NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
मज़दूर संगठनों के हड़ताल का पूरे देश में असर, केरल-ओडिशा समेत कई राज्यों में पूर्णबंदी
केंद्र सरकार की कई नीतियों विशेष तौर पर नये किसान और श्रम कानूनों के विरोध के लिए हड़ताल का आयोजन किया गया था। श्रमिक संगठनों के दावों के अनुसार इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ श्रमिक शामिल रहे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Nov 2020
मज़दूर

दिल्ली: विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों की एक दिवसीय हड़ताल से बृहस्पतिवार को सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित रही। इसके चलते पुडुचेरी, ओडिशा, असम और तेलंगाना में बृहस्पतिवार को पूर्ण बंदी रही। अन्य राज्यों में भी आम जनजीवन प्रभावित रहा।

कृषि और श्रम क्षेत्र में केंद्र के नए कानूनों और उसकी कुछ अन्य नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया था। कर्मचारियों से जुड़े कई अन्य मुद्दे और विभिन्न मांगों को भी इसमें जोड़ा गया था।

कई अन्य स्वतंत्र श्रमिक संगठनों ने भी इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। श्रमिक संगठनों के दावों के अनुसार इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ श्रमिक शामिल रहे।

श्रमिक संगठनों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘केरल, पुडुच्चेरी, ओडिशा, असम और तेलंगाना में हड़ताल के दौरान पूर्ण बंद रहा। तमिलनाडु के 13 जिलों में पूर्ण बंद की स्थिति रही, जबकि अन्य जिलों में औद्योगिक हड़ताल जारी रही। पंजाब एवं हरियाणा में राज्य परिवहन निगम की बसों का भी चक्का जाम रहा।’

बयान के मुताबिक झारखंड और छत्तीसगढ़ में बाल्को समेत अन्य जगहों पर पूर्ण हड़ताल रही।

पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में आम जनजीवन प्रभावित रहा. पश्चिम बंगाल में छिटपुट झड़पों की खबर है।

गौरतलब है कि हड़ताल में भाग लेने वाले 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एंप्यॉलयड वीमेंस एसोसिएशंस (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और युनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) हैं।

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर अन्य केंद्रीय श्रमिक संगठनों की हड़ताल में भागीदारी रही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने हड़ताल को राजनीति प्रेरित बताते हुए इससे अलग रहने की घोषणा की है।

हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने पीटीआई-भाषा से कहा कि बृहस्पतिवार की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में करीब 25 करोड़ श्रमिकों के शामिल होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि रक्षा, रेलवे, कोयला श्रमिकों समेत अन्य निजी क्षेत्र के श्रमिक संगठनों का भी इस हड़ताल को समर्थन मिला है।

किसान संगठनों के संयुक्त मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने भी इस आम हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। घरेलू सहायक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वालों, कृषि मजदूर, ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वरोजगार करने वालों ने भी ‘चक्का जाम’ में शामिल हुए। कई राज्यों में ऑटोरिक्शा और टैक्सी ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल रहे।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

CITU
BJP
Workers Strike
all india strike
INTUC
AITUC
hms
AIUTUC
TUCC
AICCTU
LPF
UTUC

Related Stories

हिमाचल: मनरेगा और निर्माण मज़दूरों ने किया राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन

मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर मनाया भारत छोड़ो दिवस

रोज़गार बनता व्यापक सामाजिक-राजनीतिक एजेंडा, संयुक्त आंदोलन की आहट

बिहार : महागठबंधन के नेतृत्व में महंगाई-बरोज़गारी-तानाशाही के ख़िलाफ़ सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

हिमाचल: सेब बागवान किसानों के आंदोलन को मज़दूर संगठन सीटू का पूर्ण समर्थन

आज़ादी के 75 साल: एक अगस्त से सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ किसानों-मज़दूरों का देशव्यापी अभियान

दिल्ली : आंगनवाड़ी कर्मियों ने संसद के पास शुरू किया 4 दिन का 'महापड़ाव'

आंगनवाड़ी अधिकार महापड़ाव: हज़ारों महिलाओं के हक़ों की लड़ाई

जंतर-मंतर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का महापड़ाव शुरू

मानेसर में बढ़ रही यूनियन-प्रबंधन में दरार: ऑटो पार्ट्स फ़ैक्ट्री में हड़ताल


बाकी खबरें

  • संजय सोलोमन
    विशेष: स्त्री अस्मिता की वो साहित्यिक जंग, जिसने पितृसत्ता को घुटनों के बल ला दिया!
    15 Aug 2022
    सावित्री बाई फुले, पंडिता रमाबाई, एक अज्ञात हिन्दू औरत, रुकैया सख़ावत हुसैन, ताराबाई शिंदे समेत कुछ अन्य महिलाओं ने आगे आकर पितृसत्ता के विरुद्ध स्त्री मुक्ति की जंग छेड़ दी।
  • हर्षवर्धन
    आज़ादी@75: भारत की आज़ादी की लड़ाई और वामपंथ
    15 Aug 2022
    आज़ादी के आंदोलन में वामपंथियों ने क्या भूमिका निभाई थी इसपर मुख्यधारा में कभी कोई खास चर्चा नहीं हुई और अगर हुई भी है तो बहुत ही संकुचित दायरे में।
  • भाषा
    स्वतंत्रता दिवस पर गूगल ने पतंग उड़ाने की परंपरा से प्रेरित डूडल पेश किया
    15 Aug 2022
    यह आकर्षक डूडल गूगल आर्ट्स एंड कल्चर द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘इंडिया की उड़ान’ परियोजना के बाद पेश किया गया है, जो इन 75 वर्षों के दौरान भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाता है और ‘देश की अटूट और…
  • प्रमोद कपूर
    जब भारत के आम लोगों ने अपनी जान ज़ोखिम में डालकर आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी
    15 Aug 2022
    1946 में स्वतंत्रता की खातिर अंतिम जंग, रॉयल इंडियन नेवी म्युटिनी द्वारा लड़ी गई थी, उस आईएनए से प्रेरित युवा रॉयल इंडियन नेवी के नौसैनिकों के ऐतिहासिक विद्रोह की घटना को प्रमोद कपूर एक बार फिर से…
  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    15 अगस्त 1947 को क्या हुआ था?
    14 Aug 2022
    आज़ादी के 75 साल बाद, 'इतिहास के पन्ने' की इस ख़ास श्रंखला में नीलांजन बताते हैं की हम आज़ादी की तरफ कैसे बढे.
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें