Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

रैपर हार्ड कौर के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज

रैपर और सिंगर हार्ड कौर सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत के बारे में आपत्तीजनक पोस्ट की वजह से हार्ड कौर पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
रैपर हार्ड कौर के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज

ब्रिटेन में रहने वाली रैपर तरन कौर ढिल्लों उर्फ हार्ड कौर के खिलाफ सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

ढिल्लों भारत में पैदा हुई थीं।  जिसके बाद वे यूके चली गईं. सिंगर हार्ड कौर 'ग्लासी' और 'मूव यॉर बॉडी' गानों से बॉलीवुड में फेमस हुई थी।  हार्ड कौर ने 'सिंह इज किंग' , 'बचना ए हसीनों' , 'किस्मत कनेक्शन' जैसी फिल्मों में भी सुपरहिट सॉन्ग गाए हैं। इसके अलाव वो अपने सोशल मिडिया एकाउंट से संप्रदायिकता और रेप जैसी घटनाओ को लेकर भी खुलकर बोलती रही है। 

कैंट थाने के प्रभारी (एसएचओ) विजय प्रताप सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि स्थानीय वकील शशांक शेखर ने बुधवार को इस संबंध में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने कौर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 153ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके आलावा 500, 505 और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.सिंह ने बताया कि शिकायत को आगे की जांच के लिए साइबर प्रकोष्ठ को भेजा जाएगा।

हार्ड कौर के खिलाफ वाराणसी के वकील शशांक शेखर ने एफआईआर दर्ज करवाई हैं। जो आरएसएस के सदस्य है।  कथित तौर पर कौर के फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर आदित्यनाथ को ‘रेपमैन’ और हेमंत करकरे की मौत के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए पोस्ट लिखा गया है।  ये वही  करकरे है जो  26/11 के मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। जिसके बारे में चुनाव के दौरन प्रज्ञा ने उनको लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी जिसमे उन्होंने कहा था करकरे उनके श्राप से मरे है। 

इससे पहले भी अपने एक वीडियो में उन्होंने भारत के नागरिकों से एक अपील की थी कि आप संविधान पढ़ें ताकि अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो सकें। 

ये कोई पहला मौका नहीं जब किसी के खिलाफ केबल इसलिए राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ हो क्योंकि उसने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ  कुछ लिखा हो अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली में एक स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को भी ऐसे ही मामले में गिरफ़्तार किया गया था लेकिन उन्हें जल्द ही सुप्रीम कोर्ट ने जामनत पर रिहा कर दिया था।  और ऐसा ही योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद कई  तरह के मुकदमो में  गिरफ़्तार किया गया है। 

(भाषा के इनपुट के साथ )

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest