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यूपी : पीएफ़आई के ख़िलाफ़ अभियान, रिहाई मंच ख़त्म करने को कहा गया

आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) की हिरासत से रिहा हुए अधिवक्ता मोहम्मद शोएब का कहना है कि उनसे प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) के बारे में पूछताछ की गई और रिहाई मंच ख़त्म करने को कहा गया।
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आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) की हिरासत से रिहा हुए अधिवक्ता मोहम्मद शोएब का कहना है कि उनसे प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) के बारे में पूछताछ की गई और रिहाई मंच ख़त्म करने को कहा गया। उत्तर प्रदेश एटीएस ने प्रदेश भर में प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) के विरुद्ध रविवार को अभियान चला कर 70 लोगों को हिरासत में लिया।

हिरासत में लिए जाने वालों में सबसे चर्चित नाम प्रसिद्ध अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शोएब का था। जो काफ़ी समय से रिहाई मंच के अध्यक्ष हैं और आतंकवाद के आरोप में बंद अभियुक्तों के मुक़दमे लड़ते रहे हैं।

मोहम्मद शोएब रविवार को क़रीब 12 घंटे एटीएस की हिरासत में रहने के बाद रात के 10 बजे अपने अमीनाबाद, लखनऊ स्थित घर वापस आ गये। रिहाई मंच के अध्यक्ष ने न्यूज़क्लिक से फ़ोन पर बात करते हुए अपनी हिरासत को ग़ैर-क़ानूनी बताया। उन्होंने बताया कि उनके साथ साथ क़रीब 9 लोगों को पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय पर लाया गया था।

उन्होंने कहा कि अमीनाबाद नया गांव स्थित उनके फ्लैट से एटीएस उनको सीधा अपने मुख्यालय ले गई। जबकि मोहम्मद शोएब के अनुसार पुलिस ने घर से ले जाते वक़्त कहा था कि उनको अमीनाबाद पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है। वह बताते हैं कि एटीएस ने उनसे कई घंटों तक पीएफआई के बारे में सवाल किये।

अधिवक्ता मोहम्मद शोएब कहते हैं कि एटीएस ने उनसे सवाल किया कि वह कब से पीएफआई से जुड़े हैं। जिस पर उन्होंने कहा, मैं स्वयं का संगठन “रिहाई मंच” चलता हूं, मैं किसी दूसरे संगठन से क्यों जुड़ने लगा। मोहम्मद शोएब ने बताया की हिरासत में उन्होंने एटीएस से कहा कि, वह यह कोशिश करते है कि लोग उनके संगठन “रिहाई मंच” से जुडें।

एटीएस ने पूछताछ के दौरान मोहम्मद शोएब (75) से “रिहाई मंच” को ख़त्म करने के लिए कहा, तो “रिहाई मंच”के अध्यक्ष ने जवाब में कहा कि वह “वृद्ध अवस्था” में हैं इस का निर्णय युवा पीढ़ी को लेना होगा। मोहम्मद शोएब के अनुसार एटीएस ने उन पर आरोप लगाया की वह कहते हैं कि एटीएस, लोगों को फ़र्ज़ी मुक़दमों में फंसाती है। जिस पर मोहम्मद शोएब ने जवाब दिया कि वह यह बात अदालत में साबित कर चुके हैं, कई आरोपी बरी भी हुए हैं।

हालांकि मोहम्मद शोएब (75) ने यह भी कहा की हिरासत में एटीएस ने उनके साथ या किसी दूसरे के साथ कोई बदसलूकी नहीं की थी। एटीएस के अधिकारी जहां एक तरफ़ उनको पूछताछ के लिए घर से ले गए थे वही दूसरी पूछताछ के बाद उनको घर तक छोड़ने भी आए थे।

उल्लेखनीय है कि मोहम्मद शोएब के परिवार का कहना था कि रविवार की सुबह पुलिस मोहम्मद शोएब को उनके लखनऊ स्थित घर से ले गई है। जिसके बाद से परिवार का मोहम्मद शोएब से संपर्क नहीं हो सका था।

उत्तर प्रदेश आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) ने प्रदेश भर में प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) के विरुद्ध अभियान चला कर 70 लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गये लोगों से उनके पीएफआई से संबंधो की जानकारी हासिल की जा रही थी। जबकि इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई थी कि मोहम्मद शोएब को इसी पीएफआई विरोधी ऑपरेशन के अंतर्गत हिरासत में लिया गया है या किसी और कारण से वर्दी में आए लोग उनको ले गये हैं।

मोहम्मद शोएब की पत्नी मालिका बी ने इस सिलसिले में एक प्रार्थनापत्र भी स्थानीय अमीनाबाद पुलिस को देने की बात कही थी। हालांकि उनके प्रार्थनापत्र की पुलिस ने प्राप्ति नहीं दी थी।

मालिका ने बताया था कि 7 मई को सुबह लगभग 7:15 बजे करीब 10 लोग आए जिसमें 3 लोग पुलिस की वर्दी में थे जो उनके पति मोहम्मद शोएब (75) को घर से ले गये।

मोहम्मद शोएब की पत्नी ने कहा कि घर से जाते समय उन्होंने कहा था कि अमीनाबाद थाने ले जा रहे हैं, जहां से 15 मिनट में छोड़ देंगे। लेकिन यह पूछने पर कि वह मेरे पति मोहम्मद शोएब को किस कारण ले जा रहे हैं तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था। इसके अलावा मालिका ने कहा था सादे कपड़ों में आने वालों ने अपनी पहचान भी नहीं बताई थी।

मालिका को अपने पति के स्वस्थ की चिंता थी, उनके अनुसार मोहम्मद शोएब, हृदय रोग व उच्च रक्त चाप से पिछले 15 साल से ग्रसित हैं तथा पिछले छह माह से बीमार हैं।

मोहम्मद शोएब का मोबाइल भी बंद था। उन्होंने पुलिस से कहा है कि उनके पति को घर से ले जाने के मामले का संज्ञान लेते हुए प्रार्थमिकी दर्ज कर कार्यवाही करें।

मोहम्मद शोएब के परिवार ने बताया कि वह सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय पदाधिकारी है। इसके अलावा इमरजेंसी और नागरिकता संशोधन क़ानून विरोधी आंदोलन के दौरान वह जेल जा चुके हैं। इसके अलावा वह 1966 में छात्र आंदोलन के दौरान भी जेल गए थे।

मोहम्मद शोएब के परिवार की तरफ़ से दो सीसी टीवी फुटेज भी जारी किए गए हैं। एक वीडियो 2 मिनट 47 सेकंड का है,जो उनके घर से ले जाते समय का बताया जा रहा है। वहीं दूसरा 47 सेकंड का है जिसमें वो गली में कुछ लोगों के साथ जाते दिख रहे हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित पीएफआई एवं उसके प्रतिबंधित अनुषांगिक संगठनों के विरूद्ध प्रदेश स्तर पर रविवार को एक दिवसीय विशेष अभियान चलाया गया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा सितंबर, 2022 में पीएफआई एवं इसके आठ अनुषांगिक संगठनों को उनकी विध्वंसात्मक गतिविधियों, आतंक आधारित रिग्रेसिव रिजीम को प्रोत्साहित व लागू करने, एक वर्ग विशेष में देश के प्रति असंतोष पैदा करने, राष्ट्र-विरोधी व कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने तथा देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों को और तेज करने के कारण, इनको प्रतिबंधित किया गया था। उस समय पीएफआई संगठन से जुड़े सदस्यों के विरूद्ध देशव्यापी कार्यवाही की गयी थी।

इस विशेष अभियान के लिए एटीएस की फील्ड इकाई नोएडा, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ, बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़ को सक्रिय किया गया। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) को नोडल अधिकारी नामित करते हुए, छापेमारी हेतु 30 विशेष टीमों का गठन किया गया था।

एटीएस द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किए गए 8 अभियुक्तों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही के क्रम में प्रचलित इस विशेष गोपनीय अभियान के दौरान 50-50 हजार रुपये के इनामी व मु.अ.सं. 299/22 धारा 153 ए, 153 बी भादवि एवं 7, 8, 13-1 (ए)(बी),13(2) के तहत थाना लोहता, कमिश्नरेट वाराणसी में पंजीकृत अभियोग में वांछित अभियुक्त परवेज अहमद एवं रईस अहमद को गिरफ्तार किया गया।

इसके अलावा चिन्हित संदिग्ध व्यक्तियों में से लगभग 70 व्यक्तियों को पूछताछ हेतु एटीएस यूनिट/संबंधित थाने पर लाया गया है। जिसमें लखनऊ-9,सीतापुर- 1, बहराइच- 2, बलरामपुर- 1, बाराबंकी- 3, सिद्धार्थनगर-1, देवरिया-2, वाराणसी-8, आजमगढ़- 3, कानपुर-2, गाज़ियाबाद-10, मेरठ-4, बुलन्दशहर-1, सहारनपुर- 1, शामली- 11, मुजफ्फरनगर- 3, मुरादाबाद-1, रामपुर-1, बिजनौर-5 और अमरोहा-1 के थे।

एटीएस द्वारा बताया गया कि उनको संदिग्ध व्यक्तियों से गहन पूछताछ करना था, साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों एवं उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटीज की जानकारी हेतु इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का डेटा विश्लेषण भी किया जाना था। पूछताछ एवं डेटा विश्लेषण के आधार पर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।

पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी और हिरासत में लिए जाने पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, "नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने के बाद से ही आतंक की कमर तोड़ने की प्रभावी कार्रवाई जारी पीेएफआई देश की एकता अखंडता और सुरक्षा के लिए ख़तरा है।"

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