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विश्वविद्यालयों में लग रहे 'थैंक्यू मोदी जी' के बैनर, छात्र और शिक्षकों ने किया विरोध

यूजीसी के आदेश पर देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने वैक्सीनेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने वाले बैनर लगा भी दिया है। इस कदम को लेकर छात्र और शिक्षक संघ में नाराज़गी है और वो इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। 
विश्वविद्यालयों में लग रहे 'थैंक्यू मोदी जी' के बैनर, छात्र और शिक्षकों ने किया विरोध

देश महामारी से जूझ रहा है लेकिन इस बीच भी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। हालाँकि इस काम में उन्हें सरकारी संस्थानों का भी भरपूर साथ मिल रहा है। पूरे देश में जहाँ लोग आज भी टीके के  लिए दर-दर भटक रहे है, वैसे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों को 18 वर्ष से अधिक आयु समूह के लिए मुफ्त टीकाकरण शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने वाले बैनर लगाने को कहा है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को रविवार को भेजे गए वाट्सऐप संदेश में यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने संस्थानों से अपने इंटरनेट मीडिया पेज पर भी बैनर लगाने का आदेश दिया। कई विश्वविद्यालयों के अधिकारियों ने यह निर्देश प्राप्त होने की पुष्टि की है। अब ये प्रभावी हो गया है। देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने बैनर लगा भी दिया है।  इस कदम को लेकर छात्र और शिक्षक संघ में नाराज़गी है और वो इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। 

यूजीसी सचिव रजनीश जैन के इस कथित संदेश में कहा गया है, ‘भारत सरकार 18 वर्ष और उससे अधिक आयु समूह के लिए कल 21 जून 2021 से मुफ्त टीकाकरण शुरू कर रही है। इस सिलसिले में, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से ये होर्डिंग और बैनर अपने संस्थानों में लगाने का अनुरोध किया जाता है।’

दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, बैनेट विश्वविद्यालय, नॉर्थ कैंप विश्वविद्यालय  गुरुग्राम समेत कई विश्वविद्यालयों ने अपने सोशल मीडिया पेज पर “ThankyouModiji” हैशटैग के साथ ये बैनर शेयर भी कर भी दिया है। 

शिक्षक, छात्र यूनियन सहित विपक्षी दल ने की आलोचना 

टीकाकरण को लेकर और प्रधानमंत्री मोदी के तारीफ़ के पोस्टर लगवाने को लेकर यूजीसी के निर्णय के ख़िलाफ़ छात्र संघ ,शिक्षक संघ और विपक्षी दलों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिना वैक्सीन दिए दिल्ली के अफसरों पर ‘धन्यवाद मोदी जी’ का विज्ञापन देने का केंद्र सरकार दबाव बना रही है। देश में दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त वैक्सीनेशन ड्राइव नहीं बल्कि सबसे लंबा अभियान चल रहा है। 

कांग्रेस ने भी सरकार के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के दावे पर सवाल उठाए। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को ट्वीट कर दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान’ के लिए खुद का धन्यवाद करवाने के 24 घंटे बाद कोविड टीकाकरण में 40 फीसदी की गिरावट आई। दुनिया में हम इकलौते देश हैं जहां इतनी तेज गिरावट देखी गई है। धन्यवाद मोदी जी।’’

स्वराज इंडिया के प्रमुख एवं यूजीसी के पूर्व सदस्य योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया, ‘यूजीसी का पूर्व सदस्य होने के नाते में बहुत लज्जित महसूस कर रहा हूं। UGC में तब भी (2010-12) चीजें खराब थीं, लेकिन ऐसी चापलूसी अकल्पनीय थी। हम रोज एक नया निम्न स्तर खोज लेते हैं।”

दिल्ली विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (डूटा) की आभा देव हबीब ने आरोप लगाया कि संस्थानों को प्रधानमंत्री का प्रचार करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अपने एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वैक्सीनेशन सबका अधिकार है। यह टैक्स भरने वालों के पैसों से लगवाई जा रही है। इसमें जो देरी हुई, उसके दोष से सरकार बच नहीं सकती।

उन्होंने आगे अपने पोस्ट में लिखा कोरोना की दूसरी लहर में बाकी क्षेत्र की तरह ही शिक्षा के क्षेत्र भी प्रभावित हुआ। हमने अपने कई साथियों को खो दिया।

“यूजीसी से हम राहत मांगे, लेकिन उस बारे में कुछ नहीं किया, डेथ ग्रेचुएटी और स्टूडेंट्स के लिए स्कॉलरशिप पर भी कुछ नहीं। हमने मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ को मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने के लिए लिखा, लेकिन उसके लिए भी कुछ नहीं।”

इसके साथ ही उन्होंने पुराने लिखे पत्रों की तस्वीर भी साझा की। 

कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने #Modi_Ka_Vaccine_PR  के साथ ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए लिखा "छात्रों के लिए किसी भी तरह के राहत पैकेज का एलान  नहीं करने।  छात्रों के लिए किसी भी तरह के वैक्सीन नीति नहीं बनाने। सरकार उनकी फीस और लोन माफ नहीं करने। बेरोज़गार छात्रों आवज को अनसुना करने  कई  छात्रों  का पूरा एक साल खराब  करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद ! "

वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया (SFI) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुमित कटारिया ने कहा हमारे देश ने प्रधानमंत्री चुना था लेकिन वो केवल प्रचारमंत्री बनकर रह गए हैं।  सरकार को शर्म आनी चाहिए ऐसे समय में जब छात्र और बाकी लोग उनसे राहत की उम्मीद कर रहे हैं तो वे अपने प्रचार के नए नए तरीके खोज रहे हैं। 

शिवसेना की प्रवक्ता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यूजीसी ने जिस तरह से सभी सरकारी वित्त पोषित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को मुफ्त टीकों के लिए पीएम को धन्यवाद देने वाले पोस्टर लगाने को कहा। सबसे पहले टैक्सपेयर्स के पैसे से टीके खरीदे जा रहे हैं।  दूसरे, काश यूजीसी ने छात्रों के लिए समान तत्परता के साथ काम किया और युवाओं में नौकरियों की कमी के बारे में पूछा होता।

इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित कोविड-19 के लिए संशोधित दिशानिर्देश सोमवार को प्रभावी हो गये। इन दिशानिर्देशों के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति मुफ्त टीका लगवाने के योग्य होंगे। सरकार ने दावा किया कि वैक्सीनेशन में भारत में 21 जून को नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। सरकार की नई टीकाकरण नीति के तहत पहले ही दिन 85 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण किया। हालाँकि बुधवार आते आते इस अभियान की हवा निकालनी शुरू हो गई। कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि देश में 21 जून को टीकों की 80 लाख से अधिक खुराक दिए जाने के अगले दिन ही इसमें 40 फीसदी गिरावट आ गई और भारत दुनिया का इकलौता देश है जहां टीकाकरण में इतनी ज्यादा गिरावट देखी गई है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल किया कि आखिर किसे मूर्ख बनाया जा रहा है ?

उन्होंने मध्य प्रदेश में पिछले तीन दिनों के टीकाकरण का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मध्य प्रदेश में पिछले तीन दिनों के टीकाकरण का आंकड़ा : 20 जून को 692 लोगों को टीका लगा, 21 जून को 16.93 लाख लोगों को टीका लगा और 22 जून को 4,842 लोगों को टीका लगा। हम किसे मूर्ख बना रहे हैं?’’

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