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ज़ोमैटो डिलीवरी एजेंटों ने तिरुवनंतपुरम में शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल

डिलीवरी एजेंटों ने ज़ोमैटो फ़ूड एग्रीगेटर के प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि बिना किसी अतिरिक्त लाभ के उन्हें फ़ुल टाइम काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
ज़ोमैटो डिलीवरी एजेंटों ने तिरुवनंतपुरम में शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल
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तिरुवनंतपुरम: तिरुवनंतपुरम में ऑनलाइन खाद्य वितरण कंपनी जोमैटो के वितरण एजेंटों ने उचित वेतन और कर्मचारी लाभ की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।  भारत के 'सबसे बड़े फूड एग्रीगेटर' के डिलीवरी एजेंटों ने कर्मचारियों के लाभों में कमी के मामले में लाए गए नए सुधारों को जिम्मेदार ठहराया है। जैसे-जैसे ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं, डिलीवरी एजेंटों को 12 घंटे से अधिक काम करने और दिन में 180 किमी से अधिक यात्रा कर फूड वितरण करने के बाद भी बहुत कम लाभ मिल रहा हैं।

नतीजतन, डिलीवरी एजेंटों का एक तबका ऑफलाइन चला गया है और शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। शनिवार को हड़ताल पर गए एजेंटों ने केरल के श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। मंत्री ने श्रम आयुक्त से परामर्श के बाद सरकार के हस्तक्षेप का आश्वासन दिया है। डिलीवरी एजेंटों ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को भी एक ज्ञापन भी सौंपा है।

एजेंटों ने हाल ही में शुरू की गई 'गिग्स' प्रणाली को दोषी ठहराया है

खाद्य वितरण कंपनी ने जनवरी 2022 में काम की व्यवस्था में ने सुधार की शुरुवात करते हुए नई 'गिग्स' प्रणाली की शुरुआत की है। डिलीवरी एजेंटों का कहना है कि शुरू में, कंपनी ने उनमें से अधिकतर एजेन्टों को नई प्रणाली के लिए साइन अप करने के लिए आकर्षक पारिश्रमिक दिया था। लेकिन अब जब उनमें से एक बड़े वर्ग को नई प्रणाली में स्थानांतरित कर दिया गया है, तो उनके लाभों में कटौती कर दी गई है। 

वर्तमान में, अगर हम लगातार 15 घंटे काम करते हैं, और लगभग 200 किमी तक के दायरे में  खाना वितरित करते हैं तो ईंधन शुल्क सहित सभी खर्चों के बाद, प्रति दिन 400 रुपये से कम बचते है। जोमैटो के डिलीवरी एजेंट हरीश (नाम बदला हुआ) कहते हैं, यह पिछले साल की तुलना में 75 प्रतिशत कम है।

हरीश ने बताया कि, पहले, हमें 5 किमी के भीतर हर डिलीवरी के 25 रुपये और उससे आगे के लिए 5 रुपये प्रति किमी मिलते थे। नई प्रणाली के चलते हमें पिकअप के लिए नहीं बल्कि केवल डिलीवरी के लिए भुगतान किया जाता है। इसका मतलब है कि अगर मैं ऑर्डर लेने के लिए अपने वर्तमान स्थान से रेस्तरां तक 8 किमी तक जाता हूं, और फिर इसे 2 किमी दूर वितरित करता हूं, तो मुझे केवल बाद वाले के लिए भुगतान मिलेगा।

'गिग्स’ (GIGS) जोमैटो द्वारा पेश किया गया एक नया टाइम स्लॉट बुकिंग सिस्टम है। गिग एक टाइम स्लॉट को संदर्भित करता है। नई प्रणाली के अनुसार, डिलीवरी एजेंटों को अधिक कमाई के लिए अधिक 'गिग्स' बुक करने के लिए कहा जाता है। जो लोग अधिक गिग्स बुक करते हैं उन्हें ऑर्डर हासिल करने के मामले में उच्च प्राथमिकता दी जाती है। नई प्रणाली के साथ, कंपनी 'डिलीवरी पार्टनर्स' को 'कर्मचारी' के रूप में स्वीकार किए बिना, पूर्णकालिक प्रतिबद्धता की तरफ धकेल रही है। डिलीवरी एजेंट जिन नियमों और शर्तों को स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं, उनके लिए सामाजिक सुरक्षा कवर और बीमा से वंचित करने के लिए सावधानी से मसौदा तैयार किया गया है, खासकर ड्यूटी के दौरान दुर्घटनाओं के मामले में ऐसा किया गया है। कंपनी डिलीवरी एजेंटों को सूचित किए बिना और किसी पूर्व सूचना के नियम और शर्तों में संशोधन कर सकती है।

एक अन्य जोमैटो डिलीवरी एजेंट शिवरामन (नाम बदला हुआ), जो छह साल से विभिन्न खाद्य वितरण ऐप के साथ काम कर रहा है, ने न्यूज़क्लिक को बताया कि कंपनी द्वारा पेश की गई नई काम की व्यवस्था के समझौते में कोई स्पष्टता नहीं है। इसमें 'डिलीवरी पार्टनर्स' को दिए जाने वाले मूल पारिश्रमिक और प्रोत्साहनों पर विशिष्ट विवरण का अभाव है। हम नए गिग्स सिस्टम में जाने के इच्छुक नहीं हैं, शिवरामन अभी भी पुराने रेट-कार्ड सिस्टम के अनुसार जोमैटो के साथ काम करते हैं। वे बताते हैं कि, वे हमें 'डिलीवरी पार्टनर' कहते हैं, लेकिन वे हमसे काम के दौरान जोमैटो टी-शर्ट और हमारे बैग का भी शुल्क लेते हैं। न ही हमें बुनियादी कर्मचारी लाभ मिलते हैं।

शिवरामन ने बताया कि, "हमारा कंपनी के साथ एकमात्र संपर्क जोमैटो टीम लीडर से है। जब भी हम इस तरह की चिंताएं उठाते हैं तो वह कभी भी हमारी कॉल्स अटेंड नहीं करते हैं। इसके बजाय, टीम लीडर इस बात पर जोर देता है कि हम लाभ के लिए और भी अधिक काम करते रहें। इसके अलावा, वे हमें बर्खास्त करने, खाते को ब्लॉक करने और पुलिस मामले दर्ज करने की धमकी दे रहे हैं। कंपनी के अधिकारियों ने कई डिलीवरी एजेंटों से संपर्क किया है ताकि वे हड़ताल पर रहने वालों के खिलाफ फर्जी आरोप पुलिस में दर्ज करा सकें। हमने अन्य एजेन्टों से बात करने और उन्हें हड़ताल में शामिल होने के लिए मनाने की कोशिश की है।

भोजन वितरण में एकाधिकार

चूंकि जोमैटो ने 2020 में उबर इट्स का अधिग्रहण किया था, इसलिए जोमैटो और स्वीगी ने देश भर में ऑनलाइन भोजन वितरण में एकाधिकार हासिल कर लिया है। खाद्य वितरण एजेंटों के शोषण में दो प्लेटफार्मों में बहुत कम अंतर हैं। कंपनी की भुगतान नीति का विरोध करते हुए अगस्त 2020 में चेन्नई से शुरू की गई स्विगी कर्मचारियों की हड़ताल हैदराबाद और दिल्ली जैसे अन्य शहरों में भी फैल गई थी।

कम पारिश्रमिक के अलावा, इन दो प्लेटफार्मों पर खाद्य वितरण एजेंटों की एक आम चिंता दयनीय काम करने की स्थिति रही है। न तो रेस्तरां और न ही एग्रीगेटर कंपनियां डिलीवरी एजेंटों को पिकअप के दौरान या ऑर्डर की प्रतीक्षा करते समय प्रतीक्षा स्थल प्रदान करती हैं। जबकि एजेंट ग्राहकों को समय पर भोजन कारने के लिए अक्सर संघर्ष करते हैं, उनमें से अधिकांश को घर से लाए भोजन को पार्क या बस स्टैंड पर खाने के लिए मजबूर किया जाता है। कंपनियों के काम के शेड्यूल को सख्त करने के साथ, कई लोगों का कहना है कि उन्हें उचित भोजन के लिए मुश्किल से ही समय मिलता है। दुर्घटनाएं भी आम हैं क्योंकि वे समय पर पहुंचने के लिए यातायात में तेजी से वाहन चलाते हैं। कठोर मौसम, व्यस्त यातायात, या यहां तक कि महामारी ने कारण भी कंपनी के दृष्टिकोण में बदलाव नहीं आया है, और उस पर उचित प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। 

दो प्रमुख फूड एग्रीगेटर्स के 'अस्वस्थ संचालन' से नाखुश केवल डिलीवरी एजेंट ही नहीं हैं। भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (NRAI) ने जुलाई 2021 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से संपर्क किया था, जिसमें एकाधिकार की 'स्वाभाविक रूप से प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं' को उठाया गया था।

सामूहिक प्रयासों की ओर

अकेले जोमैटो में तिरुवनंतपुरम में लगभग 2,500 फूड डिलीवरी एजेंट हैं। शुक्रवार से जब उनमें से एक वर्ग हड़ताल पर चला गया, तो शुक्रवार, शनिवार और रविवार को फूड डिलीवरी ऐप का संचालन काफी हद तक बाधित हो गया था। कई डिलीवरी एजेंट जो ऑफ़लाइन हो गए थे, उन्हें बाद में टीम लीडर के फोन आए और उन्हें हड़ताल में भाग न लेने की धमकी दी गई। दस एजेंटों को बाद में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ब्लॉक कर दिया गया। कंपनी ने संघर्ष को वश में करने के लिए आउटसोर्सिंग खाद्य वितरण को भी नियोजित करना शुरू कर दिया है।

जोमैटो के प्रदर्शनकारी एजेन्टों ने सभी फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर डिलीवरी एजेंटों का एक संगठन बनाने का फैसला किया है। उनके प्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर ट्रेड यूनियन नेताओं के संपर्क में हैं।

 

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