Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री के ख़िलाफ़ शिकायत पर आगरा में उनका कार्यक्रम स्थगित

गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ के ख़िलाफ़ सादाबाद (हाथरस) के निवासी संदीप कुमार पाठक ने कोतवाली में शिकायत देकर इसमें हिंदू देवता शिव और देवी पार्वती के बारे में आपत्तिजनक संदर्भ होने का आरोप लगाया है।
Gitanjali Shree
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका गीतांजलि श्री के सम्मान में आगरा में शनिवार को आयोजित होने वाले अभिनंदन समारोह को स्थगित कर दिया गया है। लेखिका के खिलाफ दर्ज कराई गई उस शिकायत के बाद यह फैसला लिया गया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके उपन्यास में भारतीय देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां हैं।

आगरा के होटल क्लार्क शीराज में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल शुक्ल और सामाजिक कार्यकर्ता हरविजय बाहिया ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ के खि़लाफ सादाबाद (हाथरस) के निवासी संदीप कुमार पाठक ने कोतवाली में शिकायत देकर इसमें हिंदू देवता शिव और देवी पार्वती के बारे में आपत्तिजनक संदर्भ होने का आरोप लगाया है।

पाठक ने एक ट्वीट कर इसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस महानिदेशक से शिकायत को प्राथमिकी में बदलने का अनुरोध किया है। स्थानीय पुलिस ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

इस बीच, हाथरस से मिली खबर के मुताबिक पाठक ने सादाबाद थाना क्षेत्र में गीतांजलि श्री के खिलाफ तहरीर दी है, लेकिन अभी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी ब्रह्म सिंह ने बताया कि लेखिका गीतांजलि श्री के खिलाफ शिकायत दी गई है, लेकिन उसकी अभी जांच चल रही है। फिलहाल, मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। 

‘अभिनंदन समिति’ के प्रवक्ता रामभरत उपाध्याय ने विज्ञप्ति में कहा कि इन सब घटनाओं से गीतांजलि श्री बहुत आहत हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक, लेखिका का कहना है कि उनके इस उपन्यास को जबरन राजनीतिक विवाद में घसीटा जा रहा है और उपन्यास में किये गए उल्लेख भारत के मिथकीय और शास्त्रीय साहित्य का अभिन्न अंग हैं।

हिंदी की प्रख्यात लेखिका गीतांजलि श्री को उनके उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘सैंड ऑफ टॉम्ब’ के लिए 2022 के ‘बुकर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

बता दें कि यह उपन्यास उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर आधारित है और 80 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की कहानी बयां करता है। यह महिला पाकिस्तान जाती है और विभाजन के वक्त की अपनी पीड़ाओं का हल तलाशने की कोशिश करती है। वह इस बात का मूल्यांकन करती है कि एक मां, बेटी, महिला और नारीवादी होने के क्या मायने हैं। 

न्यूज एजेंसी भाषा इनपुट के साथ।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest