इंदिरा गांधी के इमर्जेंसी-राज का आलोचक बताते हैं फिर वे इमर्जेंसी से भी ज्यादा निरंकुश और क्रूर शासन का माडल आज क्यों तलाश रहे हैं? #HafteKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण:

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest