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उन्नाव: दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत मामले में सेंगर गैर इरादतन हत्या का दोषी करार

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बुधवार को कहा कि सेंगर का पीड़िता के पिता की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। ‘उनकी (पीड़िता के पिता की) बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके चलते उनकी मौत हुई।’
kuldeep senger

दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ एसएचओ अशोक भदौरिया व केपी सिंह और कुलदीप के भाई को दोषी करार दिया है। सजा सुनाने के लिये दिल्ली की अदालत ने 12 मार्च की तारीख तय की है।

बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता की नौ अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बुधवार 4 मार्च को कहा कि सेंगर का पीड़िता के पिता की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, ‘उनकी (पीड़िता के पिता की) बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके चलते उनकी मौत हुई।’

अदालत ने 2017 में दुष्कर्म करने के आरोप में बाते साल 20 दिसंबर को सेंगर को आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। घटना के वक्त पीड़िता नाबालिग थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में 55 गवाहों से जिरह की और बचाव पक्ष ने नौ गवाहों से जिरह की। अदालत ने पीड़िता के चाचा, मां, बहन और उसके पिता के एक सहकर्मी के बयान दर्ज किए। उसके पिता के सहकर्मी ने घटना का चश्मदीद होने का दावा किया था।

सीबीआई के अनुसार, तीन अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता और शशि प्रताप सिंह के बीच झगड़ा हुआ था। 13 जुलाई 2018 को दाखिल आरोपपत्र में कहा गया कि पीड़िता के पिता और उनके सहकर्मी अपने गांव माखी लौट रहे थे तभी उन्होंने सिंह को (अपने वाहन में) लिफ्ट देने के लिए कहा। सिंह ने लिफ्ट देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनके बीच विवाद हुआ। सिंह ने अपने सहयोगियों को बुलाया। 

इसके बाद कुलदीप सेंगर का भाई अतुल सिंह सेंगर अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा और महिला के पिता तथा उनके सहकर्मी की पिटाई की। इसके बाद वे महिला के पिता को पुलिस थाना ले गए, जहां उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपपत्र में कहा गया है कि इन सबके दौरान कुलदीप सेंगर जिले के पुलिस अधीक्षक और माखी पुलिस थाने के प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया के संपर्क में था। बाद में उसने उस डॉक्टर से भी बात की जिसने दुष्कर्म पीड़िता के पिता की जांच की थी।

मामले में सेंगर, उसके भाई अतुल, भदौरिया, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, कांस्टेबल आमिर खान और छह अन्यों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। पिछले साल एक अगस्त को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मामला उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।

जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उस कार को टक्कर मार दी, जिसमें पीड़िता अपने परिवार के कुछ सदस्यों तथा अपने वकील के साथ यात्रा कर रही थी। घटना में उसकी दो रिश्तेदारों की मौत हो गई। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से विमान से दिल्ली स्थित एम्स लाया गया।
पीड़िता को दिल्ली में ठहराया गया है और वह सीआरपीएफ की सुरक्षा में है।

गौरतलब है कि उन्नाव के चर्चित दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिये गये विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को एक अगस्त 2019 को भारतीय जनता पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।

(समाचार एजेंसी भाषा की इनपुट के साथ)

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