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भारतीय महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले दोगुनी बेरोज़गारी दर : अध्ययन

अध्ययन के मुताबिक नियुक्ति प्रबंधकों और श्रम बाजार विशेषज्ञों से बातचीत में खुलासा हुआ कि नियुक्ति में लैंगिक भेदभाव होता है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार : इंडिया टुडे

देश में समान योग्यता रखने के बावजूद महिलाओं की बेरोज़गारी दर पुरुषों के मुकाबले दोगुनी है। यह खुलासा एक अध्ययन में हुआ है।

‘जेंडर इंक्लूजन इन हायरिंग इंडिया’ (भारत में नियुक्ति में लैंगिक समावेश) शीर्षक से यह अध्ययन हार्वर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्रों रशल लेवनसन और लायला ओ केन ने किया है। इसके मुताबिक शहरों में काम करने योग्य शिक्षित महिलाओं में से 8.7 प्रतिशत बेरोज़गार हैं जबकि इसकी तुलना में केवल चार प्रतिशत पुरुषों के पास काम नहीं है।

अध्ययन में दावा किया गया है, ‘‘ महिलाओं के फ़ैसले और काम करने की योग्यता को कई कारक प्रभावित करते हैं। बेरोज़गारी दर में लैंगिक अंतर और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के शोध से पता चलता है कि महिलाओं को खासतौर पर अधिक शिक्षित को नौकरी पाने में पुरुषों के मुकाबले अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है।’’ 

लेवनसन और ओ केन का विश्लेषण 200 भारत आधारित नौकरियों पर किया गया जिसके लिए रोजगार मंच प्रदान करने वाली कंपनी शॉर्टलिस्ट ने 2016 और 2017 में भर्ती प्रक्रिया की। 2,11,004 आवेदकों के 2,86,991 आवेदनों (कुछ लोगों ने एक से अधिक नौकरियों के लिए आवेदन किया) पर भी संज्ञान लिया गया जो कंपनी के पास आए थे। 

अध्ययन के मुताबिक नियुक्ति प्रबंधकों और श्रम बाजार विशेषज्ञों से बातचीत में खुलासा हुआ कि नियुक्ति में लैंगिक भेदभाव होता है, जैसा कि पूरी दुनिया में होता है। 

भारतीय कार्यबल में विविधता लाने के उपायों को सुझाने के लिए अध्ययन में तीन स्तरीय बाधा पर गौर किया गया जिसका सामना महिलायें करती हैं, ये योग्यता और अनुभव, भर्ती और आवेदन करने में रुचि और आवेदन प्रकिया। 

अध्ययन में उच्च स्तर का प्रदर्शन और नवोन्मेष के जरिये कार्यस्थल को लैंगिक रूप से समावेशी बनाने पर जोर दिया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि भारतीय कार्यबल में बढ़ती हिस्सेदारी की वजह से उनकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी बढ़कर 27 प्रतिशत हो जाएगी। 

अध्ययन में अधिक प्रभावी और लैंगिक आधार पर संवेदनशील भर्ती प्रक्रिया बनाने के लिए योग्यता आधारित मूल्यांकन, भर्ती में व्यवहार को सीमित करने और नौकरी की स्पष्ट जानकारी देने का सुझाव दिया गया है। 

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