शर्मनाक: बलात्कार पीड़ित छात्रा का आरोप, दिल्ली पुलिस ने मदद से किया इंकार

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर शर्मसार है। तमाम वादों और दावों के बावजूद आज भी महिलाएं यहां सड़कों पर सुरक्षित नहीं हैं। 2 अगस्त को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की द्वितीय वर्ष की छात्रा से कथित बलात्कार मामले में एक नया खुलासा हुआ है। छात्रा ने 'द हिन्दू' को बताया कि जिस समय उसके साथ ये वारदात हुई, पुलिस अधिकारियों ने उसकी सहायता करने से मना कर दिया। छात्रा ने कहा कि वह उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहती है।
पीड़िता ने बताया कि उसने शुक्रवार रात लगभग 8 बजे मंदिर मार्ग के एक मंदिर के सामने से काले रंग की एक कैब ली थी। यात्रा के दौरान ड्राइवर ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया, जिसके बाद उसने कैब ड्राइवर को थप्पड़ मार दिया। इस सबके बीच ड्राइवर ने कैब रोकी और वह गाड़ी से बाहर निकल गई लेकिन ड्राइवर उसका पीछा करता रहा। पीड़िता ने बताया कि ड्राइवर ने उसे बालों से पकड़ कर गाड़ी में खींचा और आंखों पर पट्टी बांध दी,फिर उसका बालात्कार किया। पुलिस को दिए अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि कैब चालक शराब के नशे में था।
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पीड़िता ने पुलिस पर सहायता न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, जब वह पुलिस स्टेशन पहुंची को उसे दो महिला पुलिस अधिकारियों समेत चार अधिकारी मिले। जब छात्रा ने महिला पुलिस अधिकारी से उसे छोड़ने को कहा तो उसने ये कहते हुए मना कर दिया कि उनकी ड्यूटी केवल आठ से आठ की ही होती है। इसके साथ ही महिला अधिकारी ने पीड़िता को पुलिस स्टेशन से जाने को भी कहा।
इस पूरे मामले में दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने पुलिस को नोटिस जारी कर जांच की विस्तृत जानकारी मांगी है। डीसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘ यह स्तब्ध करने वाली घटना है कि दिल्ली की सड़कों पर गश्ती दलों की कमी के कारण एक युवती के साथ बलात्कार हुआ।'
डीसीडब्ल्यू पैनल ने मामले में कितने लोगों की गिरफ्तारी की गयी, प्राथमिकी की प्रति, मामले में की गयी पीसीआर कॉल के संबंध में जानकारी और पुलिस के मौके पर पहुंचने में लगे समय सहित स्थिति रिपोर्ट मांगी है। उसने तीन घंटे के लिए कैब द्वारा लिए गए ‘रूट मैप' की एक प्रति और सभी पुलिस चौकियों, नाकों, पीसीआर स्टेशन पॉइंट्स की जानकारी भी मांगी है। पैनल ने दो अगस्त की सभी सूचनाएं मुहैया कराने को कहा है।
इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी दिल्ली पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पीड़िता को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है।
बता दें कि, स्वतंत्रता दिवस के चलते पूरी दिल्ली इन दिनों हाई एलर्ट पर है और मंदिर मार्ग थाना, जहां एफआईआर दर्ज हुई है वो राजधानी के वीआईपी इलाकों में शुमार है, यहां से थोड़ी ही दूरी पर संसद भवन स्थित है। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि इतनी चाक-चौबंद सुरक्षा में भी अगर सेंध लग सकती है, तो ये वाकई चिंताजनक है।
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