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यौन शोषण से लेकर मेडल बहाने तक : जानिए पहलवानों के प्रदर्शन में कब क्या हुआ?

इन 5 महीनों में पहलवानों के इस प्रदर्शन में बहुत कुछ हुआ, कई आरोप पहलवानों ने लगाये, उन पर भी कई आरोप लगे। पहलवानों को सड़कों पर घसीटा गया, गिरफ़्तार किया गया; नौबत यहाँ तक आई थी कि पहलवान अपने मेडल गंगा में बहाने तक चले गए थे। लेकिन यौन उत्पीड़न जैसे संजीदा मामले को लेकर ये जो प्रोटेस्ट था उसे बदनाम करने की भी कई कोशिशें की गईं।
brij bhusan

5 महीने तक यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ़ प्रदर्शन करने के बाद देश के दिग्गज पहलवानों ने 25 जून को अपना प्रदर्शन ख़त्म कर दिया है। पहलवानों ने कहा है कि वो इस लड़ाई को सड़क पर नहीं कोर्ट में जारी रखेंगे। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया ने सोशल मीडिया से भी ब्रेक लेने की बात कही है। इन 5 महीनों में पहलवानों के इस प्रदर्शन में बहुत कुछ हुआ, कई आरोप पहलवानों ने लगाये, उन पर भी कई आरोप लगे। पहलवानों को सड़कों पर घसीटा गया, गिरफ़्तार किया गया; नौबत यहाँ तक आई थी कि पहलवान अपने मेडल गंगा में बहाने तक चले गए थे। लेकिन यौन उत्पीड़न जैसे संजीदा मामले को लेकर ये जो प्रोटेस्ट था उसे बदनाम करने की भी कई कोशिशें की गईं।

आइये एक नज़र डालते हैं कि अब तक पहलवानों के प्रदर्शन में क्या क्या हुआ?

आप सबसे पहले जान लीजिये कि आंदोलन की मौजूदा स्थिति क्या है– यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह पर 15 जून को चार्जशीट दायर हो चुकी है, पर गिरफ्तार उनको अभी भी नहीं किया गया है। आईपीसी की धाराओं 354, 354D, 354A और 506 पार्ट (1) के साथ यह चार्जशीट दायर की गई है।

पॉक्सो यानी नाबालिग लड़की से यौन शोषण के मामले में दिल्ली पुलिस ने कैन्सलेशन रिपोर्ट दायर की है और कहा है कि उन्हें इसके सबूत नहीं मिले। इस रिपोर्ट पर अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी।

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अब शुरू करते हैं टाइमलाइन : 

18 जनवरी : इस दिन साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, बजरंग पुनिया समेत कई पहलवानों ने जंतर मंतर पर अपना धरना शुरू किया; आरोप था कि रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कई महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया है।

19 जनवरी : पहलवान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिले, ये बातचीत लगभग 5 घंटे तक चली, मगर इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला।

20 जनवरी : को पहलवान अनुराग ठाकुर से फिर से मिले, इसके बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इसकी जांच की जाएगी। सरकार ने डबल्यूएफ़आई से 72 घंटे के अंदर जवाब भी मांगा था। 

23 जनवरी:  एक ओवरसाइट कमेटी बनाई गई जिसकी हैड थीं बॉक्सर मैरीकॉम, इस कमेटी को 4 हफ्ते यानी एक महीने के अंदर रिपोर्ट देनी थी। पहलवानों ने कहा कि सरकार ने उनसे चर्चा नहीं की कि कमेटी में कौन लोग होंगे।

इस बीच कुश्ती महासंघा ने इन आरोपों को खारिज किया। 

23 फरवरी : 1 महीने बाद कमेटी को 2 हफ्ते का समय और दिया गया।

21 अप्रैल : इस दिन पहलवानों ने दिल्ली के कनौट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कारवाई, मगर दिल्ली पुलिस ने FIR फ़ाइल नहीं की।

23 अप्रैल: कमेटी बनने के 3 महीने बाद पहलवान एक बार फिर से जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए। और ये धरना लंबा चलने वाला था, क्योंकि इस बार पहलवानों ने तैयारी पूरी की थी।

पहलवानों का कहना था कि 3 महीने बीतने के बाद भी जांच रिपोर्ट public नहीं की गई है, न ही पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है इसलिए वो धरना फिर से शुरू कर रहे हैं।

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24 अप्रैल: सरकार ने डबल्यूएफ़आई को भंग कर दिया और इंडियन ओलंपिक असोसियेशन (आईओए) से कहा कि वो 45 दिन के अंदर डबल्यूएफ़आई अध्यक्ष का चुनाव करवाए, ये चुनाव जुलाई में होने वाले हैं।

25 अप्रैल: पहलवानों ने एफ़आईआर दर्ज न होने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। 

28 अप्रैल: दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो एफ़आईआर दर्ज करने जा रही है, और पहलवानों की शिकायत के 7 दिन बाद बृजभूषण पर FIR दर्ज की गई।

पहलवानों ने इसे अपनी जीत की तरफ पहला कदम बताया। दिल्ली पुलिस ने 2 एफ़आईआर दर्ज की थीं, जिसमें से एक मामला पॉक्सो का भी था।

5 मई: पहलवानों के बयान दर्ज किए गए।

11 मई: बृजभूषण के बयान दर्ज हुए। इस दौरान भी प्रदर्शन जारी था।

यह प्रदर्शन जनवरी जैसा नहीं था। जनवरी में पहलवानों ने किसी भी राजनीतिक पार्टी, खाप पंचायत या किसी अन्य संगठन से समर्थन लेने से मना कर दिया था। मगर अप्रैल से लेकर मई तक उनके इस प्रदर्शन को किसान संगठन, खाप पंचायत, तमाम विपक्षी दल, महिला छात्र संगठनों का समर्थन मिला और पहलवानों ने इसका स्वागत भी किया। 

लेकिन इसके साथ ही बीजेपी नेता और दक्षिणपंथी समूह लगातार पहलवानों पर सवाल उठा रहे थे। पीटी उषा ने भी ये तक कह दिया था कि ऐसे प्रदर्शनों से देश का नाम खराब होता है।

पहलवान लगातार यही कह रहे थे कि जनवरी में उनके साथ राजनीति की गई थी। इसकी वजह ये हो सकती है कि मध्यस्थता कराने के लिए रेसलर बबीता फोगाट आई थीं जो बीजेपी की सदस्य हैं।

पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए, ये भी कहा कि उनको सब जानकारी थी कि बृजभूषण ने क्या क्या किया है।

पहलवानों ने इस दौरान इंडिया गेट पर केंडल मार्च किया, बंगाल साहिब, हनुमान मंदिर, सीपी तक गए और लोगों को अपनी मांगों के बारे में बताने की कोशिश की।

28 मई 2023 : यह तारीख़ भारत ही नहीं दुनिया के खेल, राजनीति, और महिला आंदोलन के इतिहास में ता ज़िंदगी एक काला दिन बन कर रहेगी।

28 मई की पूरी कवरेज : Wrestlers Protest: 'लोकतंत्र भव्य संसद नहीं, लोगों से बनता है' | Ground Report

28 मई को नई संसद का उदघाटन था, इसी दिन पहलवानों ने ऐलान किया कि वो नई संसद के बाहर महिला समान महापंचायत करेंगे, और अपनी आवाज़ सरकार तक पहुंचाएंगे। 

मगर जहां नई संसद के उदघाटन में उनका आरोपी तस्वीरें खिंचवा रहा था, वहीं ये पहलवान जंतर मंतर पर घसीटे जा रहे थे। उनके सम्मान को पुलिस वालों के बूट तारतार कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने सभी पहलवानों और वहाँ  मौजूद सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया, अलग अलग थानों में उनको ले गए। 

और शाम होते होते जंतर मंतर का धरनास्थल पूरी तरह से खाली करवा दिया गया था। पहलवानों पर केस भी दर्ज किए गए।

पहलवानों पर इस दमन की निंदा देश नहीं विदेश तक में हुई। विनेश फोगाट ने गिरफ़्तार होकर जाते हुए कहा था, "नया देश मुबारक हो!"

30 मई: पहलवानों ने ऐलान किया कि वो अपने मेडल गंगा में बहा देंगे, और वो ये करने के लिए हरिद्वार पहुँच गए, मगर किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें रोक लिया।

3 जून: गृह मंत्री अमित शाह पहलवानों से देर रात को मिले मगर उस बातचीत में क्या हुआ ये नहीं बताया गया। 

7 जून: खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पहलवानों से मिले, और पहलवानों ने सरकार से आश्वासन लेकर अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया। 

15 जून : सरकार ने 15 जून तक मामला खत्म करने का आश्वासन दिया था, 15 जून को चार्जशीट दायर हुई भी लेकिन इसमें से पॉक्सो का मामला हटा दिया गया।

वजह थी कि नाबालिग़ लड़की ने अपना बयान वापस ले लिया था। पहलवानों ने ये भी कहा कि उनके पिता को डराया गया है।

25 जून : चार्जशीट के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया। पहलवान अब एशियन गेम्स के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले हैं। आईओए ने इन 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट भी दी है।

पहलवानों ने इस बीच एक से ज़्यादा बार ऑनलाइन वीडियो जारी करके या लाइव आकर अपनी बात रखी है। कई लोगों पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। इन 5 महीनों में शायद इन पहलवानों में भी काफी कुछ बदला है। ये वो पहलवान थे नरेंद्र मोदी के खुले समर्थक थे। मगर आज ये पहलवान ये कहते हैं कि ये सरकार किसान, छात्र, नौजवान, मुसलमान, महिलाओं पर दमन करती है।

न्यूज़क्लिक ने आपको इस दौरान पहलवानों के आंदोलन की हर छोटी बड़ी अपडेट्स दी हैं। हमने बलाली यानी दंगल वाली फोगाट बहनों के गाँव जा कर भी रिपोर्टिंग की है, आप वो सब वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर और सभी ख़बरें हमारी वेबसाइट पर जा कर देख सकते हैं।

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