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दक्षिणपंथी गुइलर्मो लास्सो ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता

कंजर्वेटिव बैंकर लास्सो ने रविवार को इक्वाडोर में हुए राष्ट्रपति चुनावों के दूसरे दौर में समाजवादी अर्थशास्त्री एंड्रेस अराउज़ के खिलाफ जीत हासिल की।
दक्षिणपंथी गुइलर्मो लास्सो ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता

नेशनल इलेक्टोरल काउंसिल (सीएनई) द्वारा जारी प्रारंभिक परिणामों के अनुसार सोमवार 12 अप्रैल को 98.83% मतों की गिनती के बाद क्रिएटिंग अपॉर्चुनिटी पार्टी (सीआरईओ) और सोशल क्रिस्चियन पार्टी (पीएससी) के दक्षिणपंथी गठबंधन के गुइलर्मो लास्सो ने 11 अप्रैल को इक्वाडोर में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में जीत हासिल की। लास्सो को 52.41% वोट मिले। इस बीच उनके प्रतिद्वंद्वी प्रोग्रेसिव यूनियन फॉर होप गठबंधन (यूएनईएस) के एंड्रेस अराउज़ जिन्होंने पहले दौर में जीत हासिल की और उन्हें ओपिनियन पोल्स में विजेता के रूप में पेश किया गया था उन्होंने 47.59% वोट हासिल किए।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अराउज ने अपनी हार स्वीकार कर ली और बाद में जीत की बधाई देने के लिए लास्सो को कॉल किया। अराउज ने कहा कि उनकी पार्टी अपनी विधायी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इक्वाडोर के लोगों के हितों का बचाव करती रहेगी। अराउज ने उन लाखों इक्वाडोर के लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें वोट दिया और उन पर भरोसा किया और कहा कि "आज आखिरी नहीं है, यह लोकप्रिय शक्ति के पुनर्निर्माण के एक नए चरण की शुरुआत है।"

लास्सो 24 मई को देश के नए प्रमुख के रूप में पद ग्रहण करेंगे जबकि नव निर्वाचित सांसदों को 14 मई को शपथ दिलाई जाएगी। राष्ट्रपति बनने के लिए यह लास्सो का तीसरा प्रयास था। साल 2013 में उन्होंने कोर्रिया के बाद सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाले दूसरे उम्मीदवार थे। कोर्रिया ने 57% से अधिक वोटों के साथ दूसरी बार जीत हासिल की थी। साल 2017 में वह दूसरे दौर में लेनिन मोरेनो से हार गए थे।

रूढ़िवादी बैंकर 65 वर्षीय लास्सो को मोरेनो की कठोर नीतियों और सीओवीआईडी -19 महामारी से उपजे आर्थिक, स्वास्थ्य और सामाजिक संकटों को कम करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। प्रगतिशील क्षेत्रों को संदेह है कि स्थिति बदल जाएगी क्योंकि उनका मानना है कि लास्सो जो मोरेनो के साथ सत्ता में थे उनके पास वर्तमान सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा की तुलना में कुछ भी अलग नहीं है।

11 अप्रैल को लगभग 13 मिलियन इक्वाडोरवासियों के पास देश के नए राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति को वोट देने और चुनने का अवसर था। देश में 18 से 65 वर्ष की आयु के सभी लोगों के लिए वोट डालना अनिवार्य है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि लास्सो को पचाकुटिक प्लूरिनेशनल यूनिटी पार्टी के जनजातिय नेता याकु पेरेज के नेतृत्व वाले इस बैलट-स्पॉइलिंग अभियान से फायदा हुआ है जिन्होंने इसे जीत के लिए नहीं चलाया और आरोप लगाया कि ये एक चुनावी धोखाधड़ी की गई थी।

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