NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अप्रवासी बच्चों के डिटेंशन सेंटर को फिर से खोलने के बाइडन के प्रयास को लेकर यूएस में नाराज़गी
बिना अभिभावक वाले अप्रवासी नाबालिग बच्चों के लिए बाइडन प्रशासन द्वारा दो डिटेंशन सेंटर को खोल दिया गया है क्योंकि सीमा में प्रवेश करने वाले इन नाबालिग बच्चों को डिटेन करना यूएस जारी रखे हुए है।
पीपल्स डिस्पैच
24 Feb 2021
अप्रवासी बच्चों के डिटेंशन सेंटर को फिर से खोलने के बाइडन के प्रयास को लेकर यूएस में नाराज़गी

मंगलवार 23 फरवरी को रिपोर्ट सामने आई कि फ्लोरिडा के होमस्टीड में स्थित बिस्केनी इनफ्लक्स केयर फेसिलिटी के रुप में जाने वाले बेहद विवादास्पद ट्रम्प-युग के होमस्टीड टेम्परेरी शेल्टर फॉर अनएकम्पनिड चिल्ड्रेन को फिर से खोल दिया गया है। इस हफ्ते की शुरुआत में यानी सोमवार को टेक्सास के कैरिज़ो स्प्रिंग्स में लगभग 700 अप्रवासी बच्चों के रहने के लिए बिना अभिभावक वाले नाबालिग बच्चों के लिए ट्रम्प युग के एक और डिटेंशन सेंटर को खोल दिया गया।

राष्ट्रपति बाइडन ने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कई आव्रजन विरोधी नीतियों को पलटने का वादा किया था। लेकिन डिटेंशन सेंटर खोलने के साथ साथ अब तक मौजूदा नीतियों को जारी रखने के फैसले ने व्यापक आलोचना का सामना किया है। विशेष रूप से ट्रम्प प्रशासन के दौरान इन चाइल्ड डिटेशन सेंटर को बंद करने के लिए अभियान चलाने वाले अप्रवासी अधिकार एक्टिविस्टों ने इन सेंटरों को फिर से खोलने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

जब इस मामले के बारे में पूछा गया तो व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन प्साकी ने कहा कि यह फैसला अस्थायी था और इस परिसर को COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए एक ओवरफ्लो परिसर के रुप में काम करना है। लेकिन एक्टिविस्टों ने इस तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार करने वाले बिना अभिभावक वाले नाबालिगों की बढ़ती संख्या को डिटेन करना जारी रखे हुए है।

अमेरिकन फ्रेंड्स सर्विस कमेटी की फ्लोरिडा शाखा की डायरेक्टर लिस-मैरी अल्वाराडो ने कहा, “मैं पाखंडी होने को लेकर बाइडन प्रशासन की कार्रवाइयों की निंदा करती हूं और ठीक इसी समय में इन सेंटरों को खोलने पर परिवार को फिर से मिलाने के लिए कहती हूं। उनकी बयानबाजी भले ही आप्रवासी विरोधी न हो लेकिन उनकी कार्रवाई तो है। यह शर्मनाक, घृणित और अविवेकपूर्ण है।" ये कमेटी इन सेंटरों को बंद करने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। अल्वराडो ने मियामी न्यू टाइम्स से बात करने के दौरान ये चर्चा की।

होमस्टेड सेंटर के पहले बिना लाइसेंस वाले एक लाभकारी संगठन द्वारा चलाई गई थी जिसे अगस्त 2019 में अप्रवासी अधिकार समूहों और डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं के भारी विरोध के बाद बंद कर दिया गया था। डेमोक्रेट्स जिन्होंने इसे बंद करने का आह्वान किया उनमें तत्कालीन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस, पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एलिजाबेथ वॉरेन और बर्नी सैंडर्स और अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ और इल्हान उमर जैसे प्रगतिशील सांसद शामिल थे।

Donand Trump
Joe Biden
Immigrant children's detention center

Trending

मप्र के कई शहरों में लॉकडाउन बढ़ाया गया, हरियाणा की बसों पर उत्तराखंड में रोक
कोविड-19 बनाम कोविड-21: बिन उत्सव सब सून!
कूच बिहार में सीआईएसएफ के दस्ते पर कथित हमले और बच्चे के चोटिल होने से शुरू हुई हिंसाः सूत्र
किसानों ने किया KMP Highway बंद, नेता बोले संघर्ष और तेज होगा
बंगाल चुनाव : कूचबिहार में मतदान के दौरान हिंसा, केंद्रीय बलों ने चलाई गोली, चार लोगों की मौत
सुप्रीम कोर्ट का रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने का फ़ैसला कितना मानवीय?

Related Stories

फ़िलिस्तीनियों ने यूएनआरडब्ल्यूए को मिलने वाली सहायता बहाल करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया
पीपल्स डिस्पैच
फ़िलिस्तीनियों ने यूएनआरडब्ल्यूए को मिलने वाली सहायता बहाल करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया
08 April 2021
पैलेस्टिनियन अथॉरिटी ने बुधवार 7 अप्रैल को यूनाइटेड नेशन रिलीफ एंड वर्क एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को मानवीय सहायता बहाल करने की अमेरिकी सरकार की घोषण
एम. के. भद्रकुमार
अलास्का वार्ता अमेरिका-चीन संबंधों में ला सकती है बड़ा बदलाव
24 March 2021
चीन के साथ अमेरिका के संबंधों की तल्खी पिछले हफ़्ते सतह पर आ गई। अलास्का के एंकोरेज में 18-19 मार्च को अमेरिका
पीपल्स डिस्पैच
यूएस से हिंसा रोकने की योजना साझा करने के बावजूद तालिबान ने युद्ध विराम ख़ारिज किया
23 March 2021
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के राष्ट्रपति अशरफ गनी से काबुल में मुलाकात

Pagination

  • Next page ››

बाकी खबरें

  • मप्र के कई शहरों में लॉकडाउन बढ़ाया गया, हरियाणा की बसों पर उत्तराखंड में रोक
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
    मप्र के कई शहरों में लॉकडाउन बढ़ाया गया, हरियाणा की बसों पर उत्तराखंड में रोक
    10 Apr 2021
    दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा- लॉकडाउन नहीं लेकिन प्रतिबंध बढ़ाएंगे
  • कूच बिहार में सीआईएसएफ के दस्ते पर कथित हमले और बच्चे के चोटिल होने से शुरू हुई हिंसाः सूत्र
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
    कूच बिहार में सीआईएसएफ के दस्ते पर कथित हमले और बच्चे के चोटिल होने से शुरू हुई हिंसाः सूत्र
    10 Apr 2021
    प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी हिंसा के लिए ममता बनर्जी को दोषी ठहराया है, जबकि ममता ने इस हिंसा के लिए गृह मंत्री अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफ़े की मांग की है। सीपीएम ने चुनाव आयोग से…
  • किसानों ने किया KMP Highway बंद, नेता बोले संघर्ष और तेज होगा
    न्यूज़क्लिक टीम
    किसानों ने किया KMP Highway बंद, नेता बोले संघर्ष और तेज होगा
    10 Apr 2021
    दिल्ली से सटे कुंडली मानेसर पलवल हाइवे को किसानों ने शनिवार को 24 घण्टे के लिए बंद रखा. तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ अपने संघर्ष को तेज करते हुए सरकार को चेतावनी देने के लिए किसानों ने ये कार्रवाई की…
  • कोविड-19 बनाम कोविड-21: बिन उत्सव सब सून!
    राजेंद्र शर्मा
    कोविड-19 बनाम कोविड-21: बिन उत्सव सब सून!
    10 Apr 2021
    मोदी जी ने ताबड़तोड़ चार दिन के टीका उत्सव का ऐलान कर दिया। टीका भी और उत्सव भी। कोरोना टीके से डरने को राज़ी नहीं है तो क्या हुआ, हम उसे उत्सव से पटा लेंगे।
  • सुप्रीम कोर्ट का रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने का फ़ैसला कितना मानवीय?
    अजय कुमार
    सुप्रीम कोर्ट का रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने का फ़ैसला कितना मानवीय?
    10 Apr 2021
    सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम यह निश्चित तौर पर कहते हैं कि पृथ्वी पर कहीं भी नरसंहार नहीं होना चाहिए। लेकिन दूसरे देशों में जो हो रहा है, हम इसकी निंदा नहीं कर सकते हैं।”
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें