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नज़र घुमा मैं हर शहर का शाहीन बाग हूँ...

"दरिया तो भर गई मैं अब सैलाब हूं...नज़र घुमा मैं हर शहर का शाहीन बाग हूँ" यह ऐलान है CAA-NPR-NRC के ख़िलाफ़ लेखक और एक्टिविस्ट फरहा नक़वी का। आइए सुनते हैं कारवां-ए-मोहब्बत की ये ख़ास पेशकश

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