वोटबैंक की राजनीति से राष्ट्रीय सुरक्षा पर ख़तरा!
जब कूटनीति वोटबैंक से संचालित होने लगती है तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है इस पर अपनी राय रख रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा...
एक नागरिक के तौर पर उन प्रवृत्तियों को समझना जरूरी है जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा पैदा होता है। पुलवामा के बाद बालाकोट हुआ और बालाकोट के बाद जिस तरह की कूटनीति हुई, उससे ऐसा लगता है कि कूटनीति कम घरेलू राजनीति में नंबर हासिल करने की ज्यादा कोशिश की जा रही है। जब कूटनीति वोटबैंक से संचालित होने लगती है तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है इस पर अपनी राय रख रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा...
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