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मध्यप्रदेश: मेधा पाटकर ने 9 दिन बाद तोड़ा अनशन, 9 सितंबर को सरकार से होगी चर्चा

मेधा पाटकर नर्मदा नदी पर गुजरात में निर्मित सरदार सरोवर बांध के मध्यप्रदेश के विस्थापितों के उचित पुर्नवास और ग्रामीणों को डूब से राहत के लिये बांध के गेट खोल पानी छोड़ने की मांग को लेकर 26 अगस्त से अनशन कर रही थी। 
megha patkar

भोपाल: सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के अधिकार को लेकर जारी मेधा पाटकर का अनशन 9वें दिन सोमवार को खत्म हो गया। रात 10.30 बजे पूर्व मुख्य सचिव शरदचंद्र बेहार ने नींबू पानी पिलाकर पाटकर का अनशन तुड़वाया।

बेहार भोपाल से बड़वानी सीएम कमलनाथ के संदेशवाहक बनकर पहुंचे थे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरदार सरोवर बांध को 139 मीटर तक न भरने व डूब प्रभावितों के पुनर्वास सहित सभी मुद्दों पर 9 सितंबर को भोपाल में सीएम चर्चा के लिए तैयार हैं।

आपको बता दें कि नर्मदा वैली विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा और दो स्वतंत्र दूत राजेंद्र कोठारी और राकेश दीवान के साथ शरदचंद्र बेहार मेधा के पास पहुंचे थे और उनसे नर्मदा चुनौती सत्याग्रह समाप्त करने की अपील की थी।

इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में एक वक्तव्य जारी कहा था, ‘मेधा पाटकर और एनबीए के समस्त साथियों को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरी सरकार डूब प्रभावितों के पूर्ण पुनर्वास के लिये प्रतिबद्ध है। डूब प्रभावितों के समस्त दावों और मुद्दों का संपूर्ण निराकरण, नर्मदा घाटी के गांव-गांव में शिविर लगाकर किया जायेगा। मैं मेधा पाटकर जी से पुन: विनम्र आग्रह करता हूं कि वे अपना अनशन समाप्त करें और डूब प्रभावितों के मुद्दों के त्वरित निराकरण में हमारा सहयोग करें।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन का पूरा प्रयास होगा कि बांध के गेट खोले जावें एवं पूर्ण स्तर तक जल भराव वर्तमान में स्थगित रखा जावे। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि सरकार ने पुनर्वास कार्यो में विस्थापितों की जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक डूब ग्राम की ग्राम स्तरीय पुनर्वास समिति एवं जिला स्तरीय पुनर्वास समिति गठित की है। इन समितियों में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विस्थापितगण शामिल गये गये हैं।

आपको बता दें कि मेधा पाटकर नर्मदा नदी पर गुजरात में निर्मित सरदार सरोवर बांध (एसएसडी) के मध्य प्रदेश के विस्थापितों के उचित पुर्नवास और ग्रामीणों को डूब से राहत के लिए बांध के गेट खोल पानी छोड़ने की मांग को लेकर 26 अगस्त से अनिश्चितकालीन 'सत्याग्रह' आंदोलन कर रही थीं। यह गांव एसएसडी के बैकवाटर के जलमग्न क्षेत्र में पड़ता है।

उससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मेधा पाटकर से अनशन खत्म करने की अपील की थी लेकिन मेधा ने इससे इनकार कर दिया था। सोमवार सुबह को प्रदेश की काबीना मंत्री विजयलक्ष्मी साघौ ने अनशन स्थल पर मेधा पाटकर से मिलकर उनसे अपना अनशन समाप्त करने का आग्रह किया और मुख्यमंत्री कमलनाथ से फोन पर उनकी बात भी करवाई। इसके बावजूद पाटकर ने अपना आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया था।

गौरतलब है कि वर्तमान में एसएसडी में 134 मीटर स्तर तक जल भराव किया गया है जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 138 मीटर है। यह बांध बनने के बाद पहली बार इतने अधिक स्तर पर इसमें जल भराव होने से मध्यप्रदेश का बड़ा इलाका इसके बैकवॉटर से जलमग्न हो गया है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)  

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