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चक्रवाती तूफान ‘यास’ बंगाल, ओडिशा में तटों से टकराया, चार लोगों की मौत

चक्रवाती तूफान ‘यास’  के दौरान 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये, खेतों में पानी भर गया। अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गयी। चक्रवात के कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल ओर झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
चक्रवाती तूफान ‘यास’ बंगाल, ओडिशा में तटों से टकराया, चार लोगों की मौत
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

नयी दिल्ली /बालासोर/दीघा/कोलकाता/भुवनेश्वर/ रांची,: चक्रवाती तूफान ‘यास’ के बुधवार को देश के पूर्वी तटों से टकराने के बाद भारी बारिश हुई। चक्रवात के दौरान 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये, खेतों में पानी भर गया। अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गयी।

चक्रवात के कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल ओर झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अपराह्र में तटों से टकराने के बाद तूफान कमजोर पड़ गया था। इसके साथ ही प्रशासन ने जानकारी दी की लोगो तक सूचना पहुँच सके इसके लिए स्थानीय भाषाओ में संदेश भेजे गए।  

चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत 

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है।

ओडिशा के बालासोर और भद्रक जिलों में 128 गांवों में पानी भर गया। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इन गांवों के लिए सात दिनों तक राहत पहुंचाने की घोषणा की है।

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने बताया कि बालासोर जिले के बहनागा और रेमुना ब्लॉक और भद्रक जिले के धामरा और बासुदेवपुर के कई गांवों में समुद्र का पानी घुस गया।

उन्होंने कहा कि प्रशासन स्थानीय लोगों की मदद से गांवों से पानी निकालने के वास्ते कदम उठा रहा है।

जेना ने कहा कि मयूरभंज जिले के सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान में भारी बारिश के कारण बुधबलंग नदी में अचानक बाढ़ आने की आशंका जताई गई है। दोपहर में नदी का जलस्तर 27 मीटर के खतरे के स्तर के मुकाबले 21 मीटर पर था।

उन्होंने कहा कि मयूरभंज जिला प्रशासन ने नदी के दोनों तरफ स्थित कुछ इलाकों और बारीपदा शहर के कुछ निचले इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया है।

जेना ने कहा कि तार कटने के बाद जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और जाजपुर जिले में कुछ जगहों पर बिजली लाइनों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि इन जिलों में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि क्योंझर और बालासोर में पेड़ गिरने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई लेकिन इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है।

मयूरभंज में एक और बुजुर्ग महिला की मकान गिरने से मौत हो गई।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में चक्रवात का बहुत असर नहीं पड़ा लेकिन इस वजह से तेज हवाएं चलने के साथ भारी बारिश हुई।

ओडिशा के संवेदनशील क्षेत्रों से 6.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है और पश्चिम बंगाल में 15 लाख लोगों को शरणस्थलों पर पहुंचाया गया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में चक्रवात से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए है। उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गये।

उन्होंने दावा किया कि चक्रवात के कारण राज्य ‘‘सबसे अधिक’’ प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से बंगाल में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक तीन लाख मकान और 134 तटबंध क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की दुर्घटनावश मौत हो गई। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में 10 करोड़ रुपये की राहत सामग्री भेजी गई है।

एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि ओडिशा के बालासोर जिले के साथ सीमा साझा करने वाला पूर्वी मिदनापुर का दीघा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सेना को बुलाया गया है।

रक्षा अधिकारी ने बताया कि सेना ने राज्य प्रशासन की मदद के लिए पश्चिम बंगाल में 17 कॉलम तैनात किये हैं। उन्होंने कहा कि सेना द्वारा राहत एवं बचाव अभियान हावड़ा जिले के ऑर्फुली में भी चलाया जा रहा है।

बनर्जी ने राज्य में खासकर पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, पुरुलिया और नदिया के लोगों से घरों में रहने की अपील की है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लगभग पूरे पश्चिम बंगाल में पानी भर गया है। कई तटबंध टूट गए हैं और समुद्र का पानी दक्षिण 24 परगना के सागर एवं गोसाबा जैसे क्षेत्रों और पूर्व मिदनापुर के मंदारमणि, दीघा और शंकरपुर जैसे तटीय क्षेत्रों में घुस गया है। निचले इलाकों में व्यापक क्षति हुई है।’’

अधिकारियों ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राज्य पुलिस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि कोलकाता के कुछ निचले इलाकों में पानी भरने की खबर है।

मौसम कार्यालय ने पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में भारी बारिश और झाड़ग्राम, बांकुड़ा, दक्षिण 24 परगना जिलों में अगले 24 घंटों में बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है।

कार्यालय ने बताया कि ‘यास’ के कारण पुरुलिया, नदिया, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, हुगली, कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होगी।

चक्रवाती तूफान ‘यास’ झारखंड पहुंचा, तूफानी हवाओं के साथ तेज बारिश
 

चक्रवाती तूफान ‘यास’ बुधवार रात 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं और भारी बारिश के साथ झारखंड की सीमा में पहुंच गया।

चक्रवात के कारण बृहस्पतिवार दोपहर तक तूफान के चलते कोल्हान इलाके में 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।

चक्रवात के मद्देनजर राज्य में लोगों को अगले चौबीस घंटे घरों में ही रहने को कहा गया है और कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो के अलावा खूंटी एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों में निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम लगातार जारी है। अब तक दस हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है।

झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. अमिताभ कौशल ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास बुधवार रात लगभग साढ़े आठ बजे झारखंड की सीमा में प्रवेश कर गया।
 
यास चक्रवात से दूरसंचार ढांचे को मामूली नुकसान, लोगों को स्थानीय भाषा में भेजे गये संदेश: डॉट
  सरकार ने बुधवार को कहा कि चक्रवाती तूफ़ान ‘यास’ से दूरसंचार ढांचे को मामूली नुकसान हुआ है तथा नुकसान को कम करने के लिए लोगों को पहली बार स्थानीय भाषाओं में संदेश देने के लिये नेटवर्क का व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया गया।

दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यास चक्रवात के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए स्थानीय भाषाओँ में पहली बार ऑडियो संदेश के जरिये सतर्क किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा पहली बार हुआ है जब लोगों को स्थानीय भाषाओँ में सन्देश भेजे गए, जिसका अनुकूल असर होना चाहिए। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने इस सुविधा को मुफ्त प्रदान करने में तत्परता से सहयोग किया। हम इस सुविधा को आपदा प्रबंधन के लिए मानक प्रोटोकॉल के रूप में जोड़ेंगे।’’

दूरसंचार विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘स्थानीय निवासियों को सचेत करने के लिए कुल 6 करोड़ से अधिक एकमुश्त संदेश स्थानीय भाषाओं में भेजे गए। इनमें से 3.87 करोड़ पश्चिम बंगाल में, 2.43 करोड़ ओडिशा में और 36.4 लाख आंध्र प्रदेश में भेज गए।’’

विभाग ने कहा कि चक्रवात का असर पश्चिम बंगाल में पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बकुरा, दक्षिण 24 परगना और झारग्राम और ओडिशा में बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, क्योंझर और मयूरभंज जिले में पड़ा है।

वही सूत्रों के अनुसार दूरसंचार ढांचे पर चक्रवात से 5 से 7 प्रतिशत प्रभाव पड़ा है। इसका मुख्य कारण बिजली कट जाना रहा है। बिजली उपलब्ध होने के बाद प्रभावित क्षेत्र में सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी।

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