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अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त की अंबेडकर प्रतिमा, एक आरोपी गिरफ़्तार

पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि रेवती थाना क्षेत्र के चौबे छपरा गांव के बौद्ध मठ में स्थापित अंबेडकर प्रतिमा को शुक्रवार की रात अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। PTI

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती क्षेत्र में बौद्ध मठ में स्थापित अंबेडकर प्रतिमा को अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किये जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि रेवती थाना क्षेत्र के चौबे छपरा गांव के बौद्ध मठ में स्थापित अंबेडकर प्रतिमा को शुक्रवार की रात अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।

उन्होंने बताया कि शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने प्रतिमा को क्षतिग्रस्त देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी।

उधर, प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस अधिकारियों ने आक्रोशित ग्रामीणों के साथ बातचीत कर कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया।

अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि प्रतिमा का हाथ क्षतिग्रस्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में श्रवण कुमार वर्मा नामक व्यक्ति की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना का खुलासा कर चंद्रशेखर सिंह नामक शख्स को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रतिमा की मरम्मत करा दी है और गांव में शांति व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात कर दी गयी है।

बता दें कि बाबा साहेब की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की घटनाएं हुई हैं।

ज्ञात हो कि इस महीने की शुरूआत में उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के रतनपुरी थाना क्षेत्र के भूपखेडी गांव में अज्ञात लोगों ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था जिसके बाद ग़ुस्साए लोगों ने यहां विरोध प्रदर्शन किया था।

3 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश के भदोही ज़िले में अम्बेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया था। इसी माह में मेरठ के हस्तिनापुर में भी बाबा साहेब की मूर्ति को क्षति पहुंचाई गयी थी।

वहीं 15 फरवरी 2020 को अयोध्या के गोसाईगंज कोतवाली इलाक़े भी अंबेडकर की मूर्ति को नुक़सान पहुंचाया गया था।

7 अप्रैल 2018 को आगरा के दुगारैया गांव में भी बाबा साहेब की मूर्ति को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। वहीं उत्तर प्रदेश में ही 10 अप्रैल 2018 को बदायूं में अंबेडकर प्रतिमा का हाथ तोड़ दिया गया था। इसी दिन सहारनपुर में भी अंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने का आरोप है।

ग़ौरतलब है कि 8 मार्च 2018 को त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ी गई तो तमिलनाडु में अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया वहीं केरल में महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई गई।

उधर 12 अक्टूबर 2016 को उत्तर प्रदेश के ही फ़र्रुख़ाबाद के गऊटोला के अम्बेडकर पार्क में लगी मूर्ति को अराजकतत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था।

देश के विभिन्न हिस्सों में अंबेडकर के साथ साथ अन्य महापुरूषों की मूर्तियों को निशाना बनाया जाता रहा है।

सवाल यह है कि इस तरह की घटनाएं होती क्यों हैं, इन मूर्तिभंजको की मानसिकता क्या होती है। इनका मक़सद क्या होता है। दरअसल भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को, लेनिन या गांधी की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने वाले इन महापुरुषों की विचाधारा के विरोधी होते हैं।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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