आंगनवाड़ी कर्मचारियों के आगे झुकी केजरीवाल सरकार
दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन के नेत्रित्व में पिछले 24 दिनों से अपनी मांगों को लेकर अरविन्द केजरीवाल के घर के आगे संघर्ष कर रही आंगनबाड़ी कर्मचारियों को मिली शानदार जीत। पिछले 7 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे आंगनवाड़ी कर्मचारियों की तात्कालिक मांगों को केजरीवाल सरकार ने स्वीकार कर लिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल को वार्ता करने के लिए दिल्ली सचिवालय पर आमंत्रित किया था। ज्ञात हो कि इससे पहले आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने 17 जुलाई को दिल्ली सचिवालय पर एक विशाल प्रदर्शन कर अपनी मांगों का एक ज्ञापन मुख्य मंत्री को सौपा था। मगर इसके बावजूद सरकार ने उनकी मांगों की कोई सुनवाई नहीं की। आंगनबाड़ी के कर्मचारी लगातार 7 जुलाई से अरविन्द केजरीवाल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। रोज होते धरने और 5 दिन की क्रमिक भूख हड़ताल के बावजूद भी केजरीवाल सरकार ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ली। जिसके चलते 23 जुलाई से आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने अपनी मांगों की सुनवाई करवाने और सरकार पर दबाव डालने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत की थी। लगातार केजरीवाल सरकार तक अपनी बात पहुचाने के लिए आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने दिल्ली सचिवालय, विधान सभा से लेकर केजरीवाल साहब के घर पर लगने वाले जनता दरबार तक में अपने ज्ञापन सौपे। मगर 7 दिन लम्बी चली अनिष्चितकालीन भूख हड़ताल के बाद जनता द्वारा पैदा किये गए दबाव के कारण केजरीवाल ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए दिल्ली सचिवालय बुलाया। इस वार्ता में आंगनवाड़ी कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य मंत्री के साथ साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री संदीप कुमार से भी बात चीत की। आंगनबाड़ी कर्मचारियों के संघर्ष और एकता के आगे केजरीवाल सरकार को झुकना पड़ा। अपनी एकता के बल पर आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने 24 दिनों के संघर्ष के बाद उनकी मांगों को अनसुना करने वाली केजरीवाल सरकार को भी अपने सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
7 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हड़तालकर्मियों को फलों का रस पिला कर उनकी भूख हड़ताल तुड़वाई गयी। इसके बाद आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने सिविल लाइन्स से विधान सभा तक अपनी जीत का जश्न मनाते हुए एक शानदार विजय जुलुस निकाला जिसमे 1500 से भी जयादा आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। विजय जुलुस में आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने अपनी एकता जि़्ंदाबाद और दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन जि़्ंदाबाद के नारे लगाये। विजय जुलुस के बाद आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने फिर से अपनी सभा सिविल लाइन्स पर आरम्भ की। सभा में तात्कालिक मांगों को माने जाने की जीत के माइनों और आगे के संघर्ष के बारे में बात की गयी। महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री संदीप कुमार और डिप्टी डायरेक्टर सौम्या ने सभा में आकर आंगनवाड़ी कर्मचारियों से बात की और साथ ही वार्ता के बाद ड्राफ्ट किये गए आर्डर की एक कॉपी को दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन के प्रतिनिधियों को सौपा।
दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन की सदस्य शिवानी ने बताया कि अभी सरकार ने केवल हमारी तात्कालिक मांगें जिनमे पिछले 8-9 महीनों के बकाये मानदेय के तुरंत भुगतान, पहचान पात्र देने, हर महीने की 10 तारीख तक भुगतान करने, सबला स्कीम के भत्ते के भुगतान और बीमा की मांगें मानी है। लेकिन वेतन बढ़ोतरी के लिए अरविन्द केजरीवाल ने हमसे समय देने की बात कही है, उन्होंने कहा की वह विधान सभा में प्रस्ताव पेश करेंगे। शिवानी ने कहा की अपनी दर्गकालिक मांगों जैसे कि सरकारी कर्मचारी का दर्ज पाने, न्यूनतम वेतन, ई.एस.आई व पी.एफ आदि के लिए आंगनवाड़ी कर्मचारी अपना संघर्ष जारी रखेंगे। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे एक हड़तालकर्मी नितिन ने बताया कि यह हमारी केवल आंशिक जीत है और हमारी लड़ाई अभी बहुत लम्बी है। अभी हमारी केवल तात्कालिक मांगें मानी गयी है और हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक की हमारी दीर्घकालिक मांगों को सरकार नहीं मान लेती।
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