Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

क्या यही है बिहार का सुशासन ?

बिहार में तेज़ी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है । बिहार में बढ़ते  अपहरण, लूटपाट, छेड़खानी , मार-काट, महिलाओं के साथ दुष्कर्म के घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है ।
GANG rape

बिहार में तेज़ी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है । बिहार में बढ़ते  अपहरण, लूटपाट, छेड़खानी , मार-काट, महिलाओं के साथ दुष्कर्म के घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है । बिहार में जंगलराज का डर लोगों को एक बार फिर से  सताने लगा है । पिछले कुछ दिन से इस  तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है जिसके बाद कानून-व्यवस्था पर  सवाल उठने  लगा है । अपराध के मामला में पूरे बिहार में कोई  कमींनही हुई बल्कि ये लगातार बढ़ रहे हैं |

राज्य में कानून –व्यवस्था बिगड़ती जा रही है | राजधानी पटना समेत बिहार के बाकी ज़िलों में लगातार अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है  और सरकारी दावे के अनुसार पुलिस के कड़ी करवाई के निर्देश हैं फिर भी अपराधिक घटना में कमी नहीं दिखती है ।

हालिया मामला बिहार में एक महिला और उसके नाबालिग बेटी से सामूहिक बलत्कार का है,बिहार के गया ज़िले में एक बहुत ही भयावह घटना हुई | जब एक डॉक्टर अपनी पत्नी और अपनी बेटी के साथ बाइक से जा रहे थे तो रास्ते में 10 से 12 लोगों ने उनका रास्ता रोका | डॉक्टर के हाथ पाँव बाँध दिया और थोड़े ही दूर पर उनकी पत्नी और बेटी के साथ दुष्कर्म किया | इसके बाद उनकी पत्नी और बेटी के भी हाथ पांव बांध दिए ,फिर उनका मोबाईल और पैसे भी छीन लिए और तीनों के साथ मारपीट भी की |
वामपंथी दल के नेता निरंजन ने न्यूज़ क्लिक से बात करते हुए कहा कि इस घटना को लेकर अभी भी पूरे इलाके में गस्सा है और इस घटना को लेकर लगातार सभी विपक्षी दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है | कल भी इस पूरे इलाके में बंद का एक सफल आयोजन किया गया था | आज भी ज़िला स्तर पर विरोध प्रदर्शन का आवाहन किया गया है |

इसी मुद्दे पर वामपंथी दल के नेता का कहना है कि  “अभी बिहार में महाजंगल राज है | कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नही है” |
इन दिनों बिहार में ऐसा लग रहा है कि  सुशासन अब दू:शासन में बदल रहा है |क्योंकि बिहार में लगातार इस तरह की घटनएं घट रही हैं | अभी कुछ दिनों मी डिया में कई रिपोर्ट आई थीं की किस तरह से मुजफ्फरपुर में बालिका ग्रह में बालिकाओं के साथ यौन शोषण होता है | इसके साथ ही आय दिन बिहार में लूटपाट की खबरे आती ही रहती है |
बिहार में वर्तमान में नितीश और भाजपा गठबन्धन की सरकार है ये सरकार नितीश के राजद से गठबंधन तोड़ने के बाद बनी थी | इसके पहले  नितीश का कहना था कि राजद के साथ उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था लागू  कर पाना मुशिकिल हो रहा है इसलिए वो भाजपा के साथ सरकार बना रहे हैं | परन्तु इसी बीच बिहार में महागठबंधन तोड़कर सत्ता में आई नीतीश और भाजपा की संयुक्त सरकार में होने वाले अपराधों के आंकड़े सामने आए हैं। ये आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार की मौजूदा सरकार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के साथ गठबंधन के मुकाबले भाजपा से गठबंधन करने के बाद अपराध का ग्राफ तेज़ी  से ऊपर गया है।
जानकारी के लिये बता दें कि बीते साल जुलाई के आखिरी सप्ताह में नीतीश कुमार ने अपने तत्कालीन सहोयगी दल राजद और कांग्रेस के महागठबंधन से अलग हुए थे |
बिहार पुलिस के आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2017 में जहां कुल संगीन अपराधिक मामलों की संख्या 20 हजार 96 थी वहीं यह संख्या दिसंबर 2017आते आते बढ़कर 20 हजार 446 हो गई थी। इसी प्रकार अगस्त 2017 में बिहार में कुल 236 हत्या के मामले दर्ज हुए थे जो दिसंबर 2017 आते आते 228 हो गए। बिहार में नीतीश और भाजपा की गठबंधन सरकार आते ही बलात्कार की वारदात में तेज़ी  से बढ़ोत्तरी हुई।
अगस्त 2017 में कुल बलात्कार के 102 मामले, सितंबर में बलात्कार के 118 मामले, और अक्टूबर में 113 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, नवंबर-दिसंबर में बलात्कार के मामलों में कमी आई है। इसी प्रकार सांप्रदायिक दंगों, अपह्रण, चोरी, लूट के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। जानकारी के लिये बता दें कि आंकड़े इस साल के मार्च तक ही हैं।

बिहार पुलिस के वेबसाइट से(स्रोत ;http://biharpolice.bih.nic.in/)

बिहार में मार्च के महीने में दंगे के कुल 1066 मामले दर्ज किए गए थे, और उसके अगले महीने अप्रैल में रामनवमी के मौके पर बिहार के कई जिलों में दंगे  भड़के थे। इन दंगों में भाजपा के कई नेताओं पर दंगा भड़काने का आरोप भी लगा था। जिसमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित चौबे पर भी भागलपुर से मिले हुए क्षेत्र में दंगा भड़काने का आरोप लगा था।

बिहार पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल के शुरुआती तीन महीनों में कुल 57 हजार 441 संगीन अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। जिसमें अपह्रण के2171, हत्या के 667, बलात्कार के 289, लूट डकैती के 71, चोरी के 7172 और सांप्रदायिक दंगा के 2288 मामले दर्ज हुए हैं।

बिहार पुलिस के वेबसाइट से(स्रोत ;http://biharpolice.bih.nic.in/)

एक तरफ जहाँ पूरे राज्य में इस तरह की घटनाओं  को लेकर कोतुहल है वहीं  बिहार की राजनीती में इन दिनों राजनीतिक पारा उफान पर है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंध (राजग) के घटक दलों में आम चुनाव 2019 के मद्देनजर अधिक से अधिक सीटों पर दावा करने की होड़ मची है। इसी बीच बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से ऊपर उठता जा रहा है। सुशासन बाबु का खौफ अपराधियों में लगभग खत्म हो गया है।
बिहार के राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि  बिहार में लोग खुद को सुरक्षित महसूस नही कर रहे हैं | इस तरह की घटना बिहार के लिए आम बात हो गई है | बिहार में शासन का राज नही है ,केवल भ्रष्टाचार और अराजकता का माहौल है |  

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest