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राजस्थान: मॉब लिंचिंग और आनॅर किलिंग को लेकर विधानसभा में बिल पेश 

राजस्थान विधानसभा में पेश ‘मॉब लिंचिंग’ संबंधी विधेयक के तहत मॉब लिंचिंग को ग़ैर-ज़मानती अपराध के साथ दोषी को आजीवन कारावास और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें राज्य में ‘मॉब लिंचिंग’ रोकने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान भी शामिल है।
Mob lynching

देश भर में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर छिड़ी बहस के बीच राजस्थान सरकार ने इस मसले पर कानून बनाने की पहल की है। प्रदेश सरकार ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग पर रोकथाम के लिए मंगलवार को विधानसभा में दो बिल पेश किए। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने वैवाहिक संबंधों की स्‍वतंत्रता में हस्‍तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक, 2019 और राजस्‍थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक, 2019 को सदन में पेश किया। विधेयक के अनुसार कथित सम्मान के लिए की जाने वाली हिंसा व कृत्य भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है और इन्हें रोकना जरूरी है। 
 
उच्चतम न्यायालय ने 17 जुलाई को अपने निर्णय में इस संबंध में कानून बनाने की सिफारिश की थी। मॉब लिंचिंग पर लगाम लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक के अनुसार, भारत का संविधान समस्त लोगों को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता और विधियों के समान संरक्षण के अधिकार देता है। हाल में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं, जिनके परिणामस्वरूप मॉब लिंचिंग के कारण व्यक्तियों की जीविका की हानि और उनकी मृत्यु हुई है। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को बजट भाषण के जवाब के दौरान मॉब लिंचिंग और आनॅर किलिंग को रोकने के लिए कानून बनाने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि मंगलवार को राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद ने सरकार से कहा था कि उसे मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार इस मसले पर कुछ करने से पीछे हट रही है। 

अशोक गहलोत ने ट्वीट  कर  कहा कि राजस्थान विधानसभा में पेश किए गए ‘ऑनर किलिंग’ संबंधी विधेयक में इसे गैर-जमानती तो बनाया ही गया है, साथ ही दोषी को आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में आरोपी को मृत्युदंड का भी प्रावधान है। इस विधेयक का उद्देश्य हिंसा और आपराधिक धमकी के ऐसे कृत्य के लिए कड़ी सजा देना है। 

एक दूसरे ट्वीट में गहलोत ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में पेश ‘मॉब लिंचिंग’ संबंधी विधेयक के लिए गैर-जमानती अपराध के साथ दोषी को आजीवन कारावास और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें राज्य में ‘मॉब लिंचिंग’ रोकने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान है।

आगे उन्होंने कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ के कारण लोगों की आजीविका का नुकसान होता है और भीड़ द्वारा लोगों को चोटिल कर दिया जाता है और उन्हें मार दिया जाता है। विधेयक का उद्देश्य इस बुराई को खत्म करना है और इसके खिलाफ विशेष अपराध बनाकर लिंचिंग से नफरत या उकसावे को फैलाने से रोकना है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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