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यूपी : नहीं मिली सदफ़ ज़फ़र को ज़मानत, पुलिस पर मारने-पीटने का आरोप

सदफ़ ज़फ़र की गिरफ़्तारी उस समय हुई जब वह एक विरोध प्रदर्शन के बाद हुए उपद्रव का फेसबुक लाइव कर रही थीं। अब उन पर दंगा भड़काने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत 14 धाराएं लगा दी गई हैं।
sadaf jafar

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर को हुए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे। इनमें सामाजिक कार्यकर्ता सदफ़ ज़फ़र भी शामिल थीं। पुलिस ने उन्हें परिवर्तन चौक से हिरासत में लिया, फिर गिरफ़्तारी हुई और उन्हें जेल भेज दिया गया।

सदफ़ ज़फ़र ने वकील के जरिये जिला सत्र न्यायालय में ज़मानत याचिका दाखिल की थी। जिस पर 23 दिसंबर सोमवार को सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। सदफ़ ने अपनी ज़मानत याचिका में कहा था कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने सदफ़ की ज़मानत याचिका यह कहते हुए नामंजूर कर दी कि उन पर लगे आरोप बेहद गम्भीर हैं, लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।

गौरतलब है कि सदफ़ ज़फ़र की गिरफ़्तारी उस समय हुई जब वह इस प्रोटेस्ट के बाद हुए उपद्रव का फेसबुक लाइव कर रही थीं। अब उन पर दंगा भड़काने, पब्लिक प्राॅपर्टी को नुकसान पहुंचाने समेत 14 धाराएं लगा दी गई हैं।

समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, सदफ़ का आरोप है कि उन्होंने झोले में पत्थर भरकर लाए 15-20 लड़कों की पुलिस से शिकायत की थी मगर पुलिसकर्मियों ने उन अराजक तत्वों को पकड़ने के बजाय खुद उन्हीं को बुरी तरह मारा-पीटा।

सदफ़ की बहन नाहिद वर्मा ने एक फेसबुक पोस्ट जारी किया, जिसमें सदफ़ के 19 दिसंबर से गायब होने की सूचना दी है। नाहिद ने कहा कि पुलिस ने सदफ़ के हाथ और पैरों पर लाठियां बरसाईं। उनके पेट पर लातें मारी हैं, जिससे उन्हें इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी। नाहिद ने आगे बताया कि वे सदफ़ से मिलने जेल गई थीं और उनकी ज़मानत की कोशिश कर रही हैं।

बता दें कि सदफ़ एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ फिल्म कलाकार भी हैं। वो कांग्रेस पार्टी से भी जुड़ी हुई हैं। फिल्म मेकर मीरा नायर और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी उनकी जल्द रिहाई की मांग उठा चुकी हैं। सोमवार को ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने सदफ़ ज़फ़र से मुलाकात भी की थी।

इस दौरान अजय कुमार ने कहा था कि सदफ़ के साथ रूह कंपा देने वाली पुलिसिया बर्बरता हुई है। उनको पुरुष पुलिस वालों ने बर्बर तरीके से मारा है। उनके पेट में पुलिस ने बंदूक के बट से मारा है। राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह का अमानवीय और दिल दहला देने वाला उत्पीड़न हुआ है।

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