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बोलीविया की जनता ने एक और तख़्तापलट को किया नाकाम

ला पाज़ के बीचोंबीच सैन्य बलों के इकट्ठा होने तथा सरकार के महल को घेर लेने के बाद आम जनता ने सामूहिक रूप से इसका जवाब दिया।
Bolivian people
बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस आर्से प्लाजा मुरिलो तख़्तापलट को नाकाम करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए। फोटो: इवान बेलोट

“कोई भी हमारा लोकतंत्र नहीं छीन सकता है!”

बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस आर्से ने बुधवार 26 जून की दोपहर को बोलीविया के लोगों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि सेना के तख्तापलट को प्रयास विफल कर दिया गया।

26 जून की दोपहर को, जनरल जुआन ज़ुनिगा के आदेश पर सेना के सैकड़ों जवानों ने एक मंत्रिस्तरीय बैठक से, ला पाज़ के बीचोंबीच क्वेमाडो पैलेस (सरकारी महल) को घेर लिया था। उन्होंने टैंक से हमला कर महल के मुख्य द्वार को तोड़ दिया था और बलपूर्वक अंदर घुसने का प्रयास किया।

तब ही ज़ुनिगा ने घोषणा की कि सेना के जवान जेल में जुटेंगे और बोलीविया के "राजनीतिक कैदियों" को रिहा करवाएंगे, जिनमें जीनिन एनेज़ और लुइस फ़र्नांडो कैमाचो शामिल हैं, जो 2019 में इवो मोरालेस के ख़िलाफ़ तख्तापलट में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद हैं। एनेज़ ने बाद में एक्स पर लिखा कि वे संवैधानिक व्यवस्था को नष्ट करने के सेना के प्रयास को अस्वीकार करते हैं, और चाहते हैं कि "आर्स और इवो के साथ एमएएस को 2025 में मतपेटी के माध्यम से सत्ता से हटाया जाए। बोलीविया के लोग लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।"

बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस का तुरंत इस घटनाक्रम पर ध्यान गया और बोलीविया की जनता से लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

बोलीविया की विदेश मंत्री, सेलिंडा सोसा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि, "बहुराष्ट्रीय बोलीविया राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने बोलीविया सेना की कुछ इकाइयों की अनियमित लामबंदी की निंदा करता है जो देश के लोकतंत्र, शांति और सुरक्षा पर हमला है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और बोलीविया की जनता से अपील करते हैं कि वे सुनिश्चित करें कि लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान किया जाए।"

जब सेना ने महल पर धावा बोलने की कोशिश की, तो सैकड़ों-हजारों बोलिवियाई लोगों ने लोकतंत्र को बचाने और सेना को पीछे हटने की मांग को लेकर लामबंद होना शुरू कर दिया था। जन संगठनों, ट्रेड यूनियनों और आम जनता के साथ इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल लोगों का सेना और पुलिस अधिकारियों ने भारी दमन किया, जिन्होंने अंधाधुंध आंसू गैस के गोले दागे और जनता को प्लाजा मुरिलो तक पहुंचने से रोकने की कोशिश की।

20 लाख मजदूरों से अधिक का प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रेड यूनियन, बोलिवियन वर्कर्स सेंट्रल (सीओबी) ने अनिश्चितकालीन आम हड़ताल की घोषणा कर दी और "बोलीविया में संवैधानिक व्यवस्था और कानूनी रूप से स्थापित सरकार की रक्षा और उसे बहाल करने के लिए सभी सामाजिक और यूनियन के संगठनों को ला पाज़ शहर में इकट्ठा होने की घोषणा की।"

महल को सेना के एक घंटे की घेराबंदी के बाद, बोलिवियाई राष्ट्रपति लुइस आर्से ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें ज़ुनिगा की जगह जोस सांचेज़ को नया सैन्य कमांड नियुक्त किया गया। सांचेज़ ने केंद्र में जमा हुए सेना के अफसरों को आदेश दिया कि वे बोलिवियाई लोगों के साथ किसी भी रक्तपात से बचने के लिए अपने-अपने ठिकानों पर लौट जाएं और उन्होंने पुष्टि की कि वे लुइस आर्से की वैधानिक और संवैधानिक सरकार का समर्थन करते हैं।

एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें आर्से महल में जुनिगा से भिड़ते हुए नज़र आ रहे हैं और उन्हें दृढ़तापूर्वक पद से हटने और लोकतंत्र का सम्मान करने को कह रहे हैं।

आर्से और सांचेज़ के बयान के कुछ ही समय बाद, जिन टैंकों ने शुरू में प्लाजा को बंद कर दिया था और महल को घेर लिया था, वे पीछे हटने लगे और हज़ारों लोग तख्तापलट की कोशिश को दरकिनार करने और आर्से का समर्थन करने के लिए इलाके में उमड़ पड़े। उन्होंने घोषणा की, “आर्स तुम अकेले नहीं, हम तुम्हारे साथ हैं! लोकतंत्र अमर रहे!”

बोलीविया में तख्तापलट की कोशिश पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के राजनीतिक नेताओं ने सेना के एक हिस्से द्वारा बोलीविया के लोकतंत्र को खत्म करने के प्रयास को जोरदार तरीके से खारिज कर दिया और इस प्रयास की हार पर खुशी जताई है। कई लोगों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह तख्तापलट के ठीक पांच साल बाद हुआ, जिसमें इवो मोरालेस को पद से हटा दिया गया था और डी-फेकटो नेता जीनिन एनेज़ को उनकी जगह कुर्सी पर बैठा दिया था। तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनों के एक साल के प्रतिरोध और हिंसक दमन के बाद, बोलीविया के लोगों ने लोकतंत्र को बहाल किया और लुइस आर्से को चुना।

होंडुरास के राष्ट्रपति और लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के समुदाय (सीईएलएसी) के अस्थायी अध्यक्ष शियोमारा कास्त्रो ने सीईएलएसी के सभी सदस्य देशों के राष्ट्रपतियों का आह्वान किया कि वे “फासीवाद की निंदा करें जो आज बोलीविया में लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है उसके खिलाफ नागरिक शक्ति और संविधान के सम्मान की रक्षा करें।”

इंटरनेशनल पीपल्स असेंबली (आईपीए) ने एक बयान में लिखा कि, "बोलीविया के साहसी लोगों ने तख्तापलट को सफलतापूर्वक हरा दिया है! राष्ट्रपति लुइस आर्से की लोकतांत्रिक सरकार की रक्षा के लिए लोगों के आंदोलन लामबंद हो गए। हम हमेशा लोकतंत्र और संप्रभुता के साथ खड़े रहेंगे - आज हमने देखा कि बोलीविया के लोग बोलीविया के अभिजात वर्ग और उनके अमेरिकी आकाओं के देश को अस्थिर करने के प्रयासों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं।"

बोलिवियन वर्कर्स सेंट्रल (सीओबी) और बोलीविया के अन्य संगठनों ने भी आम लोगों की इस जीत पर खुशी जताई है, लेकिन बोलीविया के लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आगे किसी भी तख्तापलट के प्रयासों के खिलाफ सतर्कता बरतने का आह्वान भी किया है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

The Bolivian People Have Defeated Another Coup

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