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कश्मीरी छात्रों के ख़िलाफ़ दर्ज राजद्रोह के मामलों को वापस लेने के लिए श्रीनगर में प्रदर्शन

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया। पीडीपी की नेता मेहबूबा मुफ़्ती ने पीएम मोदी को ख़त लिखकर तीनों छात्रों के मामले में दख़ल देने की अपील की।
jammu and kashmir

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस की महिला शाखा ने सोमवार को अपने नवा ए सबह मुख्यालय के पास प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन, मौजूदा ट्वेंटी ट्वेंटी वर्ल्ड कप में कथित तौर पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का समर्थन करने पर भिन्न छात्रों के पर कई धाराओं में लगाए गए मुकदमों के ख़िलाफ़  किया गया था।

छात्रों पर देशद्रोह जैसे गंभीर मुकदमें दायर करने के खिलाफ, साथ ही उत्तर प्रदेश में तीन कश्मीरी छात्रों को हिरासत में लिए जाने और उनके ऊपर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का समर्थन करने का आरोप लगाए जाने की कार्रवाई के ख़िलाफ़, पार्टी की महिला शाखा की करीब 12 महिलाओं ने सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया।

 प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं और वे "छात्रों के खिलाफ मुकदमा वापस लो" व "कश्मीरी छात्रों को रिहा करो" जैसे नारे लगा रही थीं। पूर्व विधायक शमीमा फ़िरदौस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर छात्रों के खिलाफ जरूरत से ज्यादा ताकत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

शमीमा ने कहा, "आगरा में तीन छात्रों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर किया गया है। वहां के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि इन छात्रों पर राजद्रोह के तहत मुकदमा दायर किया जाएगा। मैं योगी से पूछना चाहती हूं कि क्या उन्हें राजद्रोह या राजद्रोह के तहत दर्ज होने वाली शिकायत की जानकारी नहीं है। जो लोग बीजेपी के पक्ष में कानून का गलत इस्तेमाल करते हैं, उन्हें शर्म से मर जाना चाहिए।"

नेशनल कॉन्फ्रेंस की महिला शाखा की प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, जस्टिस दीपक मिश्रा का उद्धरण पेश किया, जिन्होंने हाल में पत्रकार करण थापर के साथ इंटरव्यू में कहा था कि भारत के ऊपर पाकिस्तान की क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाना राजद्रोह नहीं हो सकता।

उन्होंने (शमीमा) आगे कहा "क्या ब्रिटिश सरकार को इंग्लैंड में भारतीय तिरंगा फहराने पर, भारतीयों के ऊपर देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज करना चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने लेफ्टिनेंट गवर्नर की सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और तीनों छात्रों को बचाने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को ऐसा ना होने की स्थिति में पूरे क्षेत्र में प्रदर्शन की चेतावनी भी दी।

एक प्रदर्शनकारी आयशा कहती हैं, "वे पहले हमसे हमारे बच्चों को कश्मीर के बाहर पढ़ने के लिए भेजने को कहते हैं। लेकिन वहां कोई सुरक्षा ही नहीं है। कॉलेज प्रबंधन पहले ही कह चुका है कि इन छात्रों ने पाकिस्तानी झंडा या उसके पक्ष में नारे नहीं लगाए थे, वे मासूम हैं।"

वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम की हालिया हर के बाद, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने आरोप लगाया कि उनके ऊपर दूसरे छात्रों ने हमला किया। आगरा के राजा बलवंत सिंह कॉलेज में तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ़्तार किया गया, उनके साथ मारपीट की गई। फिर उनके ऊपर पाक टीम को समर्थन करने के आरोप में थाने में शिकायत दर्ज कर दी गई। इसके बाद सीएम योगी का ट्वीट आया, जिसमें इन छात्रों पर राजद्रोह के मुकदमे की बात की गई थी, इस प्रतिक्रिया को कश्मीर की कई पार्टियों ने अतिरेक कार्रवाई बताया था।

कॉलेज प्रशासन ने दक्षिणपंथी समूहों के उन आरोपों से इंकार किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि इन छात्रों ने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए थे। लेकिन कॉलेज ने इन तीनों को जीतने वाली टीम की जानकारी सोशल मीडिया पर डालने के चलते सस्पेंड कर दिया। तभी से सत्ताधारी बीजेपी के नेता कश्मीरियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

जम्मू में बीजेपी के पूर्व विधायक विक्रम सिंह रंधावा ने तो यहां तक सलाह दी है कि इन छात्रों की नागरिकता खत्म कर देनी चाहिए और उन्हें "पाकिस्तान" भेज देना चाहिए। अब हटा दिए गए एक ट्वीट में तो बीजेपी नेता ने इन कश्मीरी छात्रों की चमड़ी उधेड़ने की भी बात कही थी।

कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पीडीपी की नेता मेहबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में कहा, "उस पूर्व बीजेपी विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो कश्मीरियों के नरसंहार और उनकी चमड़ी उधेड़ देने की अपील कर रहा है।

मेहबूबा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खत लिखकर उन तीन कश्मीरी छात्रों के मामले में दखल देने की बात कही है। उन्होंने कहा, "बुद्धिमत्ता कहती है कि इस सरकार को उन छात्रों के साथ व्यवहार करना चाहिए और उनकी महत्वाकांक्षाएं व लक्ष्यों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। मैं आपसे इस मामले में दखल देने की अपील करता हूं, ताकि इन युवाओं का उन्नत मस्तिष्क बचा रह सके।

जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी 2 मेडिकल कॉलेजों के ऊपर शिकायत दर्ज की है। इन कॉलेजों पर पाकिस्तान की जीत के बाद मनाए गए कथित जश्न में भूमिका का आरोप है। दूसरी तरफ, एक मेडिकल कॉलेज के प्रशासन का कहना है कि आंतरिक जांच में पता चला है कि उनके बच्चे इस तरह की घटना में शामिल नहीं थे।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

J&K: Protest Held to Demand Withdrawal of Sedition Charges Against Kashmiri Students

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