दिल्ली: बीजेपी सांसद बृजभूषण के ख़िलाफ़ FIR के बाद भी पहलवानों का संघर्ष जारी, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?

दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन शनिवार, 29 अप्रैल को सातवें दिन भी जारी है। ये खिलाडी पिछले छह दिनों से लगातार देश के लोगों से उनके प्रदर्शन में शामिल होने की अपील कर रहे है, इन खिलाड़ियों के समर्थन में अब तक कई राजनीतिक दल के नेता, किसान यूनियन, छात्र संगठन, नागरिक समाज के लोग और खाप पंचायतें भी जंतर-मंतर पर पहुंची हैं। वहीं देश के कई विश्वविद्यालयों और राज्यों में इन खिलाड़ियों की एकजुटता में प्रदर्शन भी हुए हैं।
बता दें कि राजधानी के दिल्ली विश्वविद्यालय से लेकर उत्तर प्रदेश की लखनऊ यूनिवर्सिटी तक हरियाणा की खाप पंचायतों से लेकर बनारस के आम नागरिकों तक इन पहलवानों के समर्थन में खुलकर प्रदर्शन कर रहे हैं। देशभर में महिला संगठनों का भी इन पहलवानों के समर्थन में लगातार संघर्ष जारी है। शनिवार को ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन ने देशभर में एकजुटता दिवस का आह्वान किया और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।
News from Lucknow University, UP. AISA Activists along with students were protesting in Solidarity with Wrestlers protesting in Delhi, demanding an FIR against BJP MP Brijbhushan. However, UP police rather than standing in support of our atheletes,detained the protesting students pic.twitter.com/hpa7KzPT7f
— AISA (@AISA_tweets) April 28, 2023
अब तक क्या-क्या हुआ?
इस पूरे मामले की शुरुआत बीते 18 जनवरी को उस वक्त हुई थी, जब भारतीय कुश्ती महासंघ एकाएक खबरों में आ गया और देश के जाने माने दिग्गज पहलवान फेडरेशन के खिलाफ राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने बैठ गए। इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कुश्ती संघ को मनमाने तरीक़े से चलाने का आरोप लगाया था। धरने पर बैठी महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने महासंघ के प्रेसिडेंट पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी लगाए थे।
बाद में इस प्रदर्शन में 200 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल हो गए। ये शायद पहली बार था जब ओलंपिक्स, एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को कई पदक दिलाने वाले कुश्ती खिलाड़ी धरने पर बैठे हों और संघ पर यौन शोषण, अत्याचार और साजिश का आरोप लगाया लगा रहे हों।
पहलवानों का प्रदर्शन शुरू होने के बाद 18 जनवरी को ही अपने ऊपर लगे आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया के सामने सफाई दी थी। उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि अगर आरोप सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये खिलाड़ी ट्रायल में भाग नहीं लेना चाहते। इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
कई दौर की बातचीत और फिर धरना ख़त्म लेकिन सवाल बरकरार
इसी दिन खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगते हुए 72 घंटों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया था। वहीं, 18 जनवरी से लखनऊ में शुरू होने वाले महिला पहलवानों का कैंप भी रद्द कर दिया गया था। फिर 19 जनवरी और 20 जनवरी को भी इन पहलवानों का प्रदर्शन जारी रहा था और इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्रालय और मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत का दौर भी।
20 जनवरी को ही लगभग सात घंटे लंबी चली मीटिंग में मंत्रालय और खिलाड़ियों के बीच आपसी सहमति बनी और देर रात करीब 1 बजे एक ज्वाइंट प्रेस वार्ता में धरना प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान पहलवानों की ओर से किया गया। वहीं खेल मंत्री ने जांच कमेटी के गठन और जांच तक अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को पद से अलग रहने की घोषणा की थी।
ओवरसाइट कमेटी में पहले कुल 5 लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम इस समिति की अध्यक्ष थी। इसके अलावा इसमें ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्व कार्यकारी निदेशक राधिका श्रीमन शामिल थे।
बाद में पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फ़ोगाट को भी इस समिति का हिस्सा बनाया गया। इस समिति का काम बृजभूषण सिंह, अधिकारियों और कोचों पर लग रहे उत्पीड़न, वित्तीय कुप्रबंधन और प्रशासनिक चूक के आरोपों की जांच करना था। समिति को एक महीने के लिए रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के कामकाज को भी देखना था।
समिति की रिपोर्ट का क्या हुआ किसी को नहीं पता!
समिति को चार हफ्तों के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया था। फिर इसकी समय सीमा को दो और हफ़्तों के लिए बढ़ा दिया गया। जिसके बाद अब खिलाड़ियों का कहना है कि समिति को बने तीन महीने हो गए हैं लेकिन समिति ने क्या जांच की और उस जांच में क्या निष्कर्ष निकाला, ये अभी तक सामने नहीं आया है। आरोप हैं कि इसके उलट जांच रिपोर्ट से जानकारियां मीडिया में लीक की जा रही हैं। जबकि निरीक्षण समिति की ये रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं है।
अब तीन महीने बाद पहलवान फिर 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। इस बार इन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत भी दर्ज करवाई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज हुई है। अब इन खिलाड़ियों का कहना है कि जब तक यौन शोषण आरोपी बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक ये सभी यहां से नहीं जाएंगे।
पहलवानों पर प्रदर्शन खत्म करने का दबाव
इन पहलवानों का ये भी आरोप है कि इन पर प्रदर्शन रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। शुक्रवार रात उन्होंने इंस्टाग्राम पर लाइव करते दिखाया कि कैसे खिलाड़ी अंधेरे में बैठे हैं।
लाइव में उन्होंने कहा, "यह है पुलिस की हक़ीक़त। पुलिस ऐसा व्यवहार कर रही है, जैसे खिलाड़ी आतंकवादी हों। मेरी एसीपी से बात हुई है। वो कह रहा है कि जो करना है कर लो।"
"न खाना आने दे रहे हैं, न पानी आने दे रहे हैं, बिजली काट दी और गेट बंद कर दिए। ये दिल्ली पुलिस का व्यवहार है।"
बजरंग पुनिया ने कहा कि जो लोग गद्दे लेकर आए थे उन्हें पुलिस ने मारकर भगा दिया। एसीपी ने कहा कि अगर धरना करना है तो सड़क पर ही सोना पड़ेगा। लाइव में देखा जा सकता था कि महिला पहलवान रात के अंधेरे में बैठकर खाना खा रहे थे।
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि ये धरना प्रदर्शन एक ही परिवार और एक ही अखाड़े का है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के पीछे एक उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है जो उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीति करने के आरोपों पर पलटवार करते हुए मीडिया के सामने पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि हम खिलाड़ी हैं और हम किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां आकर जो भी हमारे धरने को भटकाने की कोशिश कर रहा है, उसका ज़िम्मेदार वो ख़ुद होगा हम नहीं होंगे।
प्रियंका गांधी बोलीं, प्रधानमंत्री से कोई उम्मीद नहीं
शनिवार सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद पहलवानों से मुलाक़ात करने पहुंची और उन्हें अपना समर्थन दिया। प्रियंका ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मांग करते हुए कहा है कि इनके पद पर रहते निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, "उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से कोई उम्मीद नहीं है। जब देश की बेटियां मेडल जीतकर आती हैं, तो हम सभी गर्व करते हैं, लेकिन आज जब वही बेटियां न्याय के लिए सड़क पर बैठी हैं, तो कोई सुनने को तैयार नहीं। ऐसे में जरूरी है कि आरोपी को पद से हटाया जाए ताकि वो पद का दुरुपयोग कर खिलाड़ियों पर दबाव न बनाए।"
ये खिलाड़ी हमारा मान हैं। ये कड़ी मेहनत और संघर्ष करके देश के लिए मेडल जीतती हैं। इनका शोषण, इनका अपमान.. देश की हर एक महिला का अपमान है। इनको न्याय मिले - पूरा देश ये चाहता है। pic.twitter.com/8Ro8GrHKER
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 29, 2023
उनके अनुसार, इन पहलवानों को अभी तक एफ़आईआर की कॉपी भी नहीं दी गई है, ऐसे में यह पता नहीं चल पा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह पर कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को चाहिए कि वे पहलवानों को एफआईआर की कॉपी मुहैया कराएं।
इससे पहले जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव, आरएलडी के जयंत चौधरी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और कई खापों के मुखिया पहलवानों का साथ देने के लिए पहुंचे थे।
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