Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

तिरछी नज़र: अबकी बार–बैसाखी सरकार

वैसे सरकार जी को बुरा नहीं मानना चाहिए, उम्र बढ़ रही है, सहारे की जरूरत पड़ती ही है। 
modi
प्रतीकात्मक तस्वीर। कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य के X हैंडल से साभार

चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रिजल्ट भी आ चुके हैं और सरकार जी तीसरी बार ‘सरकार जी’ भी बन चुके हैं। सरकार जी इस बार बैसाखियों के सहारे सरकार जी बने हैं इसलिए उनका मन ठीक नहीं है। वैसे सरकार जी को बुरा नहीं मानना चाहिए, उम्र बढ़ रही है, सहारे की जरूरत पड़ती ही है। अपने द्वारा ही निर्धारित रिटायरमेंट की उम्र को सरकार जी के पद पर रहते हुए क्रॉस करना है तो बैसाखियों की जरूरत पड़ेगी ही।

हमारे सरकार जी ने अपने दूसरे टर्म में ही अपने को भगवान घोषित कर दिया था, परमात्मा घोषित कर दिया था। पहले दूसरों से घोषित करवाया। किसी ने राम का अवतार बताया तो किसी ने शिव का। फिर दूसरे टर्म के अंत में, तीसरे टर्म के लिए चुनाव ख़तम होने तक बता दिया कि मैं तो नॉन बायोलॉजिकल तरीके से पैदा हुआ हूँ। अपने को देवता, ईश्वर, भगवान, परमात्मा बताने का यह सबसे अच्छा तरीका था।

पुरातन काल में, जो किस्से कहानियों का काल था, उसमें जीव ऐसे भी पैदा हो जाते थे, नॉन बायोलॉजिकल तरीके से। देवी-देवता तो अमूमन ऐसे ही पैदा होते थे। किसी का जन्म मछली के द्वारा पसीने की बूँद गटक जाने से हो जाता था तो कोई किसी महिला द्वारा किसी का स्मरण मात्र करने से पैदा हो जाता था, या फिर किसी ऋषि मुनि द्वारा दिए गए फल को खा लेने से। ऐसे और भी बहुत से तरीके थे बच्चों के पैदा होने के। ऐसे ही पता नहीं कितने बच्चे पैदा हुए थे नॉन बायोलॉजिकल तरीके से कहानियों वाले उस पौराणिक काल में। जब से विज्ञान आया है तब से ही बच्चों का जन्म बायोलॉजिकल तरीके से ही होने लगा है। 

सरकार जी भी बायोलॉजिकल तरीके से पैदा हुए थे। उनकी एक माँ थी जिससे मिलने वे फोटोग्राफरों के साथ जाते थे।अभी बहत्तर तिहत्तर साल की उम्र तक तो बायोलॉजिकल तरीके से पैदा हुआ बताते थे। माँ स्वर्गवासी हुई नहीं कि अपने को नॉन बायोलॉजिकल बताने लगे। अभी माँ की चिता भी ठंडी नहीं हुई थी कि अपने को नॉन बायोलॉजिकल बताने लगे। माँ के पुत्र सिर्फ तब तक थे जब तक उनके साथ फोटो खिंचवा सकते थे। फिर तो नॉन बायोलॉजिकल बन गए। बोले मुझे परमात्मा ने भेजा है। किसी विशेष काम के लिए भेजा है।

वैसे परमात्मा तो सभी को भेजता है। माना यही जाता है कि परमात्मा की इच्छा बिना कोई आता भी नहीं है। परमात्मा तो भीख मांगने वाले को भी भेजता है, और इसी काम के लिए भेजता है। इसलिए मैं मानता हूँ कि सरकार जी को भी परमात्मा ने भेजा है, किसी प्रयोजन से भेजा है। परमात्मा ने सरकार जी को पहले पैंतीस चालीस साल तो भीख मांगने के लिए भेजा और उसके बाद सरकार जी को पिछली सरकारों द्वारा बनाई गई सारी सम्पतियाँ बेचने के लिए भेजा। और सरकारी सम्पतियाँ भी सिर्फ दो लोगों को बेचने के लिए भेजा है। पर परमात्मा सरकार जी को बायोलॉजिकल तरीके से भी भेज सकते थे, जैसे वह हम सब को भेजते हैं। लेकिन नहीं, सरकार जी को अलग तरीके से भेजा। सरकार जी को उसने नॉन बायोलॉजिकल तरीके से भेजा। 

अब जब सरकार जी भगवान बन गए, परमात्मा बन गए, तो उनका मुकाबला विपक्षीयों से नहीं रहा, सीधा भगवान से हो गया, परमात्मा से हो गया। विपक्ष तो बस नाम मात्र का है। ऐसा ये नये 'परमात्मा' सोचते थे। अबकी बार चार सौ पार, ये नारा इन नये 'परमात्मा' ने ही दिया था। ये नये 'परमात्मा' जगह जगह अपनी गारंटी देते फिर रहे थे, अपने नाम की गारंटी देते फिर रहे थे। कह रहे थे ये 'परमात्मा' की गारंटी है।

ईश्वर एक है। खुदा भी एक ही है। गॉड इस वन। परमात्मा सिर्फ एक है। ऐसा हम ही नहीं, सभी धर्म मानते हैं। पर सरकार जी तो खुद को ही परमात्मा समझने लगे। ऊपर वाले के रहते अपने को ऊपर वाला समझने लगे। परमात्मा को यह कहाँ पसंद आना था। उसने सोचा, सबक सिखाना है। इस नये बने नकली परमात्मा को सबक सिखाना है। परमात्मा को पता था, पहले भी कुछ सरकार जी लोग भगवान बने थे, गॉड बने थे, खुदा बने थे। अभी हाल के वर्षों में हिटलर बना था, ईदी अमीन बना था, अब यह नया भगवान बना है। 

तो परमात्मा ने इस 'परमात्मा' को जीत दी। जीत ऐसी दी जो हार से भी बुरी थी। एक जीत ऐसी होती है जो हार से भी बुरी होती है और एक हार ऐसी होती है जो जीत से भी बढ़कर होती है। हारते तो विपक्ष में बैठते। अब सरकार जी तो हो पर सक्षम नहीं हो। सॉरी, आजकल नया शब्द आया है, सरकार जी ही लाये हैं, दिव्यांग हो। तो सरकार जी की यह सरकार दिव्यांग है। उसे उठने बैठने के लिए भी सहारे की जरूरत पड़ेगी। 

( इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं। )

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest