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सपा नेता आजम खान को ‘अस्थायी’ सुरक्षा प्रदान की गई

अपर पुलिस अधीक्षक (रामपुर) संसार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आजम खान को जिला स्तर पर सुरक्षा प्रदान की गई है। 
azam khan

रामपुर: त्तर प्रदेश सरकार द्वारा वाई-श्रेणी की सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को ‘अस्थायी सुरक्षा’ मुहैया कराई गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

अपर पुलिस अधीक्षक (रामपुर) संसार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आजम खान को जिला स्तर पर सुरक्षा प्रदान की गई है। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने आजम की वाई-श्रेणी की सुरक्षा बृहस्पतिवार को वापस ले ली थी।

सिंह के मुताबिक, फैसले की समीक्षा के बाद आजम को जिला स्तर पर सुरक्षा मुहैया कराने का निर्णय लिया गया। 

उन्होंने कहा, “यह महसूस किया गया कि आजम खान को जिला स्तर पर सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत है, इसलिए पुलिस अधीक्षक ने उन्हें सुरक्षा घेरा उपलब्ध कराया और शासन को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी।” 

सिंह के अनुसार, “आजम खान को वाई-श्रेणी की सुरक्षा नहीं दी गई है। जिला स्तर की अस्थाई सुरक्षा के तहत उन्हें तीन गनर उपलब्ध कराए जाएंगे।”

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रवक्ता दीपक रंजन ने कहा कि आजम खान एक वरिष्ठ नेता हैं और उनकी वाई-श्रेणी की सुरक्षा वापस लेना ‘अलोकतांत्रिक’ कदम है।

रंजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “आजम खान की वाई-श्रेणी की सुरक्षा अलोकतांत्रिक तरीके से वापस ले ली गई। वह उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ विधायक और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।”

उन्होंने कहा कि रामपुर में सपा नेताओं ने आजम खान की सुरक्षा वापस लेने के कदम पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, जिसके बाद प्रदेश सरकार को उन्हें अस्थाई सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बाध्य होना पड़ा।

अपर पुलिस अधीक्षक (रामपुर) संसार सिंह ने शुक्रवार को बताया था कि उन्हें लखनऊ स्थित सुरक्षा मुख्यालय से एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कहा गया है कि आजम खान को दी गई वाई-श्रेणी की सुरक्षा को बरकरार रखने का कोई औचित्य नहीं है।

सिंह ने कहा था कि सपा नेता का सुरक्षा घेरा उक्त आदेश के अनुपालन में वापस लिया गया है।

आजम रामपुर से दस बार विधायक रह चुके हैं।

सिंह ने बताया कि वाई-श्रेणी की सुरक्षा के तहत आजम खान को तीन सशस्त्र पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए गए थे, जबकि एक गारद चौबीसों घंटे उनके आवास पर तैनात रहती थी।

सपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा था कि आजम खान की जान को अब भी खतरा है।

पटेल ने कहा था, “आजम खान की जान को खतरा है, लेकिन उनकी वाई-श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है? भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ ऐसे नेता हैं, जिन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है, लेकिन वे वाई-श्रेणी की सुरक्षा लेकर घूम रहे हैं।”

पटेल के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा था, “लोगों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षा की समय-समय पर समीक्षा की जाती है। यह समीक्षा एक समिति करती है, जिससे तय होता है कि किसे सुरक्षा दी जानी है।”

शुक्ला ने कहा था, “आजम खान के संबंध में यह निर्णय लिया गया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है।”

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