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बीजेपी नेता ने शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों को हटाने संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की

शाहीन बाग में नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के चलते कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग और ओखला अंडरपास पर यातायात प्रतिबंध लगाए गए हैं।
SC

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली भाजपा के एक नेता से शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने संबंधी उनकी याचिका पर सुनवाई की तारीख जल्दी दिए जाने के लिए मंगलवार को संबद्ध अधिकारी के पास जाने को कहा।

भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग ने अदालत से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले अहम मार्ग पर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ करीब दो महीने से चल रहे प्रदर्शन के कारण निवासियों को आ रही समस्या पर गौर करते हुए अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया है।

प्रधान न्यायाधीश एसएबोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'आप याचिका का उल्लेख करने वाले अधिकारी के पास जाएं।’ प्रदर्शन के कारण दिल्ली के विभिन्न मुख्य मार्ग ट्रैफिक समस्या का सामना कर रहे हैं। कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग और ओखला अंडरपास पर यातायात प्रतिबंध लगाए गए हैं।

केंद्र ने अदालत को बताया, जामिया हिंसा मामले की जांच अहम चरण में

केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा की घटना में जांच अहम चरण पर है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जांच के संबंध में रिपोर्ट दायर करने के लिए और समय मांगते हुए यह दलील मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष रखी। दलील पर गौर करते हुए पीठ ने केंद्र को जवाब दायर करने के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया।

सुनवाई के दौरान, जामिया के कुछ छात्रों का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने कहा कि 93 छात्रों एवं शिक्षकों ने उनके ऊपर हुए कथित हमलों की पुलिस में शिकायत दायर करवाई है लेकिन अब तक एजेंसी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
 
याचिकाकर्ताओं के अन्य वकीलों ने आरोप लगाया कि सरकार ने 19 दिसंबर को हुई अंतिम सुनवाई के वक्त चार हफ्ते के भीतर जवाब दायर करने के लिए दिए गए अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया है। हालांकि पीठ ने अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार किया और सरकार को जवाब दायर करने के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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