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बेबस महिला पहलवानों को अब सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद

सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाख़िल कर दिया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।
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फ़ोटो : PTI

दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न तथा पीछा करने के अपराधों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोपपत्र दाखिल किया और एक नाबालिग पहलवान द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा कि ‘‘कोई पुख्ता सबूत नहीं’’ मिले।

सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।

दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नालवा ने एक बयान में बताया कि पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में शिकायतकर्ता यानी नाबालिग के पिता तथा स्वयं लड़की के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करने वाली रिपोर्ट दाखिल की गई।

पटियाला हाउस अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मामले को रद्द करने की रिपोर्ट पर चार जुलाई को विचार किया जाएगा।

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम में न्यूनतम तीन वर्ष कारावास की सजा है। हालांकि, यह उस धारा पर निर्भर करता है जिसके तहत अपराध आ रहा हो।

महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज एक अन्य मामले में राउज एवेन्यू अदालत में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक कुमार ने आरोपपत्र पर विचार करने के लिए 22 जून की तारीख तय की।

विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत के बाहर बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तनाम प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग करने वाले पहलवान आरोपपत्र दाखिल होने के बाद अपने अगले कदम पर विचार कर रहे हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ के एक निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (यदि कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि उकसाव के कृत्य को अंजाम दिया गया, और जहां इसके के लिए दंड कोई स्पष्ट प्रावधान न हो), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

प्रदर्शन कर रहे पहलवान सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने एक नाबालिग सहित महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया है।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सात जून को ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की थी और पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में आरोपपत्र 15 जून तक दाखिल कर दिया जाएगा।

विशेष जांच दल ने 180 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। यह दल गोंडा में सिंह के आवास पर गया जहां उसने निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के रिश्तेदारों, सहयोगियों, घरेलू सहायकों और उनके सहयोगियों के बयान दर्ज किए।

जांचकर्ता एक महिला पहलवान को नयी दिल्ली में सिंह के आधिकारिक आवास पर भी ले गए ताकि उस घटनाक्रम का नाट्य रूपांतरण किया जा सके जो कथित अपराध का कारण बना।

पहलवानों ने निर्धारित अवधि में आरोपपत्र दाखिल नहीं होने पर फिर से विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी है।

ठाकुर ने सात जून को पहलवानों के साथ मुलाकात करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि पहलवानों ने सुझाव दिया था कि मामले में आरोपपत्र 15 जून तक दाखिल किया जाए और डब्ल्यूएफआई के चुनाव 30 जून तक कराए जाएं।

पहलवानों ने यह भी सुझाव दिया था कि डब्ल्यूएफआई की एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाए, जिसकी अध्यक्षता एक महिला करे।

इन सभी प्रस्तावों पर खेल मंत्री ने सर्वसम्मति से सहमति जताई। इस आश्वासन के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया था।

पहलवानों के लिए बेहद दर्दनाक दिन

28 मई का दिन पीड़ित महिला पहलवानों के लिए बेहद दर्दनाक था। इस दिन एक तरफ जहां प्रधानमंत्री सेंगोल के साथ नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ न्याय की मांग कर रहीं महिला पहलवानों को सड़कों पर घसीटा जा रहा था। इस दौरान महिला पहलवानों का धरने पर साथ दे रहीं महिलाओं को इस दिन हिरासत में लेकर पुलिस ने घंटों थाने में बैठाकर रखा था। इस दिन महिला पहलवानों के धरना को समाप्त करने के लिए पुलिस उनके टेंट को सामानों को उठाकर ले गई।

सरकार की महिला-विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद

ज्ञात हो कि राजधानी दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में बुधवार, 14 जून को संघर्षरत पहलवानों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए देशभर के तमाम महिला संगठनों ने महिला पंचायत का आयोजन किया। इस पंचायत का उद्देश्य महिला पहलवानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के साथ ही सरकार की महिला विरोधी नीतियों के खिलाफ भी आवाज़ बुलंद करना था। पंचायत ने एक स्वर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे यौन शोषण और आरोपियों के संरक्षण पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी बाहुबलियों के आगे नतमस्तक हो गई है।

आरोपी को गिरफ्तार करने और सख्त कार्रवाई की मांग

इस पंचायत में हरियाणा, राजस्थान समेत देश के कई अलग-अलग कोनों से आई महिलाओं के साथ ही पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, भीम अवार्डी जगमति सांगवान, पॉलिटिशियन और महिला अधिकार कार्यकर्ता एनी राजा, पहलवान साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक, सहित कई महिलाओं ने भागीदारी की। सभी ने एक साथ आरोपी बृजभूषण शरण सिंह और हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी और सख्त कार्यवाही की बात कही।

महिला पंचायत से उठी मांगें :

  • बृजभूषण सिंह की तत्काल गिरफ़्तारी
  • यौन उत्पीड़न के गंभीर मामलों में विफल कार्यवाही के लिए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का इस्तीफ़ा
  • प्राथमिकी दर्ज करने और PCSO, PoSH और IPC के प्रावधानों का पालन करने में विफल पुलिस अधिकारियों पर IPC की धारा 166 A के तहत सख़्त कार्रवाई।
  • सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच
  • अन्य सभी संघर्ष कर रही महिला खिलाड़ियों के मामले की जांच और कार्रवाई
  • कुश्ती महासंघ की नई अध्यक्ष महिला हों।

महिला पंचायत ने मोदी सरकार में शामिल महिला नेताओं और राष्ट्रीय महिला आयोग की चुप्पी की भी निंदा की साथ ही पंचायत ने फैसला किया है कि यदि सरकार महिला पहलवानों से किए वादे पूरा नहीं करता तो 16 जून को देश भर में विरोध दिवस मनाया जाएगा।

गंगा में मेडल बहाने चले गए थे पहलवान

यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण पर कार्रवाई न होने और पहलवानों के धरना को जबरन समाप्त कराए जाने से नाराज़ पहलवन अपने मेडल को गंगा नदी में बहाने के लिए हरिद्वार चले गए थे। हरिद्वार में पहलवानों के पहुंचने के कुछ समय बाद किसान नेता नरेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ पहलवानों को मनाने के लिए वहां पहुंच गए थे। टिकैत ने पहलवानों से मेडल न बहाने को लेकर मना लिया।

किसानों का मिला समर्थन

पिछले महीने 7तारीख को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर किसान पहुंचे थें। 17मई को जंतर मंतर पर पहलवानों के समर्थन में किसान संगठन का जत्था पहुंचा था। इसको देखते हुए धरना स्थल के बाहर बैरिकेंडिग की गई थी, ताकि इस पूरी भीड़ को नियंत्रण में रखा जा सके। वहीं पहलवानों के समर्थन में जींद से किसानों ने दिल्ली कुच किया था। वे ट्रेन में बैठकर जींद से रवाना हुए थें।

देश भर में हो रहे प्रदर्शन

महिला पहलवानों के समर्थन में देश भर में वाम तथा अन्य विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गई हैं और प्रदर्शन कर रही हैं और यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण के साथ-साथ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के केद्रीयय कमेटी के आह्वान पर बिहार के समस्तीपुर में धरना दिया गया था। वहीं बिहार की राजधानी पटना में भाकपा-माले ने बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर कैंडल मार्च निकाला। 

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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