#MeToo तो बस शुरुआत है: कल्पना शर्मा
महिलाएँ हमेशा से कार्यस्थलों पर उत्पीड़न का शिकार बनती आई हैंI लेकिन अब इस पूरे मुद्दे के सन्दर्भ में सकारात्मक बात यह है कि महिलाओं ने इसके खिलाफ खुलकर बोलना शुरू कर दिया हैI
#MeToo कैम्पेन के विषय में निखिल वाग्ले की वरिष्ठ पत्रकार कल्पना शर्मा से ख़ास बातचीतI कल्पना का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है और यह आगे जाकर शायद एक आन्दोलन की शक्ल अख्तियार कर लेI उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएँ हमेशा से कार्यस्थलों पर उत्पीड़न का शिकार बनती आई हैंI लेकिन अब इस पूरे मुद्दे के सन्दर्भ में सकारात्मक बात यह है कि महिलाओं ने इसके खिलाफ खुलकर बोलना शुरू कर दिया हैI
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