Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

जंतर-मंतर से चंद्रशेखर का मोदी सरकार के खिलाफ ‘ऐलान-ए-जंग’

तमाम आशंकाओं के बीच शुक्रवार को जंतर-मंतर पर बहुजन हुंकार रैली हुई जिसमें चंद्रशेखर ने कहा "ये मनुवादी व्यवस्था 4 'अ' के बल पर चलती है: असामानता, असत्य, अन्याय और अपमान। हमें इस व्यवस्था को ख़त्म करना है और लाल क़िले पर नीला झंडा फहराना है।"
जंतर-मंतर से चंद्रशेखर का मोदी सरकार के खिलाफ ‘ऐलान-ए-जंग’
भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर हुंकार रैली को संबोधित करते हुए

दलित अधिकारों के सवाल पर आज 15 मार्च को भीम आर्मी की बहुजन हुंकार रैली आख़िरकार जंतर मंतर पर पहुँची। ये रैली जो 11 मार्च को सहारनपुर से शुरू हुई थीउस दौरान कई घटनाएँ हुई थींजिसकी वजह से आज जंतर मंतर पर होने वाले आयोजन को लेकर शंका पैदा हो रही थी। 

बता दें कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को 12 मार्च को देवबंद में पुलिस द्वारा रोक लिया गया थाऔर गिरफ़्तार कर लिया गया था। जिसके बाद उनकी तबीयत ख़राब हुई और उन्हें मेरठ में अस्पताल में भर्ती किया गया। उसके बाद पुलिस ने चंद्रशेखरछात्र संगठन आइसा अध्यक्षा सुचेता डे, आइसा उपाध्यक्ष फ़रहान सहित कई लोगों के नाम FIR दर्ज कर ली थी। जिसके बाद आज 15 मार्च की रैली में उनके आने पर शंका ज़ाहिर की जा रही थी। लेकिन आज रैली हुई और चंद्रशेखर वहाँ मौजूद थे। 

11 मार्च से भीम आर्मी द्वारा शुरू की गई इस रैली में देश भर से भीम आर्मी के कार्यकर्ता आज जंतर मंतर पर जमा थे। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के लिए उनके समर्थकों का उत्साह देखने लायक था। दलितों के अधिकारों के सवाल परऔर पिछले सालों पर दलितों पर हुए अत्याचार के विरोध में सारे देश से तमाम दलित संगठन इस रैली में हिस्सा लेने आए थे। इसके अलावा आइसा अध्यक्षा सुचेता डेउपाध्यक्ष फ़रहान और जेएनयूएसयू के अध्यक्ष एन साई बालाजी भी मौजूद थे। 

भीम आर्मी महाकोर कमेटी के अध्यक्ष राजू धनके ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "पिछले सालों में दलितों के ऊपर कई अत्याचार हुए हैं। बीजपी से ज़्यादा दलित विरोधी कोई और सरकार इस देश में आज तक नहीं आई है। मोदीजी ने कहा था कि अच्छे दिन आएंगे। लेकिन अच्छे दिन किसके आए हैंदलितों-पिछड़ों के अच्छे दिन नहीं आए हैं।" भीम कोरेगांव के सवाल पर राजू धनके ने कहा, "वो हमारे पुरखों की निशानी हैजिसे नष्ट करने का षड्यंत्र महाराष्ट्र की राज्य सरकार और देश की केंद्र सरकार कर रही है। संभाजी भिड़े को तो प्रधानमंत्री अपना गुरु बताते हैं।"

रैली में विभिन्न जगहों से शामिल हुए दलित संगठनों के नेताओं ने जनता को संबोधित किया। सब की बातों में दलित अधिकारों की बात और मौजूदा सरकार की दलित विरोधी नीतियों के विरोध में आवाज़ उठाने की अपील जनता से की गई। 

IMG_7619-1024.jpg

अंत में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने जनता को संबोधित किया। चंद्रशेखरजो सीधे अस्पताल से रैली में शामिल होने आएबीमार थे और उन्हें बोलने में तकलीफ़ हो रही थी। बावजूद इसके चंद्रशेखर ने जनता को संबोधित किया। भाषण की शुरुआत करते हुए चंद्रशेखर सहित मंच पर मौजूद सभी दलित नेताओं ने संविधान को अपने हाथ में रखा था और चंद्रशेखर ने सभी से अपील की कि अपने-अपने घरों में संविधान को रखें। 

आज 15 मार्च को दलित नेता कांशीराम का जन्मदिन है। अपने भाषण कि शुरुआत चंद्रशेखर ने कांशीराम और बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को याद करते हुए की।

चंद्रशेखर ने कहा, "हम बहुजन समाज के लोग आज मिल के एलान--जंग कर रहे हैं। जितनी ताक़त लगा सकते हैं लगा लीजियेदिल्ली की गद्दी इस बार आपको छूने भी नहीं देंगे। मैं 16 महीने से हर रात ये सोचा करता था कि मैं कब अपने लोगों के बीच में अपनी बात रखूँगा। आज मैं आपके बीच खड़ा हूँ।"

बता दें कि यूपी पुलिस ने चंद्रशेखर के नाम एफआईआर दर्ज कर ली हैजिस पर उन्होंने कहा, "UP पुलिस और प्रशासन हमसे डर गया हैइसीलिए उन्होंने हमारी रैली रोकी। मुझे अपने बारे में कोई सफ़ाई नहीं देनी है। मैं बहुजन समाज के लिए ईमानदार हूँ और मैं पूरी ईमानदारी के साथ बहुजन समाज के लिए काम करूंगा। मैं कांशीराम और अंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए काम करूंगा। जीऊँगा भी बहुजन समाज के लिए और मरूँगा भी बहुजन समाज के लिए।"

चंद्रशेखर ने बनारस से नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। कांशीराम को याद करते हुए उन्होंने कहा, "कांशीराम ने अपनी सारी संपत्ति समाज के नाम कर दी थी। आज का कोई नेता ऐसा कर सकता हैमैं आज इस मंच से ऐलान करता हूँ कि मेरी सारी संपत्ति समाज की है। मैं उन सभी से निवेदन करता हूँ जिन्हें दलितों के लिए पीड़ा होती हैवो आएँ और हमारे साथ शामिल हों। मैं आप सबका धन्यवाद देता हूँ जो देश भर से भीम आर्मी के कार्यकर्ता आज यहाँ आए हैं। याद रखिए कि संघर्ष में सब अकेले होते हैंलेकिन जब सफलता मिल जाती है तो काफिले साथ होते हैं।" 

अंत में उन्होंने कहा, "ये मनुवादी व्यवस्था 4 'के बल पर चलती है: असामानताअसत्यअन्याय और अपमान। हमें इस व्यवस्था को ख़त्म करना है और लाल क़िले पर नीला झण्डा फहराना है।" 

 

युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "क्या युवा बिकाऊ हैक्या युवाओं कोअंबेडकरवाद को कोई ख़रीद सकता हैमैं संविधान बचाने के लिए लड़ रहा हूँ। ये हमें जेलों से डराने कि कोशिश कर रहे हैं। बाबा साहब ने कहा था कि ये इक्कीसवीं सदी हमारी है। आज युवाओं को संकल्प लेना है कि हमारे रहबर कांशीराम और बाबा साहब अंबेडकर के सपनों के लिए हमें इस मनुवादि सत्ता को ख़त्म करने के लिए लड़ना होगा।"

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest