Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

दिल्ली: कई मांगों को लेकर ग्रामीण एकजुट, सीएम व एलजी आवास पर करेंगे ‘महापंचायत’

राजधानी दिल्ली के ग्रामीणों ने, धारा 81 व 33 को समाप्त करने और लाल डोरे का विस्तार करने समेत अपनी कई मांगों को पूरा कराने के लिए ‘निर्णायक’ संघर्ष का ऐलान किया है। इस सिलिसिले में ग्रामीण 16 सितंबर को ‘महापंचायत’ करेंगे।
kisan

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के ग्रामीणों ने, धारा 81 व 33 को समाप्त करने और लाल डोरे का विस्तार करने समेत अपनी कई मांगों को पूरा कराने के लिए ‘निर्णायक’ संघर्ष का फैसला लिया है। इसके साथ ही इन ग्रामीणों ने केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी के कई आदेशों के ख़िलाफ़ 'पालम 360 खाप' के बैनर तले संघर्ष तेज़ कर दिया है।

'पालम 360 खाप' के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि "ग्रामीणों के मुद्दों को लेकर शनिवार 16 सितंबर को मुख्यमंत्री एवं उपराज्यपाल के आवास के बाहर महापंचायत की जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण एकजुट होंगे क्योंकि मांगों की सुनवाई नहीं होने के कारण उनमें भारी नाराज़गी है।

इस मौके पर सोलंकी ने बताया कि "बीते तीन सितंबर को पीरागढ़ी गांव में पालम 360 खाप के बैनर तले महापंचायत का आयोजन किया गया था। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी मांगे पूरी करने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया था। इसके साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी थी कि इसके बाद वे अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए आर-पार की लड़ाई शुरू करेंगे।"

आरोप है कि उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकारी स्तर पर पहल शुरू नहीं हुई। यही कारण है कि उन्होंने 16 सितंबर को मुख्यमंत्री व उपराज्यपाल के आवास पर महापंचायत करने का निर्णय लिया है।

सोलंकी ने बताया कि वह इस महापंचायत के बाद भी अपनी लड़ाई जारी रखेंगे जिसे लेकर 16 सितंबर को महापंचायत में ऐलान किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक़ 6 सितंबर को मुख्यमन्त्री एवं उपराज्यपाल के आवास पर होने वाली वाली महापंचायत में हज़ारों की संख्या में ग्रामीण शामिल हो सकते हैं। महापंचायत की तैयारी में प्रत्येक गांवों में हो रही पंचायतों में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हो रहे है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों पीरागढ़ी महापंचायत में लिये गए फ़ैसले के तहत अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण अब निर्णायक संघर्ष का मन बना चुके हैं।

चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के मुताबिक़ निम्न मांगों को लेकर उनका संघर्ष है :

* धारा 81 व 33 समाप्त हो, धारा 81 के तहत पुराने मुक़दमे वापस लिए जाएं।

* दिल्ली सरकार ग्रामसभा की ज़मीन को डीडीए को देना बंद करे।

* लाल डोरे का विस्तार किया जाए।

* धारा 74/4 और 20 सूत्री के तहत ग़रीबो को अवंटित भूमि एवं प्लॉटो का मालिकाना हक दिया जाए।

* ग्रामीणों को भूमि अधिग्रहण करने के मामले में अल्टरनेटिव प्लॉट जल्द से जल्द दिए जाएं।

* गांव वालों को पुश्तैनी सम्पति का मालिकाना हक दिया जाए।

सोलंकी का कहना है कि "ग्रामीणों ने बहुत अत्याचार सहन कर लिया है, मगर अब वह किसी भी मामले में उपेक्षा बर्दास्त नहीं करेंगे। हम प्रत्येक अव्यवहारिक नियम व निर्णय का विरोध करेंगे। यह लड़ाई 36 बिरादरी की है, सब मिलकर लड़ेंगे।"

वह आरोप लगाते हुए कहते हैं, "शहरी इलाकों की दरों पर गांवों से हाउस टैक्स वसूला जा रहा है। हाउस टैक्स न देने पर ग्रामीणों की संपत्ति को सील किया जा रहा है। इसके अलावा गांवों में भवन उपनियम लागू कर दिए गए जबकि गांवों में यह नियम लागू करने के लिए न गलिया हैं और न ही सड़कें। इस कारण गांवों में मकानों के नक्शे पास नहीं हो सकते और जब ग्रामीण अपना मकान बताते हैं तो डीडीए व एमसीडी के अधिकारी वसूली करने आ जाते हैं। मगर अब ग्रामीण इस तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest