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महंगाई के विरोध का अनूठा तरीका, एक्टिविस्ट ने की ‘टमाटर महादेव’ की पूजा!

“बनारस के हर कोने में काशी विश्वनाथ बसते हैं। हर तरह के फलों व सब्ज़ियों से शिवलिंग बनाया जाता है और बाबा की पूजा की जाती है। हम टमाटर के दाम कम करने के लिए बाबा से प्रार्थना कर रहे थे।”
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इन दिनों सब्जियों की महंगाई आसमान छू रही है। ऐसे में, आम आदमी की जेब ढीली करती इस महंगाई का विरोध करने के लिए लोग बहुत क्रिएटिव और अनोखे तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल ही में बनारस में बाउंसर लगाकर टमाटर बेचने की ख़बर आई थी जिसके बाद सब्जी विक्रेता और उनके बेटे को हिरासत में ले लिया गया था। कुछ इसी अंदाज़ में ‘टमाटर महादेव’ की पूजा की ख़बर सामने आई है।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सब्जियों की महंगाई का विरोध करने के लिए शहर के चर्चित एक्टिविस्ट हरीश मिश्र उर्फ 'बनारस वाले मिश्रजी' ने शुक्रवार को 'टमाटरों का शिवलिंग' बनाया और एक मंदिर में पूजा करने जुट गए। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से सटे सिगरा इलाके के शिव मंदिर में इस अनूठी पूजा को देखने के भारी भीड़ जुट गई। आरोप है कि 'टमाटर महादेव' की पूजा से नाराज़ कमिश्नरेट पुलिस ने इस अनूठी प्रार्थना को पूरा नहीं होने दिया और वहीं रुकवा दिया।

बनारस में 09 जुलाई 2023 को लंका इलाके में बाउंसर लगाकर टमाटर बेचने वाले एक सब्जी विक्रेता और उसके बेटे को कमिश्नरेट पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। टमाटर की आसमान छू रही कीमतों का विरोध करने के लिए एक्टिविस्ट हरीश मिश्र ने सिगरा इलाके के एक शिव मंदिर में टमाटर महादेव की पूजा करने के लिए एक दिन पहले ही ऐलान किया था। पहले से निर्धारित समय पर वह सिगरा इलाके के एक शिव मंदिर में पहुंचे और उन्होंने टमाटर महादेव की संरचना बनाई। टमाटरों का शिवलिंग बनाकर पूजा करने की अनोखी परंपरा की शुरुआत करने वाले हरीश मिश्र बनारस में अपना दल (कमेरावादी) के नेता भी हैं। टमाटर का शिवलिंग बनाकर वह इसकी कीमतों को कम करने के लिए प्रार्थना करने में जुट गए। इसी बीच भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। पुलिस प्रशासन ने मंदिर में 'टमाटर महादेव' और इस अनोखी पूजा को अवैध घोषित कर दिया।

पुलिस ने मंदिर में मौजूद लोगों को वहां से हटाना शुरू किया तो हंगामा शुरू हो गया। एक्टिविस्ट हरीश मिश्र और उनके साथी आक्रोशित हो गए। उनकी पुलिस से तकरार शुरू हो गई। सिगरा पुलिस जब उन्हें सिगरा थाने लेकर जाने लगी तो वहां मौजूद लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। हरीश ने कहा कि "पुलिस हमें जबरन पकड़कर ले जा रही है, हालांकि हमने ना ही धरना प्रदर्शन किया है और ना ही किसी का विरोध किया है। हम प्रदेश सरकार से पूछते हैं कि भगवान की पूजा करने से हमें क्यों रोका जा रहा है? यह धर्म पर अत्याचार करने के समान है। पुलिस हमारे साथ गुंडागर्दी कर रही है। हम कहते हैं कि यदि पूरे बनारस के मंदिरों पर इसी तरह की पूजा की जाए तो क्या प्रशासन किसी को रोक पाएगा?”

शिव मंदिर के पुजारी पंडित कमल तिवारी ने मीडिया से कहा, "टमाटर महादेव की पूजा अर्चना बहुत महत्वपूर्ण है। हमने लगभग 150-160 टमाटर को एकत्र करके उनसे शिवलिंग की संरचना बनाई। फिर हमने विधि विधान के साथ पूजा की। हमने टमाटर महादेव पर बेल-पत्र और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाई थी। पूजा के दौरान, हमने टमाटर महादेव के मंत्रों को पढ़ा को पढ़ा। इस दौरान हमने बाबा विश्वनाथ की आरती भी की, लेकिन जाप के दौरान ही पुलिस ने हमें पूजा से रोक दिया। बनारस की कमिश्नरेट पुलिस ने हमें ‘टमाटर महादेव’ की विधवित पूजा नहीं करने दी। खाकी वर्दी ने हमारी प्रार्थना में व्यवधान डाला।"

बनारस की कमिश्नरेट पुलिस जब हरीश मिश्र और पुजारी को अपने साथ ले जाने लगी तो मौके पर मौजूद भीड़ ने विरोध शुरू कर दिया। इस बीच मीडिया कर्मियों ने पुलिस से सवाल करना शुरू किया। पुलिस से पूछा गया कि जब फलों से शिव की पूजा हो सकती है तो क्या सब्जियों से नहीं हो सकती?  बनारस में सावन के महीने में क्या किसी शिव मंदिर में टमाटर चढ़ाना अब गुनाह हो गया है?  इन सवालों पर पुलिस मौन रही।

अपना दल (कमेरावादी) के नेता हरीश मिश्र ने आरोप लगाया है कि "पुलिस पूजा करने से रोक रही है, जो पूरी तरह से गलत है। हालांकि, काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने बाद में सभी को शांत कर दिया। बाद में मंदिर में बने टमाटर के शिवलिंग को प्रसाद के रूप में जनता को बांट दिया गया।

एक्टिविस्ट हरीश मिश्र ने ‘न्यूज़क्लिक’ के लिए कहा, "टमाटर महादेव के रूप में पूजा करने का अर्थ यह है कि इस लाल सब्जी का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ऊंचा है। टमाटर के दाम बहुत ज़्यादा बढ़ गए हैं और आम आदमी खरीद नहीं पा रहा है। इसलिए हमने सोचा कि हम बाबा विश्वनाथ की शरण में जाएंगे और उनसे गुहार लगाएंगे। बनारस के हर कोने में काशी विश्वनाथ बसते हैं। हर तरह की सब्जियों से शिवलिंग बनाया जाता है और बाबा की पूजा की जाती है। आसमान छू रही टमाटर की कीमतें कम कराने के बजाय पुलिस प्रशासन हमें हमें पूजा करने से रोक रहा है। हम टमाटर के दाम कम करने के लिए बाबा से प्रार्थना कर रहे थे।"

अपनी बात जारी रखते हुए हरीश आगे कहते हैं, "देश भर में टमाटर की कीमतें बहुत ज़्यादा बढ़ गई हैं और आम आदमी उसे खरीद नहीं पा रहा है। लाखों लोगों की थाली से टमाटर गायब है। हम तो आम जनता के साथ खड़े हैं। इसलिए हमने सोचा कि हम बाबा विश्वनाथ की शरण में जाएंगे और उनसे गुहार लगाएंगे। हमें उम्मीद है कि टमाटर की कीमतों में चार से पांच दिनों में कमी ज़रूर आएगी। हमने कोई गुनाह नहीं किया है। अलबत्ता पुलिस का कृत्य हमारी धार्मिक आस्था और हमारे अधिकारों का उल्लंघन है।"

हरीश मिश्र ने यह भी कहा, "बनारस में जब कभी संकट आता है तो यहां अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा शुरू हो जाती है। जब बारिश नहीं होती तो मेंढकों की शादी कराई जाती है। बीमारियां आती हैं तो शहर के तिराहों-चौराहों पर ‘निकाला’ किया जाता है। टमाटर की महंगाई किसी आफत से कम नहीं है। इस सब्जी का दाम बढ़ने से रसोई घरों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। घरों में चटनी नहीं बना पा रही है और सलाद में टमाटर की कमी हो रही है। इसके चलते बहुत से लोग टमाटर की सब्जी बनाने से मना कर रहे हैं। अगर हमने टमाटरों से शिव की पूजा की है तो यह भला कौन सा गुनाह है? पुलिस ने हमारी धार्मिक आस्था पर हमला किया है।"

वे कहते हैं, "भाजपा सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पुलिस और जांच एजेंसियों का सहारा ले रही है। वह जनता के सवालों का जवाब देने के बजाय अवैध मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजकर दहशत फैला रही है। इस मुद्दे को लेकर हम अदालत में भी जाएंगे और बनारस के कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर और डीएम के खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे। इन अफसरों से हम यह भी पूछेंगे कि श्रावण मास में शिव भक्तों को पूजा करने पर पुलिस क्यों उत्पीड़ित कर रही है और इसे संविधान की किस धारा के तहत अपराध माना जा रहा है? यह एक तरीके से धर्म पर अत्याचार करने के समान है। पुलिस हमारे साथ गुंडागर्दी कर रही है। हम अपना दल (कमेरावादी) की विधायक डॉ. पल्लवी पटेल से बनारस कमिश्नरेट पुलिस की बदसलूकी की शिकायत करेंगे और इस मुद्दे को यूपी विधानसभा में उठाने के लिए अर्जी देंगे।"

बता दें कि बीती 09 जुलाई 2023 को बनारस में टमाटरों की महंगाई का विरोध करने के लिए समाजवादी पार्टी के एक नेता अजय फौजी और सब्जी विक्रेता ने व्यंग्यात्मक पोस्टर और बाउंसर लगाकर टमाटर बेचने की कोशिश की थी। बाद में पुलिस ने उनके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि अब दोनों की ज़मानत हो चुकी है। बनारस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और यहां से टमाटर की महंगाई का तल्ख सवाल उठने से यह मुद्दा गरमाता जा रह है। विपक्ष भी मुखर है, जिससे सरकार की खूब किरकिरी हो रही है।

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