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‘नई सोच’, ‘नया पाकिस्तान’ तो ‘नई कार्रवाई’ क्यों नहीं करता : भारत

"हम वही स्क्रिप्ट देख रहे हैं, जिसे दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले, नवंबर 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले और जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए हमले के बाद पेश किया गया था।"
Ministry of External Affairs Spokesperson Raveesh Kumar
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार।

नई दिल्ली : भारत ने शनिवार को कहा कि अगर पाकिस्तान 'नई सोच के साथ नया पाकिस्तान' होने का दावा करता है तो उसे उसकी धरती पर आतंकवादी समूहों और उनके ढांचे के खिलाफ 'नई कार्रवाई' करनी चाहिए और अपने दावे के अनुसार सीमा-पार आतंकवाद को समाप्त करना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया से कहा, "हम वही स्क्रिप्ट देख रहे हैं, जिसे दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले, नवंबर 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले और जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए हमले के बाद पेश किया गया था।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान आतंकवादी समूहों और आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का दावा करता है, लेकिन यह केवल कागज पर है। वास्तव में, आतंकवादी समूह और आतंकवादी बिना किसी बाधा के अपना काम सुचारु रूप से कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने भारत और वैश्विक समुदाय की जायज चिंताओं को दूर करने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई।"

उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तान को शब्दों से परे विश्वसनीय, सत्यापित और ठोस कार्रवाई करने के लिए मजबूर करने के मद्देनजर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर ढृढ़ बने हुए हैं।"

उन्होंने कहा, "हमने जिम्मेदारी और परिपक्वता के साथ कार्रवाई की है और करेंगे। हमारे सशस्त्र बल लगातार कड़ी नजर बनाए हुए हैं और राष्ट्र व इसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

उन्होंने कहा कि विदेश सचिव विजय के. गोखले और भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रवक्ता पहले ही नई दिल्ली द्वारा पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में बता चुके हैं।

उन्होंने कहा, "लेकिन पाकिस्तान उस दिन की घटना के लिए लगातार फर्जी कहानियां गढ़ रहा है।"

जेईएम की जड़ें पाकिस्तान में होने की सच्चाई को लगातार इनकार करने पर इस्लामाबाद पर निशाना साधते हुए कुमार ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान लगातार जेईएम के पुलवामा हमले के बारे में खुद के दावे को मानने से इनकार कर रहा है, जिसमें हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे।"

उन्होंने कहा, "26 फरवरी को आतंकवाद के खिलाफ हमारे असैन्य हमले में हमने अपना लक्षित उद्देश्य प्राप्त किया था। इस कार्रवाई ने सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णय लेने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाया।"

उन्होंने कहा, "27 फरवरी को, पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बदले, हमारे हमले की प्रतिक्रिया स्वरूप हमारे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की असफल कोशिश की।"

उन्होंने कहा, "हम पारदर्शी रहे और मीडिया को सूचित करने से पीछे नहीं हटे कि 27 फरवरी को, हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए, एक मिग 21 दुर्घटनाग्रस्त हो गया और कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में उतरना पड़ा।"

कुमार ने कहा, "इस संबंध में भारतीय वायुसेना का बयान सार्वजनिक है।"

मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमारा केवल एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अगर पाकिस्तान दावा करता है कि उसके पास एक दूसरे भारतीय विमान को गिराए जाने का वीडियो है, तो वह क्यों नहीं घटना के एक सप्ताह बाद भी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को यह दिखाता है?"

उन्होंने कहा, "उनसे यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि विमान का मलबा कहां है और पायलट के साथ क्या हुआ? जैसा कि हमने पहले ही कहा है कि हमारे पास प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से और इलेक्ट्रोनिक सबूत हैं कि पाकिस्तान ने एफ-16 विमान का इस्तेमाल किया और एक एफ-16 को हमारे विंग कमांडर अभिनंदन ने मार गिराया।"

कुमार ने कहा, "अमराम मिसाइल के इस्तेमाल करने के सबूत को पहले ही मीडिया को दिखाया गया है, जिसे केवल एफ-16 के साथ ही इस्तेमाल किया जा सकता है।"

कुमार ने कहा, "पाकिस्तान को यह बताना चाहिए कि वह क्यों लगातार एफ-16 विमान को गिराए जाने से इनकार कर रहा है? हमने अमेरिका से भी कहा है कि पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ एफ-16 विमान का इस्तेमाल करने के संबंध में उसकी खरीद की शर्तो की जांच करें।"

मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पुलवामा हमले के बाद से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें जेईएम द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेने का उल्लेख था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक मार्च को बीबीसी को दिए साक्षात्कार में कहा था, "उन्होंने(जेईएम) पुलवामा हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इसपर कुछ भ्रम की स्थिति है। भ्रम यह है कि उनके नेतृत्व से संपर्क किया गया और उन्होंने इसका '' में जवाब दिया।"

महमूद के साक्षात्कार का संदर्भ देते हुए कुमार ने पूछा, "क्या पाकिस्तान जेईएम को बचा रहा है और इसके प्रवक्ता की तरह बोल रहा है? क्या पाकिस्तान के दावे में कोई विश्वसनीयता है?" 

मंत्रालय ने इस्लामाबाद को याद दिलाया कि 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने प्रतिबद्धता जताई थी कि वह अपनी धरती पर किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि नहीं चलने देंगे।

उन्होंने कहा, "लेकिन आजतक, पाकिस्तान जेईएम व अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई विश्वसनीय कार्रवाई नहीं कर सका है।"

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