दिल्ली में जेएनयू छात्रा से कैब ड्राइवर ने किया दुष्कर्म, 3 घंटे तक गाड़ी में घुमाता रहा ड्राइवर
राजधानी दिल्ली की सड़कें आज भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा दिल्ली पुलिस ही नहीं केंद्र व प्रदेश सरकार के लिए भी हमेशा से गंभीर चुनौती रही है। साल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद पूरे देश में आक्रोश देखने को मिला था। लोग सड़कों पर उतरे, नए कानूनों की परिभाषा गढ़ी गई लेकिन अफसोस आज भी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज भी सड़क पर, सार्वजनिक वाहनों व निजी कंपनियों की कैब में महिलाओं के साथ अक्सर छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती हैं।
मंदिर मार्ग, दिल्ली के वीआईपी एरिया में शुमार है, यहां बिड़ला मंदिर, कालीबाड़ी मंदिर, बालाजी मंदिर जैसे कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। कुलमिलाकर देखा जाए तो पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था यहां होती है। इतना ही नहीं 15 अगस्त के मद्देनज़र इस समय पूरी दिल्ली हाई अलर्ट पर है, लेकिन हैरानी की बात है कि इसी व्यवस्था में एक कैब ड्राइवर ने तमाम सुरक्षा इंतज़ामों के बीच एक छात्रा से कथित तौर पर दुष्कर्म के वारदात को अंजाम दिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने मंदिर मार्ग पुलिस थाने में कैब ड्राइवर के खिलाफ बालात्कार का मामला दर्ज कराया है। जानकारी के अनुसार 2 अगस्त को छात्रा के दोस्त का बर्थडे था। वो इसमें शामिल होने कनॉट प्लेस गई थी। रात करीब 8 बजे युवती ने मंदिर मार्ग स्थित एक मंदिर के बाहर से जेएनयू के लिए कैब ली। रास्ते में कैब चालक ने उसे नशीला पदार्थ खिला दिया, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसने कैब में ही उसके साथ दुष्कर्म किया। चौंकाने वाली बात ये है कि कड़ी सुरक्षा के बीच तीन घंटे से अधिक समय तक वह छात्रा को घुमाता रहा। रात करीब 12 बजे वह युवती को आईआईटी के नजदीक हौजखास के एक पार्क के पास छोड़कर फरार हो गया।
युवती रातभर पार्क के पास ही पड़ी रही। सुबह राहगीरों ने देखा तो पुलिस को खबर दी। पुलिस ने युवती को एम्स में भर्ती कराया जहां इलाज के बाद रविवार को उसे छुट्टी दे दी गई। मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि की गई है।
मंदिर मार्ग पुलिस थाने ने न्यूज़क्लिक से एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है। पीड़िता के बयान के आधार पर कैब चालक की पहचान करने के लिए सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि युवती पर अभी तक नशे का प्रभाव है। इससे वह कुछ भी ठीक से बता नहीं पा रही है।
इस खबर पर न्यूज़क्लिक ने राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली महिला आयोग से जानकारी मांगी, जिसके जवाब में राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस खबर पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की और पीड़ित छात्रा को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली को 2016 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनआरबी) के जारी आंकड़ों के बाद रेप कैपिटल तक कहा जाने लगा। इसके अनुसार दिल्ली में देश के 19 प्रमुख शहरों के मुकाबले सबसे अधिक अपराध के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किये गए। इस रिकॉड के मुताबिक कुल 41,761 मामलों में से अकेले दिल्ली में 33 प्रतिशत यानी 13,803 मामले सामने आए।
आजतक की खबर के अनुसार दिल्ली पुलिस के आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि इस साल 15 जुलाई तक बलात्कार के औसतन 6 और छेड़छाड़ के 8 मामले दर्ज किए गए, जबकि गत वर्ष प्रदेश में दुष्कर्म के लगभग 2000 से अधिक मामले दर्ज कराए गए हैं। ये आंकड़े यकीनन आंखें खोलने के लिए काफी हैं। दिल्ली में सरकारें महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताने से नहीं चूकती हैं। लेकिन लगातार महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध, सुधार लाने की दिशा में किए गए बड़े-बड़े दावों की पोल खोल देते हैं।
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