Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

दिल्ली दंगे: ‘शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों का बेशर्म अपराधीकरण बंद करो’

रविवार के दिन सीपीआई (एम), जिसके महासचिव सीताराम येचुरी को दिल्ली दंगों के मामले में एक पूरक आरोप-पत्र में नामजद किया गया है, एवं प्रोफेसर अपूर्वानन्द की ओर से दिल्ली पुलिस द्वारा की गई “निर्लज्ज” कार्यवाही के प्रति भर्त्सना के साथ बयान आये हैं।
दिल्ली दंगे

कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को दिल्ली दंगों के मामले की पूरक चार्जशीट में सह-साजिशकर्ताओं के तौर पर शामिल किये जाने की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के पोलित ब्यूरो ने रविवार को जारी अपने बयान में इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के “निर्लज्ज” अपराधीकरण किये जाने की तीव्र भर्त्सना की है।

दिल्ली पुलिस ने फरवरी दंगों के मामले में सीपीआई-एम महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद पर सीएए विरोधी प्रदर्शनकर्ताओं को “उकसाने और संगठित” करने के आरोप मढ़ते हुए एक पूरक आरोप पत्र में नामजद करने की खबरें प्रकाश में आई हैं। अपूर्वानंद ने भी अपने एक बयान के माध्यम से इस कार्यवाही को सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाने के लिए उन्हें "बदनाम करने वाली कवायद" करार दिया है।

सीपीआई-एम के बयान में कहा गया है “भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पोलित ब्यूरो दिल्ली पुलिस की बेशर्मी को देखकर हैरान है जोकि गृह मंत्री अमित शाह के अधीन काम करती है, जिसने प्रमुख राजनीतिक नेतृत्वकारी व्यक्तित्वों के साथ शिक्षाविदों, संस्कृति कर्मियों और कार्यकर्ताओं को फरवरी माह के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए स्तब्धकारी सांप्रदायिक हिंसा में फंसाने की कोशिश की है। इस प्रकार के घटिया पक्षपातपूर्ण और प्रतिशोध वाले कृत्य की जितनी भी भर्त्सना की जाए वह कम है।”

बयान में कहा गया है कि “इन प्रतिष्ठित हस्तियों के नाम दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर 50/20 की अनुपूरक चार्जशीट में निकलकर आ रहे हैं, जिसमें सीएए-एनआरसी के विरोध में शामिल प्रदर्शनकारियों को उकसाने में उनकी कथित भूमिका को दिखाया गया है। यह कृत्य पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों जैसे कि सीबीआई, एनआईए, ईडी के सरासर दुरुपयोग के बढ़ते पैटर्न के अनुरूप है, जिसमें महत्वपूर्ण विरोधी हस्तियों को फंसाने और बदनाम करने की कोशिशें लगातार की जाती रही हैं। इस पैटर्न के जरिये ऐसे लोगों को खूंखार एनएसए, यूएपीए और देशद्रोह की धाराओं के अंतर्गत उत्पीड़न और बंदी बनाये जाने के उपक्रम को अंजाम दिया जाता है, जो सरकार द्वारा शक्तियों के बलात दुरूपयोग का पुरजोर विरोध करते आये हैं, जैसा कि संविधान द्वारा निर्दिष्ट ठहराया गया है।”

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की ओर से जारी बयान

इसके साथ ही पार्टी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर दिल्ली दंगों को लेकर अपने खुद के नैरेटिव की पटकथा के अनुसार इसे नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ "गहरी साजिश" के रूप में चित्रित करने का आरोप लगाया है।

दिल्ली पुलिस से सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के अपराधीकरण को बंद करने का अनुरोध करते हुए अपूर्वानंद ने इसे "नागरिकता के लिए पूरी तरह से वैध कार्य" बताया है। वे कहते हैं "पूरक सीएस कानूनी मामले में सुधार नहीं लाता है, बल्कि इसका उद्येश्य सिर्फ राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने, प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने, और हम सभी के नामों को इस बदनाम करने वाले एजेंडे के तहत इस्तेमाल में लाया जा रहा है। उनके द्वारा विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने के उनके कृत्य को हिंसा की साजिश के तौर पर देखने की कोशिश की जा रही है, जिसमें अन्य लोगों के साथ मुझे बिना किसी कानून या तथ्यों के आधार पर उस उद्येश्य को उकसाने वालों के तौर पर पेश किया जा रहा है।

हाल ही के पूरक आरोप पत्र पर जारी वक्तव्य

“फरवरी की हिंसा के वास्तविक कृत्य के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए हम अभी भी दिल्ली पुलिस द्वारा जांच आरंभ करने की प्रतीक्षा में हैं।”

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest