NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
झारखंड: फादर स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ बढ़ते विरोध और सवालों के स्वर!
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भीमा-कोरेगांव मामले में 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को गत आठ अक्टूबर को झारखंड के रांची स्थित उनके घर से गिरफ़्तार किया था।
अनिल अंशुमन
13 Oct 2020
झारखंड

फादर स्टेन की गिरफ्तारी के विरोध का स्वर दिनों दिन व्यापक स्वरूप लेता जा रहा है। विशेषकर प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनकी गठबंधन सरकार में शामिल दलों के नेताओं द्वारा इस गिरफ्तारी का विरोध में किए जाने के बाद से सियासी आरोप– प्रत्यारोप का सिलसिला भी काफी सरगर्म हो चला है।

हेमंत सोरेन ने शनिवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि फादर स्टेन की गिरफ्तारी भाजपा का हिडेन एजेंडा है। क्योंकि जब जब भाजपा को कोई राजनीतिक संकट मँडराता दिखाई देता है तो आदिवासी–दलितों और उनके समर्थकों पर हमला शुरू हो जाता है। 83 वर्षीय वृद्ध फादर स्टेन जी को गिरफ्तार कर वह क्या संदेश देना चाहती है। उनकी गिरफ्तारी मामले में केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश की सरकार को विश्वास में नहीं लेने पर भी कड़ा ऐतराज जताया।

कॉंग्रेस प्रदेश व सरकार के सीनियर मंत्री रामेश्वर उरांव ने मीडिया में जारी बयान में फादर स्टेन की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा है कि यह गिरफ्तारी भाजपा सरकार के इशारे पर हुई है। प्रदेश राजद के प्रवक्ता ने फादर के माओवादी होने के आरोप को निराधार बताया है।

stn. prot. 3.jpg

आदिवासी विधायक बंधु तिरकी ने कहा है कि केंद्र सरकार की साजिश के तहत ही फादर स्टेन को फंसाकर भाजपा सरकार का विरोध कर रहे देश के आदिवासी- मूलवासियों का मनोबल तोड़ा जा रहा है।

झारखंड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन तथा झारखंड विकास समिति समेत कई सामाजिक संगठनों द्वारा बयान जारी करने का सिलसिला निरन्तर जारी है। जिनमें फादर स्टेन की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उनको अविलंब रिहा करने की मांग की जा रही है।

प्रदेश भाजपा ने जारी बयान में इन विरोधों को विपक्ष का विधवा विलाप बताते हुए कहा गया है कि स्टेन की गिरफ्तारी का विरोध जताना साबित करता है कि प्रदेश की सरकार की नीति और नीयत में क्या है। क्योंकि स्टेन अर्बन नक्सलवाद के प्रमुख सूत्रधारों में माने जाते हैं।

सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल कर झारखंड भाजपा के प्रस्तावित नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी से पूछा जा रहा है कि वे क्यों खामोश हैं, क्या पार्टी बदलने से जमीर भी बदल गया? जिसमें पिछले 3 अगस्त 2018 को तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा फादर स्टेन समेत 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर देशद्रोह का मुकदमा किये जाने के खिलाफ आहूत सर्वदलीय विपक्ष के विरोध कार्यक्रम में शामिल होकर कहा था कि– यदि ये लोग देशद्रोही हैं तो हम भी देशद्रोही हैं!  

झारखंड भाकपा माले विधायक विनोद सिंह व प्रदेश सचिव जनार्दन प्रसाद ने भी फादर स्टेन की गिरफ्तारी और पूछताछ के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किए जाने का तीखा विरोध किया है। साथ ही इस कारवाई को केंद्र सरकार द्वारा एनआईए के जरिये यूएपीए जैसे काले कानून थोपकर कर जन मुद्दों पर सक्रिय रहने वालों को आतंकित करने का कुचक्र बताया है।

stn's wirodh.jpg

बिहार की राजधानी पटना में भी फादर स्टेन की गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न सामाजिक जन संगठनों के लोगों ने प्रतिवाद किया है। 11 अक्तूबर को लौहनागरी जमशेदपुर में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कर्मियों और नागरिक समाज की ओर से प्रतिवाद मार्च निकालकर साकची गोलचक्कर के पास विरोध सभा की गयी।

एआईपीएफ–माले–इनौस द्वारा बगोदर, गिरिडीह व रामगढ़ में प्रतिवाद कार्यक्रम किए गए। अपुष्ट खबरों में बताया जा रहा है कि फादर स्टेन एनआईए द्वारा कोरोना संक्रमण की संगीन स्थितियों में भी उन्हें गिरफ्तार कर मुंबई ले जाने के विरोध में जेल में अपना प्रतिवाद जारी रखे हुए हैं । वे पहले से ही कई गंभीर बीमारियों से इस कदर जूझ रहें हैं कि हाथों में काफी कंपन होने के कारण वे पानी का ग्लास भी ठीक से उठा नहीं पाते हैं।

फादर स्टेन के जारी प्रतिवाद के समर्थन में तथा उनकी गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न सामाजिक जन संगठन – एआईपीएफ व भाकपा माले समेत अन्य वामपंथी दलों के कार्यकर्त्ता 12 अक्तूबर से रांची स्थित बिरसा मुंडा समाधि स्थल पर अनशन में बैठ गए हैं। जिसके माध्यम से गंभीर रूप से बीमार फादर स्टेन की अविलंब रिहाई के साथ साथ यूएपीए समेत सभी दमनकारी क़ानूनों को रद्द करने की मांग उठाई जा रही है।

इस मामले में रोमन कैथोलिक चर्च धारा से जुड़े जेसुइट कान्फ्रेंस ऑफ साउथ एशिया के अध्यक्ष ने कहा है कि – समाज के कमजोर तबकों के लोगों के लिए काम करनेवाले वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता फादर स्टेन की एनआईए द्वारा की गयी गिरफ्तारी से वे हतप्रभ और निराश हैं। फादर की उम्र और स्वास्थ को देखते हुए उनके साथ ऐसा व्यवहार हैरान करनेवाला है। कैथोलिक चर्च केंद्र सरकार से अपील करता है कि उन्हें अविलंब रिहा कर उनके आवास में रखकर ही एनआईए अपनी प्रक्रिया चलाये।

stn. prot.5.jpg

सोशल मीडिया व अखबारों के साथ साथ कई अन्य मंचों से ये बात प्रमुखता से उठायी जा रही है कि केंद्र सरकार ने जिस तरह से झारखंड सरकार को बिना कोई सूचना दिये एनआईए भेजकर फादर स्टेन को गिरफ्तार करने की कारवाई की है, काफी आपत्तिजनक है। जो साबित करता है कि वह न सिर्फ लोकतान्त्रिक अधिकारों के दमन पर उतारू है बल्कि देश के संघीय ढांचे को भी ध्वस्त करने पर भी तुली हुई है। यूएपीए – एनएसए और राजद्रोह के कानूनों के जरिये सभी लोकतान्त्रिक आवाज़ों को कुचलने पर भी अमादा है।

एआईपीएफ झारखंड तथा झारखण्ड मामलों के कई जानकारों के अनुसार फादर स्टेन को जिस भीमा कोरेगाँव मामले व माओवादी कनेक्शन से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है वह पूरी तरह से झूठ और मनगढ़ंत है। असल मामला है कि अपने पहले शासन काल में ही मोदी सरकार ने झारखंड प्रदेश की प्राकृतिक - खनिज संपदाओं के बेलगाम दोहन और निजी कॉर्पोरेट कंपनियों की लूट की खुली छूट के लिए इसे टार्गेटेड कर रखा है। जिसकी सारी तैयारी प्रदेश के रघुवर शासन में ही कर ली गयी थी।

इसी के तहत जब सीएनटी– एसपीटी एक्टों में संशोधन तथा लैंड– बैंक योजना लागू करने की कोशिश गयी थी तो यहाँ के आदिवासी समाज व वाम-लोकतान्त्रिक शक्तियों ने महीनों तक कड़ा विरोध प्रदर्शित कर सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया गया था। तब उसी दौरान आदिवासियों के जल जंगल ज़मीन के अधिकारों व उनको संरक्षित करनेवाले संविधान की पाँचवी अनुसूची प्रावधानों तथा वनाधिकार कानून– पेसा क़ानूनों को कड़ाई से लागू करने की आवाज़ उठाने वाले फादर स्टेन स्वामी जैसे कई आंदोलनकारियों और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं – संगठनों को निशाने पर ले लिया गया। रघुवर शासन में 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर पत्थलगड़ी समर्थक होने का आरोप लगाकर ‘देशद्रोह’ का मुकदमा किया जाना भी इसी का प्रयोग नमूना था।

फिलहाल “ हम हैं स्टेन के साथ ” संयुक्त बैनर तले फादर स्टेन की गिरफ्तारी के विरोध और उनकी अविलंब रिहाई की मांग को लेकर में जन अभियानों का सिलसिला जारी है । जिसके माध्यम से केंद्र की सरकार के इस लोकतन्त्र विरोधी रवैये को भी दिखाया जा रहा है कि – भले ही हमारी पार्टी की सरकार झारखंड में नहीं है लेकिन हम जब चाहें , तब तुम्हारे रोज़मर्रे के कार्यों में भी हस्तक्षेप कर सकते हैं .... !

Jharkhand
Jharkhand Protest
Stan Swamy
Bhima Koregaon
elgar parishad
NIA
UAPA
Activists Arrested
free speech

Trending

बिहार : संक्षिप्त मौसम में धान की धीमी ख़रीद से दुखी किसान
किसान आंदोलन : सरकार का प्रस्ताव किया ख़ारिज़, 26 जनवरी को रिंग रोड पर होगा ट्रैक्टर मार्च
मध्यप्रदेश: महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध का लगातार बढ़ता ग्राफ़, बीस दिन में बलात्कार की पांच घटनाएं!
क्या राष्ट्रपति बाइडेन बदलेंगे अमेरिका की विदेश नीति?
परंजॉय के लेख पढ़िए, तब आप कहेंगे कि मुक़दमा तो अडानी ग्रुप पर होना चाहिए!
श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन पर रोक की मांग, ट्रैक्टर परेड और अन्य

Related Stories

झारखंड: 50 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार, गुप्तांग में चोट के बाद महिला अस्पताल में भर्ती
न्यूज़क्लिक टीम
झारखंड: 50 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार, गुप्तांग में चोट के बाद महिला अस्पताल में भर्ती
09 January 2021
झारखंड के चतरा जिले में  50 वर्षीय महिला से सामूहिक बलात्कार की एक दर्दनाक घटना सामने आई है.
झारखंड–बिहार: सावित्री बाई फुले–फ़ातिमा शेख को याद करते हुए महिलाओं ने लिया संकल्प!
अनिल अंशुमन
झारखंड–बिहार: सावित्री बाई फुले–फ़ातिमा शेख को याद करते हुए महिलाओं ने लिया संकल्प!
04 January 2021
देश की पहली महिला शिक्षिका और वंचित समाज में एक नई सामाजिक जागरूकता लाने वाली सावित्री बाई फुले के 190 जन्मदिन पर फ़ातिमा शेख को भी याद करते हुए 3
भीमा कोरेगांव : भुला दी गई दलित युवा की मौत
वर्षा तोरगालकर 
भीमा कोरेगांव : भुला दी गई दलित युवा की मौत
03 January 2021
पुणे : “मेरा 21 साल का बेटा, जो एक निर्माण स्थल पर 500 रुपये (रोज) कमाता था, उसकी जल्दी  शादी होने वाली थी, जमानत पर छूटने के 15 र

Pagination

  • Previous page ‹‹
  • Next page ››

बाकी खबरें

  • SFI
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली : विश्वविद्यालयों को खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में  लिया
    21 Jan 2021
    दस महीने से अधिक समय तक कैंपस बंद रख कर छात्रों के प्रति सरकार की अनदेखी के खिलाफ एसएफआई का  शिक्षा मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन था, जहां से प्रदर्शनकारियो को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 
  • परंजॉय
    अजय कुमार
    परंजॉय के लेख पढ़िए, तब आप कहेंगे कि मुक़दमा तो अडानी ग्रुप पर होना चाहिए!
    21 Jan 2021
    “अब तक के अपने 40 साल के कैरियर में उन्होंने भारत के पूंजीपतियों और सरकारों के बीच की आपसी सांठगांठ को अपनी पत्रकारिता के जरिए उजागर करने में बड़ी भूमिका निभाई है।”
  • Daily Round-up Newsclick
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन पर रोक की मांग, ट्रैक्टर परेड और अन्य
    21 Jan 2021
    आप आज के डेली राउंड अप में हम बात करेंगे मज़दूर संगठनों की श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन पर रोक के मांग पर. इसी के साथ बात करेंगे किसान ट्रैक्टर रैली पर.
  • ग्राउंड रिपोर्ट: "अगर सरकार 2024 तक कृषि क़ानूनों को निलंबित कर देती है तो हमें कोई समस्या नहीं है।"
    रौनक छाबड़ा
    ग्राउंड रिपोर्ट: "अगर सरकार 2024 तक कृषि क़ानूनों को निलंबित कर देती है तो हमें कोई समस्या नहीं है।"
    21 Jan 2021
    गाजीपुर बॉर्डर पर हर किसान की जुबान पर एक बात है, 'जब तक कानूनों  वपासी नहीं, तब तक घर वाससी नहीं।'.
  • सीवर कर्मी की मौत का मामला
    भाषा
    सीवर कर्मी की मौत का मामला: आयोग ने मुआवजे के बारे में दिल्ली सरकार से रिपोर्ट तलब की
    21 Jan 2021
    "उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि 1993 से सीवर की सफाई के दौरान मरने वाले सफाईकर्मियों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। यह सलाह दी जाती है कि लंबित भुगतान यथाशीघ्र किया जाए। इस…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें