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मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर और दफ्तरों पर ED का छापा

आज ही आयकर विभाग ने उनके द्वारा चलाए जा रहे बच्चों के शेल्टर होम पर भी छापा मारा है।
Harsh Mander

आज गुरुवार को सुबह मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के संस्थान सेंटर फोर इक्यूटि स्टडिज (सीईएस) के दफ्तर व उनके घर पर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) द्वारा छापा मारा गया। इसके अलावा आज ही आयकर विभाग ने उनके द्वारा चलाए जा रहे बच्चों के शेल्टर होम, उम्मीद अमन घर पर भी छापा मारा है।

द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईडी ने पूर्व आईएएस अधिकारी के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी की कार्रवाई कथित तौर पर दिल्ली पुलिस द्वारा मंदर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद हुई है।

ईडी के अधिकारियों ने अखबार को बताया कि अधिकारी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में उनके आवास और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज पर छापेमारी कर रहे हैं, मंदर जिनके निदेशक हैं।

द क्विंट की रिपोर्ट है कि यह कार्रवाई मंदर और उनकी पत्नी के नौ महीने की फेलोशिप के लिए जर्मनी जाने के कुछ घंटों बाद हुई है। वेबसाइट ने यह भी कहा कि उनके उपकरणों को जब्त कर लिया गया है।

सीपीएम दिल्ली के सचिव के.एम. तिवारी ने अपने एक लिखित बयान में कहा कि हर्ष मंदर लगातार धर्मनिरपेक्षता व मज़दूरों के पक्ष में तथा भाजपा-आरएसएस की जन विरोधी व साम्प्रदायिक नीतियों के खिलाफ़ काम करते रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई स्पष्ट तौर पर विरोध की आवाज़ों को दबाने की योजना का हिस्सा है तथा सीपीआई(एम) इसकी कड़ी भर्त्सना करता है।

मंदर केंद्र में वर्तमान सत्ताधारी बीजेपी के आलोचक रहे हैं, उनका नाम पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में भी दर्ज किया गया है, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।

सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की निंदा करते हुए, शिक्षाविदों, लेखकों, अधिकार कार्यकर्ताओं और पूर्व सिविल सेवकों सहित नागरिक समाज के सदस्यों ने पिछले जून में एक पत्र भी लिखा था।  

यह पत्र ऐसे समय में आया जब दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में उनके नाम का जिक्र किया था। पत्र में उल्लेख किया गया है कि दिल्ली पुलिस ने दंगों के कालक्रम को "गढ़ने" के लिए मंदर और अन्य कार्यकर्ताओं के नामों का उल्लेख किया है और उसी के आसपास एक "गलत कहानी" बनाई है। विचाराधीन चार्जशीट में कहा गया है कि मंदर ने 16 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में दिए गए एक भाषण में "प्रदर्शनकारियों को उकसाया" था।

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