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संविधान के मूल ढांचे के न्यायशास्त्र पर रंजन गोगोई का सवाल उठाना हैरान करने वाला: कांग्रेस

वेणुगोपाल ने ट्विटर पर सवाल पूछते हुए कहा, “गोगोई का तर्क क्या है? क्या वह कह रहे हैं कि मूल ढांचे नाम की कोई चीज़ नहीं है जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए?"
K C Venugopal
फ़ोटो साभार: PTI

नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एवं राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई द्वारा “संविधान के मूल ढांचे के न्यायशास्त्र पर सवाल उठाने” को सोमवार को ‘हैरान करने देने वाला’ करार दिया।

पार्टी ने सवाल किया कि क्या यह संविधान को ''पूरी तरह से खत्म करने'' की शुरुआत करने की ''भाजपा की चाल'' है।

गोगोई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा में भाग लेते हुए राज्यसभा में कहा, "केशवानंद भारती मामले पर पूर्व सॉलिसिटर जनरल (टीआर) अंध्यारुजिना की एक किताब है।" 

उन्होंने कहा, “ पुस्तक पढ़ने के बाद, मेरा विचार है कि संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत का एक चर्चा किए जाने योग्य न्यायशास्त्रीय आधार है। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहूंगा।” इसके बाद कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल पर प्रहार किया।

राज्यसभा में की गई गोगोई की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा, "यह हैरान करने वाला है कि एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश संविधान की मूल ढांचे के न्यायशास्त्र पर सवाल उठाते हैं।"

कांग्रेस नेता सवाल किया कि क्या भाजपा मानती है कि लोकतंत्र, समानता, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद और न्यायिक स्वतंत्रता, सभी संदिग्ध विचार हैं।

वेणुगोपाल ने ट्विटर पर कहा, “गोगोई का तर्क क्या है? क्या वह कह रहे हैं कि मूल ढांचे नाम की कोई चीज़ नहीं है जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए?" 

वेणुगोपाल ने पूछा कि क्या सरकार इसका समर्थन करती है?

वेणुगोपाल ने कहा, "उन्हें इस विचार का स्पष्ट रूप से विरोध करना चाहिए, अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा ने अब हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।"

गोगोई ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार में अधिकारियों के तबादलों और तैनाती से जुड़े अध्यादेश का स्थान लेने के लिए लाया गया विधेयक "पूरी तरह से वैध है।"

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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