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पहलवानों का धरना: “इस बार हमें सिर्फ़ आश्वासन नहीं चाहिए”, बजरंग पूनिया की दो टूक!

“सरकार की तरफ़ से अब तक कोई नहीं आया है और आश्वासन हम लेना नहीं चाहते, आश्वासन पर हम पिछली बार भी उठ गए थे।” पहलवानों का कहना है कि वे बृजभूषण की गिरफ़्तारी से पहले उठने वाले नहीं हैं।
bajrang punia

दिल्ली के जंतर-मंतर पर न्याय की मांग लिए बैठे पहलवानों ने लंबी लड़ाई का मन बना लिया है। 25 दिन से ज़्यादा धरने पर बैठे पहलवानों ने आज सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया जिसका संदेश था - “जीत कर ही जाएंगे”

पहलवान कभी कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में आर्शीवाद लेने पहुंचे तो कभी बंगला साहिब गुरुद्वारे में माथा टेकने। वहीं ट्विटर के माध्यम से पहलवान साक्षी मालिक ने आज शाम महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर पहुंचने की जानकारी दी और 'चलो राजघाट' का नारा लगाया।

लू, उमस, तेज़ धूप, मच्छरों के बीच लगातार अपने धरने को जारी रखे हुए पहलवानों ने साफ़ कर दिया है कि जब तक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई नहीं होती तबतक उनका धरना जारी रहेगा। आज भी किसान संगठन, छात्र संगठन और खाप पहलवानों को समर्थन देने जंतर-मंतर पहुंचे। 

साक्षी मलिक के गांव की बुज़ुर्ग महिलाओं की हुंकार

जंतर-मंतर पर आज साक्षी मलिक के गांव रोहतक के मोखरा से बुज़ुर्ग महिलाओं की एक टोली पहुंची। इस टोली में कोई महिला 60 साल की थी तो कोई 70 साल की। ये महिलाएं ठेठ हरियाणवी लहज़े में बात कर रही थीं। इनमें से एक ने कहा, "हम यहां इंसाफ़ की लड़ाई को मज़बूत करने आए हैं। इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा, और अगर नहीं मिला तो हम पूरी व्यवस्था को हिला देंगे, मोदी जी तक ये बात पहुंचा देना।मोदी जी आपको क्या पता बेटी कैसे रखते हैं? हमारा तो परिवार है इसलिए हमें इनके दुख का पता है, लेकिन हम यहां से कह के जा रहे हैं कि बेटियां जीतेंगी।"

imageसाक्षी मलिक के गांव से आईं महिलाएं

"इस बार हमें आश्वासन नहीं चाहिए"

धरने पर बैठे पहलवानों की इस लड़ाई में 21 मई का दिन बहुत अहम होने वाला है क्योंकि किसान संगठनों और खाप प्रधानों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था जो 21 मई को ख़त्म हो जाएगा। इसी से जुड़े एक सवाल पर बजरंग पूनिया ने कहा कि, “21 तारीख़ को क्या होगा ये तो पंचायत के लोग ही तय करेंगे लेकिन जो भी होगा शांतिपूर्वक ही होगा, क्योंकि ये देश की बेटियों की लड़ाई है, सब कुछ शांतिपूर्वक ही होगा।”

धरने को 25 दिन से ज़्यादा हो गए लेकिन क्या अब तक सरकार की तरफ़ से इन पहलवानों से कोई बातचीत करने की कोशिश की गई या नहीं इस सवाल के जवाब में पूनिया ने कहा, “सरकार की तरफ़ से अब तक कोई नहीं आया है और आश्वासन हम लेना नहीं चाहते, आश्वासन पर हम पिछली बार भी उठ गए थे। खाप पंचायत के लोग हमारे लिए सर्वमान्य हैं जितने भी संगठन हमारे साथ जुड़ रहे हैं, वे जो भी फैसला लेंगे हम उनका स्वागत करते हैं।”

बजरंग पूनिया ने ये भी कहा कि पुलिस बहुत दबाव में काम कर रही है, लेकिन साथ ही उन्होंने क़ानून पर भरोसा जताते हुए देश की जनता से अपील की कि "बेटियों की न्याय की लड़ाई में साथ दें।"

"खेल मंत्री से पूछेंगे कब होगी बृजभूषण सिंह की गिरफ़्तारी"

वहीं आज बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर पूरे देशभर में प्रोटेस्ट किया गया जिसमें CITU, AIKS, AIAWU, AIDWA, SFI, DYFI जैसे तमाम संगठन शामिल थे। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) की ऑल इंडिया ज्वाइंट सेक्रेटरी दीपशिता ने हमसे कहा, "ये खिलाड़ी पिछले 25 दिन से ज़्यादा से यहां सड़क पर बैठे हुए हैं, हम इनके समर्थन में आज यहां आए हैं। आज पूरे देश में ये सभी संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी के तहत हम दिल्ली में अपना समर्थन देने के लिए यहां जंतर-मंतर पर आए हैं। SFI ने अगली 20 तारीख को पूरे देश में एक कॉल दी है जिसमें हम लोग खेल मंत्री अनुराग ठाकुर जी से सवाल करेंगे कि पिछले 25 दिन से देश के खिलाड़ी यहां सड़क पर बैठे हुए हैं, इसे लेकर आपने क्या किया है? क्यों बृजभूषण की गिरफ़्तारी नहीं हो रही है? इसी को लेकर देशभर से हमारे 40 लाख सदस्य, लोग अनुराग ठाकुर जी को पोस्टकार्ड भेजेंगे, मेल करेंगे और उसके बाद बस एक ही मांग होगी - बृजभूषण को गिरफ़्तार करो।"

गांधीनगर से समर्थन देने जंतर-मंतर पहुंचा युवक

जंतर-मंतर पर देश के दूरदराज के हिस्सों से भी लोग पहुंच रहे हैं। आज जंतर-मंतर पर गुजरात से आए एक शख़्स ने बताया कि "मैं गांधीनगर के रायसेन से आया हूं। मैं ख़ुद मोदी जी का समर्थक रहा हूं। मैंने उन्हें वोट भी दिया है, लेकिन ये बहनें जिन्होंने हमारा नाम रौशन किया है, अगर वे कोई मांग कर रही हैं तो उनकी बात सुनना सरकार का फर्ज बनता है।"

इसमें कोई शक नहीं कि जंतर-मंतर पर चल रहे धरने ने एक आंदोलन का रूप ले लिया है और इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं। यहां मौजूद एक किसान ने कहा कि "सरकार को जल्द ही कार्रवाई करनी चाहिए नहीं तो उन्हें किसान आंदोलन की ताकत याद दिला देंगे। तब बात हमारी फसलों की थी जिसे हम मां समझते हैं और अब बात बेटियों की है जिन्हें हम अपनी इज़्ज़त समझते हैं तो बेहतर होगा कि सरकार जल्द बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई करे।"

"मोदी जी और अमित शाह चुप क्यों हैं?”

आज जंतर-मंतर पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला भी पहुंचे और उन्होंने कहा, "हम मन, वचन, कर्म से आपके साथ हैं, आपका ये संघर्ष बुलंद रहे, आपके इस संघर्ष में जहां ज़रूरत पड़ेगी हम आपके साथ खड़े मिलेंगे।"

imageकांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला आज पहलवानों के धरने को समर्थन देने पहुंचे

सुरजेवाला ने आगे कहा, "मैं व्यक्तिगत तौर पर एक ही आश्वासन आपको देता हूं कि यहां जो लोग बैठे हैं हम सब आपकी एक आवाज़ पर जिस तरह की मदद की ज़रूरत है, आपको ताकत चाहिए, लहू चाहिए, दोनों देंगे। सत्ता की शहतीर से कमज़ोर कोई चीज़ नहीं, जब जनता का बलबला उठता है तो सत्ता की शहतीर पहले चरमराती है और फिर टूट कर उनको धराशायी कर देती है जो उसके ऊपर बैठे हैं इसलिए बृजभूषण शरण और ऐसे सब लोग इसको एक चेतावनी मान लें और वे लोग भी जो सत्ता में बैठ कर बृजभूषण शरण सिंह को संरक्षण दे रहे हैं, जब वक़्त करवट लेगा तो एक-एक व्यक्ति का हिसाब होगा।"

सुरजेवाला ने सवाल करते हुए कहा, "ये पहलवान और कितने दिन यूं ही धूप मैं बैठे रहेंगे, हम हठ नहीं कर रहे, हाथ जोड़कर न्याय मांग रहे हैं। बृजभूषण सिंह ख़ुद कह रहा है कि अमित शाह जी और मोदी जी कहेंगे तो वे इस्तीफा देगा, उसे जेल की सलाखों की पीछे क्यों नहीं भेजा जा रहा? दिल्ली पुलिस बृजभूषण शरण सिंह को पकड़ने की बजाए पहलवानों को धक्के क्यों मार रही है? उनको ये आदेश क्यों दिया जा रहा है? क्यों चुप हैं मोदी जी, क्यों चुप हैं अमित शाह जी, जवाब दीजिए, न्याय कीजिए और अगर न्याय नहीं कर सकते तो फिर माफ़ी मांगिए और देश की बेटियों से कह दीजिए कि भाजपा से बेटी बचाओ का नारा लगाएं।"

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धरने का बड़ा होता रूप इशारा कर रहा है कि पहलवान अपनी मांगों पर झुकने को तैयार नहीं और जब तक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी नहीं हो जाती, पहलवान धरने से उठने वाले नहीं। इन सबके बीच 21 मई का दिन बहुत कुछ तय करने वाला साबित हो सकता है।

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