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ऑस्कर अवॉर्ड : 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ने दिलाया भारत की महिलाओं को सम्मान

इस बार का ऑस्कर इसलिए भी ख़ास है क्योंकि 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' डॉक्यूमेंट्री की वजह से भारत की महिलाओं के हुनर को किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराहा गया है।
oscar

अमेरिका में 95वें ऑस्कर पुरस्कारों का ऐलान हो चुका है। इस बार भारत की झोली में दो ऑस्कर पुरस्कार आए हैं। इस बार का ऑस्कर इसलिए भी ख़ास है क्योंकि 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' के ज़रिए भारत की महिलाओं के हुनर को किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराहा गया है। इसके साथ ही ऑस्कर में दीपिका पादुकोण की मौजूदगी की भी ख़ूब चर्चा हो रही है। 

स्टेज पर गुलाबी साड़ी में ऑस्कर की ट्रॉफी को ऊंचा कर दिखाती प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा (Guneet Monga) और उनके साथ खड़ी डायरेक्टर कार्तिकी गोंजाल्वेस (Kartiki Gonsalves) की ये तस्वीर आज भारत में गर्व का सबब बनी हुई है। 

लॉज एंजेलिस में हुए 95वें एकेडमी अवार्ड्स में 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' (The Elephant Whisperers) ने नाम का जैसे ही ऐलान हुआ डॉल्बी थिएटर (Dolby Theatre) तालियों से गूंज उठा। डॉक्यूमेंट्री की डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने देश का नाम एक बेहद ख़ास मंच पर रौशन कर दिया। 

ऑस्कर में भारत ने इतिहास रचा 

बेशक ये एक तारीख़ी मौक़ा था। भारत की दो महिलाओं ने अपने हुनर की बदौलत पूरी दुनिया में न सिर्फ़ अपना बल्कि देश का नाम रौशन कर दिया। इस जीत के बाद डॉक्यूमेंट्री की प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने ट्वीट किया, ''दो महिलाओं ने कर दिखाया''! (Two women did this!  I am still shivering ) 

एक के बाद एक ट्वीट कर डॉक्यूमेंट्री की प्रोड्यूसर ने इस पुरस्कार को सभी देशवासियों और ख़ासकर महिलाओं को समर्पित किया।  

गुनीत मोंगा लिखती हैं कि, ''आज की रात ऐतिहासिक है क्योंकि पहली बार किसी भारतीय प्रोडक्शन को ऑस्कर मिला है''। 

गुनीत मोंगा का सम्मान देश की महिलाओं के नाम इसके साथ ही उन्होंने लिखा, ''जितनी भी महिलाएं देख रही हैं ये उनके लिए है...। कहते हैं भविष्य बहुत साहसी है, और वे भविष्य आ चुका है। आइए चलें। जय हिंद''

किस कैटेगरी में मिला इन दो महिलाओं को अवॉर्ड ? 

'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' (The Elephant Whisperers) ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट कैटेगरी में ऑस्कर जीता है। इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोड्यूस किया है गुनीत मोंगा (Guneet Monga) की ''सिख्या एंटरटेनमेंट'' (Sikhya) ने। इस कैटेगरी में 'हॉलआउट'(Haulout), 'हाउ डू यू मेज़र अ ईयर' (How Do You Measure a Year?), 'द मार्था मिशेल इफेक्ट' (The Martha Mitchell Effect), और 'स्ट्रेंजर ऐट द गेट' (Stranger at the Gate) भी नॉमिनेट हुई थीं। 

imageबोम्मन और बेली जिन पर आधारित है फ़िल्म

क्या है द एलिफेंट विस्परर्स की कहानी? 

'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' की एक इमोशनल कहानी है जो तमिलनाडु के मधुमलाई टाइगर रिज़र्व (Mudumalai Tiger Reserve) में एक आदिवासी जोड़े की है। ये जोड़ा दो अनाथ हाथी के बच्चों रघु और अम्मू की परवरिश करते हैं। इन हाथी के बच्चों में से रघु बहुत ही बुरी हालत में मिला था उसकी पूंछ कुत्तों ने खा ली थी जबकि उसकी मां भी मर चुकी थी। लेकिन जैसे वे बोम्मन और बेल्ली (Bomman and Bellie) के पास पहुंचा तो एक बार फिर से उसे जिंदगी मिल गई। क़रीब 40-42 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में इंसानी ख़िदमत का वो रुख़ पेश किया गया है जो साबित करता है कि मोहब्बत वो एहसास है जिसे दुनिया की हर शै (चीज़) महसूस करती है। बोम्मन और बेल्ली (Bomman and Bellie) जिस तरह दोनों हाथी, रघु और अम्मू को पालते हैं उनकी परवाह करते हैं ऐसा लगता है कि वो परिवार के ही दो बच्चे हैं और ये हाथी भी इन दोनों पर ऐसा हक जताते हैं जैसे घर के बच्चे अपने मां-बाप पर। इनका लाड, दुलार, कभी ज़िद और कभी आंखे नम करने वाले सीन साबित करते हैं कि परिवार सिर्फ इंसानों से ही नहीं बनता बल्कि उसमें हर वो जीव शामिल हो सकता है जिसे मोहब्बत की जुबान समझ में आती है। फिल्म में जल, जंगल और ज़मीन के साथ इंसानी जिंदगी का ख़ूबसूरत तालमेल भी दिखाया गया है। 

imageपीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस का पोस्टर

पहले भी गुनीत मोंगा जीत चुकी हैं ऑस्कर 

साल 2019 में भी गुनीत मोंगा की प्रोड्यूस की गई डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है। 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' [Period. End Of Sentence (2018)] को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट कैटेगरी में ऑस्कर मिला था। इस फ़िल्म की डायरेक्टर ईरानी-अमेरिकी मूल की रायका जिहताब्जी (Rayka Zehtabchi) हैं। अवॉर्ड जीतने के बाद गुनीत मोंगा ने ट्वीट किया था। 
''हम जीत गए !!! इस धरती पर मौजूद हर लड़की ये जान ले कि वे देवी है''

पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस की कहानी क्या है? 

25 मिनट की ये डॉक्यूमेंट्री दिल्ली के क़रीब हापुड़ में शूट हुई थी। इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की गई है। डायक्यूमेंट्री में महिलाओं की सेहत, गांव में पीरियड्स को लेकर लोगों में जानकारी की कमी को दिखाया गया है। ये कहानी है उन महिलाओं की जिन्हें पैड्स नहीं मिल पाते लेकिन फिर किस तरह से उन्होंने जागरुकता फैलाने के लिए खुद भी पैड बनाने का फैसला किया। 

2023 का ऑस्कर भारत के लिए यादगार 

बेशक साल 2023 का ऑस्कर अवार्ड भारत के लिए ऐतिहासिक और यादगार साबित हुआ है, ऑस्कर के स्टेज पर गुनीत मोंगा और कार्तिकी ने ही देश का नाम रौशन नहीं किया बल्कि इस साल दीपिका पादुकोण भी ऑस्कर में प्रेजेंटर के तौर शामिल हुईंं और उन्होंने नाटु-नाटु गाने को इंट्रोड्यूस किया। जिस दौरान दीपिका ऑस्कर में नाटु-नाटु गाने के बारे में बता रही थीं हॉल में बैठे लोगों का शोर बयां कर रहा था कि किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर दीपिका की मौजूदगी कितनी ख़ास रही। RRR के गाने ने बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। 

चूक गई 'ऑल दैट ब्रीद्स'

कॉन्स समेत कई और इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में नाम कमा चुकी ऑल दैट ब्रीद्स (All That Breathes) ऑस्कर में ऑवर्ड जीतने से चूक गई। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फ़िल्म की रेस में नवल्नी (Navalny) को अवॉर्ड मिला है। 

imageऑल दैट ब्रीद्स का पोस्टर

अवॉर्ड का ऐलान होने के बाद हमने नदीम शहजाद से बात की। वो इस वक़्त अमेरिका में हैं। ये फ़िल्म उनके और उनके भाई की कोशिशों पर आधारित है। हमने उनकी प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि RRR और 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को मिले अवॉर्ड भारत के लिए बहुत सम्मान की बात है। साथ ही उन्होंने कहा कि ''उनकी फ़िल्म का यहां तक पहुंचना भी बहुत बड़ा अचीवमेंट है।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ''हमारी फ़िल्म को नॉमिनेशन मिलना और 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को अवॉर्ड मिलना लोगों के बीच पर्यावरण से जुड़े मुद्दों का ध्यान खींचने के लिए मददगार साबित होगी।''

imageऑल दैट ब्रीद्स की टीम अमेरिका में

बेशक 2023 में भारत की तरफ़ से वाइल्ड लाइफ पर बनाई गई इन दो डॉक्यूमेंट्री और RRR की वजह से ऑस्कर में भारत की बढ़ती दावेदारी साबित होती है। इसके साथ ही ऑस्कर में भारत की महिलाओं की हिस्सेदारी भी एक संदेश है कि हमारे देश की महिलाएं कितनी सशक्त हैं और उन्हें कम आंकने की ग़लती नहीं करनी चाहिए।

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